बीमार काजल निषाद कैसे देंगी रवि किशन को टक्कर:पैर में फ्रैक्चर, सीने में दर्द पर अस्पताल में भर्ती; सपा बदल सकती है प्रत्याशी!

लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही सबसे पहले समाजवादी पार्टी ने फिल्म ​अभिनेत्री काजल निषाद को गोरखपुर सीट से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। लेकिन, पीक चुनाव में काजल निषाद चुनाव मैदान में होने की बजाय अस्पताल में भर्ती हैं। उनके पैर में पहले से फ्रैक्चर था। ऐसे में टूटे हुए पैर से प्रचार करने के दौरान वे बीमार हो गईं।

वो शुक्रवार को हेडक की वजह से चक्कर खाकर गिर गईं। उन्हें पहले गोरखपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ के मेंदाता हॉस्पिटल रेफर कर दिया। हालांकि, जांच में काजल को हार्ट अटैक की बात गलत निकली। रिपोर्ट में सामने आया है कि उन्हें हेडक की वजह से चक्कर आया था। फिलहाल उनका मेंदाता में इलाज चल रहा है।

चौथी बार राजनीति में आजमा रहीं किस्मत
वहीं, दूसरी तरफ चौथी बार राजनीति में अपनी किस्मत आजमाने उतरीं काजल निषाद के बीच चुनाव में ही मैदान से बाहर हो जाने की चर्चा भी शुरू हो गई है। दबे जुबान से अब यह कहा जाने लगा है कि बीमार काजल चुनाव प्रचार के लिए फिलहाल अनफिट हैं।

ऐसे में गोरखपुर जैसी महत्वपूर्ण सीट पर बीजेपी सांसद रवि किशन को टक्कर देना आसान नहीं होगा। कहा तो यहां तक जा रहा है कि जल्द ही समाजवादी पार्टी काजल के बीमार होने की वजह से यहां कोई दूसरा प्रत्याशी भी उतार सकती है।

दो नामों की शुरू हुई चर्चा
इसे लेकर दो नामों की चर्चा भी तेज हो गई है। पहला सपा के पूर्व विधायक विजय बहादुर यादव और दूसरा अमरेंद्र निषाद को प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा शुरू हो गई है। हालांकि, समाजवादी पार्टी के नेता अभी इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

लेकिन, काजल निषाद के पड़ोसी लल्लन महतो का कहना है, ‘समाजवादी पार्टी से सबसे पहले काजल निषाद को प्रत्याशी के रुप में चुना था। ​नाम फाइनल होते ही वे टूटे हुए पैर से चुनाव प्रचार में लगी हुई थीं। लेकिन, इधर कुछ दिनों से उनका टिकट कट जाने की भी चर्चा शुरू हो गई थी। संभवत: इसे लेकर भी वे काफी परेशान चल रही थीं। आशंका है कि इसी वजह से उनकी ​तबीयत बिगड़ी होगी।

रवि किशन ने की जल्द स्वस्थ्य होने की कामना
काजल निषाद की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिलते ही सांसद रवि किशन ने उनके जल्द स्वस्थ्य होने की कामना की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा है, ”गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी काजल निषाद जी को हार्ट अटैक आने की सूचना मिली है। महादेव से आपके जल्द से जल्द स्वस्थ्य होने की कामना करता हूं।”

PDA फार्मूले के तहत मिला काजल को टिकट
हालांकि, काजल निषाद को लोकसभा प्रत्याशी बनाए जाने के पीछे भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव का PDA फार्मूला साफ नजर आया। बीजेपी के गढ़ यानी ​मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपनी सीट पर टक्कर देने के लिए सपा की सीधी नजर निषाद वोट बैंक पर थी। ​क्योंकि, गोरखपुर समेत पूर्वांचल की कई सीटों पर निषाद वोटर्स ही निर्णायक की भूमिका में होते हैं।

उपचुनाव में इसी समीकरण से हारी थी बीजेपी
इसके अलावा काजल निषाद के मैदान में होने से मुस्लिम और यादव के फिक्स वोट के साथ ही अन्य पिछड़े वोट पर भी सपा का सीधी नजर थी। क्योंकि, इसी फार्मूले के तहत 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद यहां हुए उपचुनाव में सपा,कांग्रेस और बसपा के महागठबंधन प्रत्याशी प्रवीण निषाद के आगे भाजपा को हार का सामना करना पड़ा।

बीजेपी प्रत्याशी उपेंद्र शुक्ला को प्रवीण निषाद ने इसी फार्मूले के तहत चुनाव में हरा दिया। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रवीण निषाद खुद बीजेपी के शामिल हो गए और वे फिर संतकबीरनगर से चुनाव लड़कर दोबारा सांसद चुने गए।