बरेली में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के काफिले को सोमवार रात भाजपा कार्यकर्ता ने घेर लिया और नारेबाजी करने लगे। वे 8 बार के सांसद संतोष गंगवार का टिकट कटने से नाराज थे। भीड़ को गुस्से देखकर संतोष गंगवार खुद लोगों को समझाने लगे।
मगर, कार्यकर्ता अपनी जिद पर अड़े थे। 25-30 मिनट तक हंगामा चला। किसी तरह से संतोष गंगवार ने कार्यकर्ताओं को शांत कार्यकर्ताओं को शांत कराया। इस घटना पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि यूपी भाजपा ही, नहीं, बल्कि पूरे देश में भाजपा के अंदर असंतोष उबाल पर है। भाजपा का अहंकार जनता तोड़ देगी।
दरअसल, भाजपा ने मौजूदा सांसद संतोष गंगवार का टिकट काटकर छत्रपाल गंगवार को चुनावी मैदान में उतारा है। तब से ही बरेली भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। 8 दिन पहले छत्रपाल गंगवार ने बैठक में कहा था कि मुझे कोई चुनाव नहीं लड़वा रहा, न ही विधायक, न ही मंत्री और संगठन भी नहीं।
ऐसे में मैं क्या अकेला प्रचार करूं? जैसे ही यह मामला मीडिया में छपने और प्रसारित होने लगा, तो प्रदेश सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री अरुण कुमार ने प्रेसवार्ता की। इसमें कहा कि भाजपा नेता पूरी ताकत से प्रत्याशी छत्रपाल गंगवार को चुनाव लड़वा रहे हैं। मगर, सोमवार को फिर से भाजपा नेताओं के बीच के बीच अंतकर्लह की बात सामने आई।
दरअसल, खुले मंच से संतोष गंगवार के समर्थकों टिकट करने का विरोध किया था। भाजपा नेताओं में समझौता कराने के लिए भूपेंद्र चौधरी संतोष गंगवार के कार्यालय पर पहुंचे थे। वह कार से कार्यकर्ताओं के अंदर गए। वहां पर गंगवार से बातचीत भी की। मगर जैसे ही वह बाहर आ रहे थे। उन्हें 250 से 300 लोगों ने उन्हें घेर लिया। गेट बंद कर नारेबाजी शुरू कर दी।
‘हम चुनाव का बहिष्कार करते हैं, यह हमारी प्रतिष्ठा की बात है’
कहने लगे कि हम चुनाव का बहिष्कार करते हैं, यह हमारी प्रतिष्ठा की बात है। भाजपा ने इस बार यहां पूर्व विधायक छत्रपाल गंगवार को प्रत्याशी बनाया है, वह 2022 में विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। इसके बाद संतोष गंगवार ने किसी तरह समर्थकों को शांत कराया और भूपेंद्र चौधरी को भीड़ से निकाला।