वायु प्रदूषण ने शुक्रवार को सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। दिल्ली-NCR के कई शहरों की एयर क्वालिटी सुबह ही डेंजर जोन में पहुंच गई है। ग्रेटर नोएडा की एयर क्वालिटी देश में सबसे खराब दर्ज की गई है, जहां का AQI 476 है। लोगों की आंखों में जलन और गले में खराश महसूस हो रही है।
आसमान में घनी धुंध छाई हुई है। बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर जहां ग्रैप का थर्ड स्टेज लागू करते हुए सख्तियां बढ़ा दी गई हैं, वहीं दिल्ली में अब बसों के बाद BS3 और BS4 वाली सभी गाड़ियों के चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इससे गाजियाबाद-नोएडा के लाखों वाहन चालक प्रभावित होंगे, जो हर रोज अपने कामकाज के सिलसिले में दिल्ली जाते हैं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का दावा गलत, स्प्रिंक्लर-एंटी स्मॉग गन नहीं दिखे
इस वक्त प्रदूषण की सबसे ज्यादा स्थिति खराब ग्रेटर नोएडा की है। इसके बावजूद यहां की लोकल अथॉरिटी प्रदूषण रोकने के नाम पर हवा-हवाई दावे कर रही है। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच में पता चला है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 57 स्प्रिंक्लर तैनात करने का जो दावा किया था, वो गलत निकला है। कंट्रोल बोर्ड के गुरुवार के निरीक्षण में एक भी स्प्रिंक्लर सड़कों पर नहीं मिला। मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें भी नहीं मिलीं। न ही कहीं पर एंटी स्मॉग गन दिखाई दीं। इधर, प्राधिकरण लगातार दावा कर रहा है कि हम हर स्तर पर वायु प्रदूषण की रोकथाम में जुटे हुए हैं।
40 निर्माण कार्यों पर 22.75 लाख जुर्माना
वायु प्रदूषण की इतनी खराब स्थिति होने के बावजूद लोग खुले में कूड़ा जलाना नहीं छोड़ रहे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश का उल्लंघन करने वाले 40 निर्माण कार्य स्थलों पर नोएडा प्राधिकरण ने 22.75 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। ये कार्रवाई सिर्फ बीते दो दिन के भीतर हुई है। वायु प्रदूषण रोकथाम जैसे महत्वपूर्ण अभियान में लापरवाही बरतने पर प्राधिकरण ने वर्क सर्किल तीन के वरिष्ठ प्रबंधक का वेतन भी रोक दिया है।