अयोध्या में हनुमानगढ़ी के पुजारी की गला काटकर हत्या:मंदिर के आश्रम में मिली लाश, CCTV बंद करता नजर आया एक शिष्य; 50 फीट दूर तैनात थी पुलिस

अयोध्या में हनुमानगढ़ी के सहायक पुजारी की हत्या कर दी गई। मंदिर के आश्रम में एक कमरे में पुजारी की लाश मिली। धारदार हथियार से गला काटकर उनकी हत्या की गई। कमरे में चारों तरफ खून बिखरा हुआ था। जिस कमरे में वारदात हुई वहां से महज 40-50 फीट की दूरी पर पुलिस तैनात थी। लेकिन, पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।

मृतक पुजारी की शिनाख्त राम सहारे दास के तौर पर हुई। वह हनुमानगढ़ी की बसंतिया पट्‌टी के साकेतवासी संत दुर्बल दास के शिष्य थे। हनुमानगढ़ी के आश्रम के जिस कमरे में पुजारी की लाश मिली, वहां वह अपने 2 चेलों के साथ रहते थे। एक चेला सीसीटीवी बंद करता हुआ नजर आया। वह मौके से फरार है। जबकि दूसरे को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

ये हत्या क्यों की गई। इसके पीछे 2 आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं। पहली, पुजारी का 10 बीघा जमीन का विवाद चल रहा था। दूसरी, जिस चेले के साथ वो रहते थे।उनके साथ विवाद हुआ था।अयोध्या के IG प्रवीण कुमार और SSP राज करण नैय्यर भी मौके पर आए। छानबीन में सामने आया कि गला रेतकर हत्या हुई। लेकिन मौके से धारदार हथियार नहीं मिला। फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया।

कातिल दरवाजा बंद करके भागा
गुरुवार सुबह करीब 6 बजे हत्या का पता उस वक्त चला, जब पुजारी के कमरे का दरवाजा नहीं खुला। अमूमन राम सहारे दास तड़के उठते थे। पूजा शुरू कर देते थे। गुरुवार को ऐसा नहीं हुआ। उनके कमरे के दरवाजे बंद थे। कुछ साधुओं ने उनको आवाज दी, लेकिन रिस्पांस नहीं आया। इसके बाद उनके कमरे का दरवाजा खोला। हल्का धक्का दिया तो दरवाजे खुल गए। अंदर चारों तरफ खून बिखरा हुआ था। पुजारी की लाश पड़ी थी। उसने अन्य साधुओं को बताया। फिर पुलिस को जानकारी दी।

सीसीटीवी बंद करता नजर आया एक चेला
पुजारी के गले पर गहरा घाव मिला है। उनकी गर्दन काटकर हत्या की गई। पुलिस की शुरुआती जांच के मुताबिक, अंबेडकरनगर के भीटी में करीब 10 बीघा जमीन के मालिकान हक का विवाद बताया जा रहा है। वहीं पुलिस को यह भी बताया गया कि बुधवार शाम को राम सहारे का विवाद, उनके कमरे में रहने वाले चेला से हुआ था।

हत्या के बाद एक चेला गायब है। जबकि पुलिस ने दूसरे चेले को हिरासत में लिया है। पुलिस ने सबूतों के लिए मंदिर परिसर में लगे CCTV देखने चाहा, तो सामने आया कि कत्ल से पहले कैमरों को बंद किया गया था। ऐसा फुटेज भी पुलिस को मिला है, जिसमें चेला कैमरों को बंद कर रहा है। वह मौके से फरार है। उसकी तलाश की जा रही है।

बसंतिया पट्टी की तरफ से मिली थी पूजा की जिम्मेदारी
साधु राम सहारे दास हनुमान गढ़ी के सहायक पुजारी थे। वे बसंतिया पट्टी की ओर से पुजारी थे। हनुमानगढ़ी की पूजा में एक समय पांच पुजारी होते हैं। चारों पट्टी के चार व एक मुख्य पुजारी निर्वाणी अखाड़ा से नियुक्त होते हैं। इनका कार्यकाल 6 महीने का होता है।

साधुओं में इसलिए भी आक्रोश है, क्योंकि साधु की हत्या, जिस कमरे में हुई है। उससे सिर्फ 50 फीट दूर पर पुलिस पिकेट मौजूद रहती है। 1 महीने पहले भी द्वार के पास एक साधु की लाश मिल चुकी है।