फरीदाबाद में पॉलिसी होल्डर से 2.48 करोड़ ठगे:किस्त टूटने के बाद फुल मैच्योरिटी रिटर्न का झांसा; चार्जों के नाम पर ट्रांसफर कराए, 2 गिरफ्तार

फरीदाबाद में लैप्स बीमा पॉलिसी का फुल रिटर्न/बेनिफिट्स दिलाने के नाम पर करीब 2 करोड 48 लाख 68 हजार रुपए की ठगी करने वाले 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। साइबर सेंट्रल की टीम ने आरोपियों से 23 मोबाइल और 1 करोड़ 81 लाख रुप बरामद कर लिया है। वहीं कोर्ट के आदेश पर उन्हें जेल भेजा गया है।

पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अनिमेष (30 साल) और अभिषेक (32 साल) के रूप में हुई है। दोनों दिल्ली के ज्योति नगर के रहने वाले है। अभिषेक बी.कॉम और अनिमेष 10वीं पास है। दोनों इंश्योरेंश पॉलिसी बेचने का काम करते है।

दोनों आरोपी टूटी हुई किस्त वाली पॉलिसी में मैच्योरिटी पर मिलने वाले फुल रिटर्न/ बेनिफिट्स दिलाने के नाम पर अलग-अलग तरह की प्रोसेस फीस जैसे GST, IT चार्ज, NSDL चार्ज, DD क्लीयरेंस/चार्ज, सिक्योरिटी डिपॉजिट, स्टांप ड्यूटी फाइल, RBI चार्ज, बॉन्ड, HNI टैक्स के नाम पर लोगों से ठगी करते हैं।

अब पढ़िए आरोपियों ने कैसे की ठगी
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अभिषेक और अनिमेष ने बीमा पॉलिसी धारक फरीदाबाद के सत्यपाल को जीवन बीमा लोकपाल हैदराबाद का अधिकारी बनकर संपर्क किया गया। सत्यपाल को उसकी जीवन बीमा पॉलिसियों से संबंधित शिकायत प्राप्त होने के बारे में बताया कि आपने जो भी जीवन बीमा पॉलिसी करा रखी है, जिनकी कोरोना काल के दौरान किस्त जमा नही कराई है। हम आपको लैप्स बीमा पॉलिसी का फुल रिटर्न मैच्योरिटी के समय से पहले रुपए वापस दिलाएंगे।

आरोपियों ने सत्यपाल को कहा कि उसे FDR खाता खुलवाना पडेगा। जिसके लिए आपको कुछ रुपए जमा कराने होंगे। इसके बाद सत्यपाल से पॉलिसी धारक के रुपए जमा कराने के बाद पॉलिसी धारक को टैक्स मैसेज और वॉट्सऐप के माध्यम से GST, IT जैसे विभिन्न तरह के चार्ज का झांसा देकर मैच्योरिटी रुपए ब्याज और अन्य फंड वापस दिलाने के नाम पर सत्यपाल से धोखाधडी से करीब 2.48 करोड़ रुपए हड़प लिए।

सत्यपाल ने ठगी का अहसास होने पर 26 सितंबर को थाना साइबर सेंट्रल को शिकायत दी थी। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दिल्ली से अभिषेक और अनिमेष को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के द्वारा कोर्ट से कंडीशनल बेल ली गई। कंडीशनल बेल दौरान आरोपियों के विभिन्न खातों से 85 लाख बरामद किए गए है। पूछताछ के बाद आरोपियों को जेल भेजा गया।

साइबर ठगी से बचाव-

• अगर किसी भी विभाग से कॉल आए तो पीडित को तुरंत सरकारी नम्बर से सम्पर्क कर जानकारी लेनी चाहिए।

• किसी भी विदेशी नम्बर से कॉल आए तो नजरअंदाज करे। वॉट्सऐप पर अनजान नम्बर से विडियो कॉल/कॉल आने पर नजरअंदाज करें।

• किसी की बहकावे में ना आए, क्योंकि यूट्यूब चैनल को लाइक और सब्सक्राइब करने पर पैसे नहीं मिलते।

• इस तरह के मैसेज भेजने वालों के नम्बर को ब्लैक लिस्ट में डाले। 1930 पर उनकी रिपोर्ट करें।

• अगर आप से कोई आपकी डिटेल मांगे तो समझ लेना कि यह ठग का ही जाल है और आप शिकार है।