NCP (शरद गुट) के विधायक जितेंद्र आव्हाड के भगवान राम को मांसाहारी कहने पर विवाद बढ़ गया है। उनके इस बयान पर भाजपा और हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई है। राज्य में कई जगह जितेंद्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। BJP नेता राम कदम ने आव्हाड के खिलाफ मुंबई के घाटकोपर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है।
राम कदम ने कहा, ‘यह कोई उद्धव ठाकरे की सोई हुई सरकार नहीं है। इस सरकार में हिंदू देवी-देवताओं के लिए कोई अभद्र भाषा का इस्तेमाल करेगा या उनकी छवि धूमिल करने का दुस्साहस करेगा तो उन्हें दंड मिलेगा।’
दरअसल, आव्हाड ने धवार (3 जनवरी) को शिर्डी में पत्रकारों से कहा था, ‘राम हमारे हैं, बहुजनों के हैं। भगवान राम शिकार करके खाते थे। हम भी श्री राम के आदर्शों पर चल रहे हैं। राम को आदर्श बताकर लोगों पर शाकाहारी खाना थोपा जा रहा है।’
आव्हाड के घर के बाहर प्रदर्शन
जितेंद्र आव्हाड के बयान को लेकर बुधवार देर शाम जमकर हंगामा हुआ। अजित गुट के NCP कार्यकर्ताओं ने ठाणे स्थित आव्हाड के घर के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया। वे जितेंद्र आव्हाड के घर पर भगवान राम की तस्वीर लेकर आरती करने पहुंचे थे। उन्होंने ‘जय श्री राम’ और ‘जितेंद्र आव्हाड मुर्दाबाद’ के नारे भी लगाए।
इस घटना के बाद जितेंद्र आव्हाड के घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस तैनात की गई। हालांकि, विवाद यहीं खत्म नहीं हुआ। जैसे ही प्रदर्शनकारी वहां से गए, जितेंद्र आव्हाड के लोगों ने उस जगह को गोमुत्र से साफ किया।
क्या है पूरा मामला…
भाजपा विधायक राम कदम ने महाराष्ट्र सरकार से अपील की थी कि 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन राज्य में शराब और मांसाहार पर एक दिन का बैन लगाया जाए। इसके बाद शिर्डी में 2 दिन के कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान आव्हाड का बयान आया।
आव्हाड बोले- अजित ने शरद को वनवास पर भेजा
इसके बाद जितेंद्र आव्हाड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए अजित पवार पर हमला बोला। उन्होंने कहा- श्री राम ने अपने भाई भरत को राजगद्दी देने के लिए चौदह साल का वनवास स्वीकार किया था।लेकिन, भरत ने भगवान राम की चरण पादुका को सिंहासन पर रखकर शासन किया।
यहां पिता समान चाचा (शरद पवार) को घर से बाहर निकाल दिया और वनवास पर भेज दिया गया। भगवान राम अपने माता-पिता का सम्मान करते थे। आपके नेता (अजित पवार) माता-पिता का अपमान कर उन्हें घर से निकाल देते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में शरद-अजित गुट की लड़ाई
शरद पवार ने विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर से NCP तोड़ने वाले अजित पवार और 8 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी। स्पीकर ने इस मुद्दे पर सुनवाई नहीं की तो शरद गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाए।
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को शिवसेना विधायकों के मामले के साथ जोड़ दिया था। अब दोनों मामलों की सुनवाई साथ में हो रही है। इसके अलावा अजित पवार ने NCP का सिंबल लेने के लिए चुनाव आयोग में याचिका भी दी थी। चुनाव आयोग ने अभी तय नहीं किया है कि पार्टी पर किसका अधिकार होगा।