कश्मीर फाइल्स की स्टारकास्ट के साथ बनने वाली थी हुकुस-बुकुस:बाद में हुई अरुण गोविल की एंट्री, चोटिल होकर भी शूट करते रहे दर्शील सफारी

डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री की सुपरहिट फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के बाद कश्मीरी पंडितों को केंद्र में रखकर इस शुक्रवार एक और फिल्म रिलीज हुई है।

‘हुकुस बुकुस’ टाइटल्ड इस फिल्म में ‘रामायण’ फेम अरुण गोविल और ‘तारे जमीन पर’ फेम दर्शील सफारी बाप-बेटे के राेल में नजर आ रहे हैं।

फिल्म को विनय भारद्वाज ने प्रोड्यूस किया है। उन्होंने इसे सौमित्र सिंह के साथ मिलकर डायरेक्ट भी किया है। विनय ने दैनिक भास्कर से इस बारे में खास बातचीत की…

पहले अनुपम खेर को कास्ट करने वाले थे मेकर्स
विनय ने बताया कि पहले इस फिल्म की स्टार कास्ट में ‘द कश्मीर फाइल्स’ के मेन लीड एक्टर्स को ही कास्ट किया जाना था। विनय ने कहा, ‘लीड रोल के लिए हमारी पहली चॉइस अनुपम खेर थे। साथ ही फिल्म का वॉइस ओवर हम विवेक अग्निहोत्री से करवाने वाले थे।

हालांकि, हमें बाद में महसूस हुआ कि उस फिल्म में कश्मीरी पंडितों के साथ पलायन से पहले और उसके आस-पास के हालात दिखाए गए थे।

जबकि हमारी फिल्म में कश्मीरी पंडित, पिता-पुत्र का वैचारिक टकराव और क्रिकेट अहम मुद्दा है। हमने एक कृष्ण भक्त कश्मीरी पंडित की कहानी और सचिन को उनके फैन के जरिए ट्रिब्यूट दिया है। ऐसे में हम अलग कास्ट एंड क्रू के साथ गए हैं।’

अनुपम, आशुतोष और विवेक अग्निहोत्री के साथ नहीं बनी बात
विनय ने आगे बताया, ‘फिर हमने सोचा कि अनुपम जी से फिल्म में वॉइस ओवर करवा लेते हैं। हमने उनसे बात भी कर ली पर डबिंग के दौरान टाइमिंग मैच नहीं कर पाई तो बात नहीं बनी। इसके बाद हमने आशुतोष राणा को अप्रोच किया पर वहां भी डेट्स की परेशानी थी।

इसके बाद हमने विवेक अग्निहोत्री से वॉइस ओवर करवाने के बारे में सोचा पर फिर महसूस हुआ कि लोगों को हमारी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ जैसी ना लगने लगे तो हमने वह आइडिया भी ड्रॉप कर दिया। आखिरकार अरुण गोविल बोर्ड पर आए। वो इसमें कृष्ण भक्त और कश्मीरी पंडित के रोल में हैं।’

दर्शील की चोट के बावजूद मेकर्स ने नहीं राेकी शूटिंग
फिल्म के एक सीन का जिक्र करते हुए विनय ने बताया कि सेट पर दर्शील सफारी चोटिल हो गए थे। एक सीन में दर्शील को एक्चुअल बाउंसर पड़ी थी। उन्हें चोट लगी, खून निकला पर मेकर्स ने शूट जारी रखा और इस सीन को ओरिजिनेलिटी के साथ ही शूट किया गया। बाद में दर्शील दो घंटे तक ब्रेक पर रहे।

सीन में अरुण गोविल ने खुद को मारे 10 चांटे
एक और सीन में अरुण गोविल को खुद को चांटा मारना था। शुरुआत में अरुण इस सीन को लेकर कन्वींस नहीं थे पर जब डायरेक्टर ने उनसे अपना विजन शेयर किया तो वो खुद को चांटा मारने के लिए तैयार हो गए। इस सीन को शूट करते हुए उन्होंने खुद को करीबन 10 से 12 चांटें मारे। उनका गाल लाल हो गया पर वो रुके नहीं। शॉट ओके होने पर पूरी यूनिट ने उनके लिए तालियां बजाईं।