बिजनौर में मंगलवार की देर रात बड़ा हादसा हो गया। शेरकोट थाना क्षेत्र के हरेवली इलाके में रामगंगा नदी बैराज पुल से एक कार नदी में जा गिरी। यह हादसा बैराज के गेट नंबर-20 के पास हुआ। हादसे में कार सवार चार लोगों की मौत हो गई। वहीं एक कार सवार जिंदा बच गया है। युवक कार का पिछला शीशा तोड़कर बाहर आया। उसने बताया कि बाहर निकलने के बाद मैं चिल्लाया। तभी वहां से गुजर रहे एक ट्रैक्टर चालक ने मेरी आवाज सुनकर कर गांव व पुलिस को सूचना दी। तब गांव के लोग और पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद कार को बाहर निकलवाया गया है।
मौके पहुंची पुलिस ने क्रेन और रस्सी की मदद से दो घण्टे की कड़ी मशक्कत के बाद कार को बाहर निकाला गया। हादसा शाम करीब 9 बजे के आसपास का बताया जा रहा है। सभी मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया गया है। वहीं, घायल युवक को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सभी युवक एक ही गांव के रहने वाले हैं। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। बताया जा रहा है कि हादसे के समय कार बहुत तेज रफ्तार में थी।
अब पढ़िए हादसे की पूरी जानकारी…
दरअसल, यह हादसा बिजनौर के शेरकोट थाना क्षेत्र के हरेवली रामगंगा बैराज पर देर रात 9 बजे हुआ है। गांव नूरपुर छीबरी के ग्राम प्रधान रऊफ अहमद के दो बेटे सिकंदर (20) और माहरुफ (28) मंगलवार शाम गांव के ही तीन युवकों खुर्शीद (38), अब्दुल रशीद ,राशिद (23) और फैसल (22) के साथ अफजलगढ़ गए थे। बताया गया है कि ग्राम प्रधान रऊफ अहमद ने अभी 15 दिन पहले ही कार खरीदी थी। सभी युवक अफजलगढ़ नुमाईश मेला देखने गए थे, देर रात साढ़े आठ बजे वापस घर लौट रहे थे। जैसे ही कार हरेवाली बैराज के पास पहुंची, तभी अनियंत्रित होकर रामगंगा नदी के पुल की रेलिंग तोड़ते हुए नदी में जा गिरी। पानी मे समा गई।
कार में सिकंदर पुत्र रउफ, खुर्शीद पुत्र अब्दुल रशीद, राशिद पुत्र मगुआ उर्फ मौहम्मद अली, फैसल पुत्र सिराजुद्दीन और महरुफ पुत्र रउफ प्रधान निवासी ग्राम नगला नत्था उर्फ छीपरी कार के अंदर फंस गए। इनमें से सिकंदर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। बताया गया कि बाकी अन्य लोगों की डूबकर मौत हो गई।
दो घंटे चला रेस्क्यू
हरेवली बैराज में कार डूबने के बाद पुलिस ने जेसीबी मशीन बुलाकर रेस्क्यू कर कार को बैराज से बाहर निकलवाने का प्रयास किया। लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी पुलिस जेसीबी से कार को बाहर नहीं निकल पाई। इसके बाद हाइड्रो बुलवाया गया। वहीं, कोई भी व्यक्ति नीचे उतरने की हिम्मत नहीं कर पाया। तब मौके पर मौजूद एक व्यक्ति हिम्मत कर हाइड्रा के तारों से नीचे लटककार नीचे पहुंचा और कार में हाइड्रा के तारों को कंस दिया, जिसके बाद बामुशिकल दो घंटे बाद हाइड्रा की मदद से गाड़ी को बाहर निकाला गया।
जहां पर गिरी कार..वहां था 30 से 35 फीट पानी
घटना के बाद मौके पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई सूचना पर सीओ अर्चना सिंह कोतवाल धीरज सिंह पुलिस टीम के साथ पहुंचे। पुलिस ने सिकंदर पुत्र रऊफ अहमद का रेस्क्यू कर लिया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं जेसीबी और क्रेन की मदद से काफी मशक्कत के बाद कार को बाहर निकलवाया। इसमें चारों युवकों के शव बरामद किए गए। जिस स्थान पर कार गिरी थी। वहां पानी 30 से 35 फीट के बीच है।
सिकंदर कार का शीशा तोड़कर आया बाहर
बताया जा रहा है कि कार सवार सिकंदर कार का पिछला शीशा तोड़कर बाहर आ गया, लेकिन अपने भाई को नहीं बचा पाया। प्रत्यक्ष दर्शियों का कहना है कि जिस वक्त हादसा हुआ उस वक्त एक ट्रैक्टर चालक उधर से गुज़र रहा था। उसने ही युवक की आवाज सुनकर कर गांव व पुलिस को सूचना दी। सिकंदर को बाहर निकाला जा सका।
सिकंदर और मारूफ दोनों सगे भाई…15 दिन पहले खरीदी थी कार
हादसे की वजह घना कोहरा और तेज़ रफ़्तार बताई जा रही है। कोहरे के कारण कार अनियंत्रित होकर राम गंगा बेराज में गिरी। सिकंदर और मारूफ दोनों सगे भाई है। मारूफ विगलांग था। एक ही गांव के 4 जवान लड़कों की मौत से आसपास के इलाके मे मातम छा गया। युवकों में सिर्फ खुर्शीद की शादी हुई थी। बाकी की अभी शादी नहीं हुई थी। बताया जा रहा है की जिस कार से ये हादसा हुआ है। वह 15 दिन पहले ही नई खरीदी गई थी। यह कार प्रधान रऊफ ने की थी।
वहीं इस मामले में सीओ अर्चना सिंह का कहना है कि चारों शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घायल युवक को अस्पताल में भर्ती दिया गया है। अन्य विधिक कार्रवाई की जा रही है।