IIT कानपुर के साथ मिलकर एथ्रोन एयर स्पेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने एक ऐसा ड्रोन तैयार किया है जो डिफेंस में नेवी के लिए सबसे बेहतर साबित होगा। यह ड्रोन रात के अंधेरे में या खराब मौसम में भी जवानों का साथ नहीं छोड़ेगा। साथ ही अगर कोई गहरे पानी में डूब रहा होगा तो उसे भी बचाएगा। रेस्क्यू बोट को सही जगह तक ले जाने में मदद करेगा।
डिफेंस के साथ-साथ अन्य जगहों पर भी आएगा काम
एथ्रोन एयर स्पेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सुयश सोनी व प्रखर नंदी श्रीवास्तव ने बताया, “ड्रोन को बनाने का मुख्य मकसद था कि जब रात में नेवी के जवानों को किसी रेस्क्यू पर जाना पड़ता है तो उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए इसको तैयार किया गया है।”
उन्होंने बताया, “ड्रोन में नई टेक्नोलॉजी के सेंसर, हाई विजुवलिटी वाले कैमरे लगे हैं। साथ ही ड्रोन में एक डिवाइस लगाई गई है जो कि शिप से अटैच की गई है। अगर कोई व्यक्ति पानी में गिर जाता है तो कंट्रोल रूम में लगे बटन से ड्रोन को ऑन कर देते हैं फिर AI की मदद से ड्रोन उस तक पहुंच जाएगा।
वहां ड्रोन डूब रहे व्यक्ति की पहचान कर लाइफ जैकेट को नीचे फेंक देगा। साथ ही कंट्रोल रूम को भी यहां की लोकेशन भेज देगा। इससे डूब रहे व्यक्ति को आसानी से बचाया जा सकेगा।”
रेस्क्यू बोट की भी करेगा मदद
नेवी के जवानों को अक्सर रात में रेस्क्यू बोट से जाना पड़ता है और अधिकतर अंधेरे में वह रास्ता भी भटक जाते हैं, लेकिन अगर यह ड्रोन साथ में होगा तो रास्ता नहीं भटकेंगे, क्योंकि इस ड्रोन में एलईडी लाइट लगी हुई है और यह ऊपर ऊपर उड़ेगा और उसी रास्ते पर आपको ले जाएगा जिस रास्ते पर आप वापस जाना चाहते हैं।
यह ड्रोन 40 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकता है और लगातार 1 घंटे तक हवा में ऊपर रह सकता है।
स्क्रीन पर देख सकेंगे पूरी तस्वीर
इस ड्रोन में लगे डिवाइस और कैमरे की मदद से शिप के कंट्रोल रूम में बैठे लोग समुद्र की गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं। साथ ही यह कहां पर रेस्क्यू कर रहा है, इसकी भी जानकारी आपको अपनी स्क्रीन पर नजर आती रहेगी।
सुयश सोनी ने बताया, अभी इसको थोड़ा और डेवलप करना है। उस पर काम चल रहा है, आने वाले 2 से 3 महीने में इसको पूरा करने के बाद हम लोग इसको सरकार के हैंडओवर करेंगे।
3 करोड़ की लागत से तैयार हुआ ड्रोन
इस ड्रोन को तैयार करने में लगभग 1 साल का समय लग चुका है। अभी कुछ महीने और लगेंगे। एक ड्रोन की कीमत लगभग 3 करोड़ रुपए के आसपास आई है। इसमें से कुछ पैसा कंपनी ने खर्च किया है और कुछ पैसा सरकार की तरफ से मिला है।