केरल के एर्नाकुलम में 29 अक्टूबर को ईसाई प्रार्थना सभा में हुए विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर 6 हो गई। घटना के वक्त दो लोगों की मौत हुई थी। जबकि 50 घायल हुए थे।
बाद में 30 अक्टूबर, 6 नवंबर, 11 नवंबर और 16 नवंबर को चार और लोगों की इलाज के दौरान जान चली गई। पुलिस ने इस ब्लास्ट के आरोपी डोमिनिक मार्टिन को गिरफ्तार कर UAPA केस दर्ज किया है।
कोर्ट ने आरोपी मार्टिन को 29 नवंबर तक ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया है। पुलिस ने इस मामले में 54 केस दर्ज किए हैं। सबसे अधिक 26 मामले मलप्पुरम जिले में दर्ज किए गए, इसके बाद एर्नाकुलम में 15 और तिरुवनंतपुरम में पांच मामले दर्ज हुए।
आरोपी ने पुश्तैनी घर में बम बनाए, सुबह 7 बजे रखने गया
ब्लास्ट के आरोपी मार्टिन ने घटना वाले दिन ही पुलिस स्टेशन जाकर सरेंडर कर दिया था। पुलिस पूछताछ में मार्टिन ने कई खुलासे किए थे। उसने बताया कि, वह सोशल मीडिया से बम बनाना सीख रहा था। थमन्नन में जहां वो किराए से रहता है, उस घर की छत पर बम का ट्रायल भी कर चुका था।
आरोपी ने कबूलनामे में बताया कि उसने बम कोच्चि से बाहर अलूवा स्थित अपने पुश्तैनी घर में बनाए थे। रविवार सुबह 7 बजे वो बम प्रार्थना स्थल पर रख आया था। उस वक्त वहां तीन लोग मौजूद थे।
हालांकि, उसने पुलिस की टिफिन बॉक्स थ्योरी को गलत बताया। मार्टिन के मुताबिक उसने विस्फोटकों के छह प्लास्टिक बैग तैयार किए थे। पेट्रोल से भरी बोतलें और कोच्चि से खरीदे गए 50 पटाखे भी बैग में रखे थे, ताकि तेज धमाके हों और आग लगे।
आरोपी ने ब्लास्ट से पहले फेसबुक लाइव किया था
पुलिस ने बताया कि डोमिनिक ने सरेंडर करने से पहले फेसबुक लाइव किया था। उसमें उसने ब्लास्ट की बात कबूली है। डोमिनिक ने ऐसा करने की वजह भी बताई है। उसने फेसबुक पर लाइव आकर कहा है कि वो भी ईसाई धर्म के यहोवा के साक्षी समूह से संबंधित है, लेकिन उसको उनकी विचारधारा पसंद नहीं है। उन्हें वो देश के लिए खतरा मानता है, क्योंकि वे लोग देश के युवाओं के दिमाग में जहर घोल रहे हैं। इसलिए उसने उनकी प्रार्थना सभा के दौरान बम ब्लास्ट किया।
यहोवा विटनेसेस कौन हैं?
यहोवा विटनेसेस क्रिश्चियंस का एक अल्पसंख्यक समुदाय है। इसकी स्थापना पिट्सबर्ग (अमेरिका) में 1872 में हुई थी। यहोवा विटनेसेस को मानने वाले होली ट्रिनिटी पर विश्वास नहीं करते।
ये लोग जीसस को ईश्वर का बेटा मानते हैं, न कि खुद ईश्वर। ये लोग जीसस की शिक्षाओं और उनके उदाहरणों को ही आदर्श मानते हैं। इसलिए ये खुद को क्रिश्चियन मानते हैं। इस समुदाय में कोई केंद्रीय नेतृत्व नहीं है और ये दुनियाभर में फैले हुए हैं।
धमाकों के समय केरल के CM दिल्ली में धरना दे रहे थे
29 अक्टूबर को जब केरल में धमाके हुए, उस वक्त राज्य के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन दिल्ली में धरना दे रहे थे। यह धरना कम्युनिस्ट पार्टी ने गाजा पर इजराइल के हमले के विरोध में आयोजित किया गया था। धमाकों के बाद भी विजयन वहीं मौजूद रहे। हालांकि, उन्होंने धमाकों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था और सोमवार को विजयन ने एक सर्वदलीय बैठक की।