मिजोरम में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) के नेता लालदुहोमा ने आज सरकार बनाने का दावा पेश किया। लालदुहोमा ने बुधवार सुबह 10:30 बजे आइजोल के राजभवन में राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति से मुलाकात की।
ZPM की तरफ से मुख्यमंत्री पद के दावेदार लालदुहोमा है। मंगलवार रात 8 बजे लालदुहोमा के घर विधायक दल की बैठक हुई। लालदुहोमा इंदिरा गांधी के सिक्योरिटी इंचार्ज और कांग्रेस के सांसद रह चुके हैं।
मिजोरम में 40 सीटों पर हुए चुनाव में ZPM ने 27 सीटें जीतीं। सत्ताधारी मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) को 10, भाजपा को 2 और कांग्रेस के खाते में एक सीट आई है।
छह दलों के गठबंधन से बनी थी जोरम पीपुल्स मूवमेंट
जोरम पीपुल्स मूवमेंट पार्टी शुरुआत में छह क्षेत्रीय दलों का गठबंधन था। जिसमें मिजोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, जोरम नेशनलिस्ट पार्टी, जोरम एक्सोडस मूवमेंट, जोरम डिसेंट्रलाइजेशन फ्रंट, जोरम रिफॉर्मेशन फ्रंट और मिजोरम पीपुल्स पार्टी शामिल थीं।
2018 में ZPM ने इसी गठबंधन के साथ चुनाव लड़ा था और आठ सीटें जीतीं। इसके बाद चुनाव आयोग (ECI) ने आधिकारिक तौर पर जुलाई 2019 में पार्टी को रजिस्टर्ड किया। सबसे बड़ी संस्थापक पार्टी मिजोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, 2019 में गठबंधन से बाहर हो गई थी और बाकी बची पांच पार्टियां एक में शामिल हो गईं, जिसे ZPM नाम दिया गया।
कौन हैं जोरम पीपुल्स मूवमेंट के नेता लालदुहोमा
लालदुहोमा एक पूर्व IPS अधिकारी हैं। जो पूर्व PM इंदिरा गांधी की सिक्योरिटी संभाल चुके हैं। अभी राहुल गांधी की संसद सदस्यता गई थी तो लालदुहोमा एक बार फिर चर्चा में आ गए थे।
दरअसल, लालदुहोमा ने 1984 में मिजोरम से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सीट जीती थी। बाद में उनका राज्य कांग्रेस के नेताओं से मतभेद हो गया और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। वे 1988 में दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित होने वाले पहले लोकसभा सांसद बने। 2018 में लालदुहोमा ने आइजोल पश्चिम- I और सेरछिप से निर्दलीय चुनाव जीता।