कर्नाटक के मांड्या के केरागोडु गांव में रविवार (28 जनवरी) को पुलिस अधिकारियों ने 108 फीट ऊंचे हनुमान ध्वज को हटा दिया। इसके बाद यहां विवाद हो गया। दरअसल, पिछले हफ्ते ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत से परमिशन लेकर यह हनुमान ध्वज फहराया था। बाद में इसके खिलाफ शिकायतें दर्ज की गई और प्रशासन ने पुलिस को ध्वज निकालने का आदेश दिया।
प्रशासन के इस आदेश से नाराज ग्रामीणों ने पहले ताे शनिवार (27 जनवरी) को अपनी दुकानें बंद रखीं, लेकिन जब रविवार को पुलिस ध्वज निकालने पहुंची तो मामला गर्मा गया। लोग पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन में भाजपा और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी शामिल हो गए।
इस दौरान गुस्साए लोगों ने स्थानीय कांग्रेस विधायक रवि कुमार के बैनर तोड़ दिए और उनके खिलाफ नारे लगाए। इसके बाद प्रशासन ने गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया। पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया। इसके बाद पुलिस ने पोल से हनुमान ध्वज हटाकर वहां तिरंगा लगा दिया। वहीं गांव में धारा 144 लगा दी गई।
इसे लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि जहां तिरंगा फहराया जाता हो, वहां भगवा झंडा फहराना नियमों के खिलाफ है। परमिशन राष्ट्रीय ध्वज लगाने के लिए ली गई थी, लेकिन वहां दूसरा झंडा फहराया गया। हम मंदिर के पास हनुमान ध्वज स्थापित करने के लिए तैयार हैं। हम भी राम भक्त हैं।
सीएम बोले- इसके पीछे राजनीति हो सकती है
सीएम सिध्दारमैया ने इस मामले पर चिंता जाहिर करते हुए कहा की कि राष्ट्रीय ध्वज के बजाय भगवा ध्वज फहराया गया। उन्होंने कहा कि इसके पीछे राजनीति हो सकती है। मुझे नहीं पता कि इसके पीछे कौन है? यह देश लोकतंत्र और संविधान के तहत काम करता है।
उन्होंने ये भी कहा अगर एक स्थान पर इसकी अनुमति दी जाती है, तो यह अन्य स्थानों पर भी लागू होगा। कल वे ये भी कह सकते है कि कलेक्टर कार्यालय के सामने भगवा झंडा लगाया जाए, क्या इसकी परमिशन दी जा सकती है?
सीएम ने कहा कि हम यहां अपने युवाओं को चोट पहुंचाने के लिए नहीं आए हैं। मैंने अधिकारियों, पुलिस और युवाओं से बात की है। हम एक निजी स्थान पर या एक मंदिर के पास हनुमान ध्वज स्थापित करने के लिए तैयार हैं। हम उनका समर्थन करेंगे। हम भी राम भक्त हैं।
भाजपा नेताओं ने चेतावनी दी- कर्नाटक के सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन करेंगे
इस मामले पर पूर्व ग्राम पंचायत उपाध्यक्ष ने कहा कि जब परमीशन लेटर लिखा गया था तो, उल्लेख किया गया था कि पोल का उपयोग धार्मिक उदेश्य के लिए भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री को इस विवाद की हकीकत पता नहीं है। जिला स्तर के अधिकारी ने मुख्यमंत्री को गलत जानकारी दी है। अब इसे लेकर भाजपा नेताओं ने कर्नाटक के सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी हैं। उन्होंने ने कहा कि हम राज्य की सभी इमारतों और घरों की छतों पर भगवा झंडे फहराकर राज्यव्यापी विरोध करेंगे। वहीं आज बेंगलुरु के मैसरु बैंक सर्कल में प्रदर्शन किया जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष अशोक बोले- कर्नाटक सरकार का हिंदुओं के लिए नकली प्रेम
भाजपा नेताओं और हिंदू कार्यकर्ताओं ने हनुमान ध्वज हटाए जाने की कड़ी निंदा की। कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता आर अशोक ने कहा कि “ अभी पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री सिध्दारमैया ने दावा किया था कि उनके नाम में राम है, जबकि उनके डिप्टी डीके शिवकुमार ने कहा कि उनका नाम शिव से शुरू होता है। ‘हनुमान ध्वज’ को हटाने के लिए पुलिस बल के प्रयोग ने हिंदुओं के प्रति उनके नकली प्रेम को उजागर कर दिया है।
उन्होंने राज्य कांग्रेस सरकार की कार्रवाई पर भी सवाल उठाया उन्होंने कहा कि पुलिस कार्रवाई की क्या ज़रूरत थी? प्रशासन ने ग्रामीणों से बात क्यों नहीं की? हनुमान ध्वज को ग्राम पंचायत की मंजूरी से फहराया गया था लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे अचानक से हटा दिया।
कर्नाटक मंत्री प्रियांक खड़गे ने शेयर किया परमिशन लेटर
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने भाजपा पर मांड्या में सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया। खड़गे ने कहा, “भाजपा और संघ परिवार अब मांड्या में सांप्रदायिक राजनीति का प्रयोग शुरू कर रहा हैं। यदि समाज शांतिपूर्ण है, तो भाजपा को खाना पच नही रहा है।
खड़गे ने सोशल मीडिया पर भगवा ध्वज की परमिशन का लेटर शेयर करते हुए लिखा कि भाजपा नेता विरोध क्यों कर रहें हैं? उन्होंने भाजपा नेता विजेन्द्र और नेता प्रतिपक्ष आर अशोक को टैग करते हुए पुछा कि पहले परमीशन लेटर को चेक करें और समझे। साथ ही कर्नाटक के लोगों को बताएं कि इसमें कौन सा हिस्सा कानून के खिलाफ हैं।