पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में महंगाई और बिजली के दामों के खिलाफ 4 दिन से प्रदर्शन जारी हैं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को PoK के लिए 23 अरब पाकिस्तानी रुपए ( 718 करोड़ हिंदुस्तानी रुपए) के पैकेज की घोषणा की। इसके बावजूद प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
पाकिस्तानी मीडिया डॉन न्यूज के मुताबिक, राहत पैकेज की घोषणा के कुछ देर बाद ही पाकिस्तानी की पैरामिलिट्री रेंजर्स ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और फायरिंग की। इस दौरान 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 लोग घायल हुए हैं।
दरअसल, PM शरीफ की घोषणा के बाद पैरामिलिट्री रेंजर्स को PoK छोड़ने का आदेश दिया गया था। इसके बाद रेंजर्स का 19 गाड़ियों को काफिला मुजफ्फराबाद के रास्ते बाहर जा रहा था, तभी शोर्रन डा नाका गांव में उन पर पत्थरों से हमला हो गया। इस दौरान पैरामिलिट्री की 3 गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया। हमले के जवाब में रेंजर्स ने फायरिंग की।
PoK के लोगों की मांगें जायज’
इससे पहले शहबाज की घोषणा के बाद PoK के प्रधानमंत्री अनवारुल हक ने कहा था कि लोग यहां सस्ते दामों में रोटी की मांग कर रहे हैं। यह ऐसी मूलभूत मांग है जिसे नकारा नहीं जा सकता। बिजली और आटे के दामों का यह मुद्दा लंबे समय से लंबित था, जिसे केंद्र सरकार ही सुलझा सकती थी। शहबाज सरकार ने जो घोषणा की है, वह पाकिस्तान के अगले बजट में जोड़ा जाएगा।
राहत पैकेज के तहत PoK में आटे के दाम 77 रुपए/किलो से घटाकर 50 रुपए/किलो कर दिए गया है। वहीं बिजली के दाम में भी कटौती की गई है। डॉन न्यूज के मुताबिक, PoK में हर 100 यूनिट तक बिजली के दाम 3 रुपए, 300 यूनिट तक दाम 5 रुपए/यूनिट और 300 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करने पर 6 रुपए/यूनिट रहेगा।
प्रदर्शनकारी बोले- सरकार की घोषणा की कानूनी जांच कराएंगे
दूसरी तरफ, PoK में प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही जम्मू कश्मीर अवामी एक्शन कमेटी (JAAC) ने कहा है कि वह सरकार के नोटिफिकेशन की कानूनी तौर पर जांच कराएगी, उसके बाद ही प्रदर्शन वापस लेने पर फैसला किया जाएगा। JAAC ने कहा कि PoK की सरकार इस मामले में अब तक गैर-जिम्मेदाराना रवैया अपनाती रही है। इसी वजह से वे अब इस राहत पैकेज पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं।
प्रदर्शनों को देखते हुए PoK के पॉलिटिकल एक्टीविस्ट अमजद अयूब मिर्जा ने भारत सरकार से पाकिस्तानी राजदूत को तलब करने की अपील की है। मिर्जा ने कहा कि पाकिस्तान में प्रदर्शनकारियों पर रेंजर्स ने फायरिंग की है। वहां लोग रोजमर्रा के सामानों के दाम में रियायतों की मांग कर रहे हैं। ऐसे में दुनियाभर के समुदायों को साथ आकर PoK का समर्थन करना चाहिए।
PoK में कैसे हिंसक हुए प्रोटेस्ट
- चार दिन पहले Pok में रोजमर्रा की चीजों के बढ़ते दामों को लेकर प्रदर्शन शुरू हुए थे। लोग शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस के अधिकारों ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया था। जिसके कारण महिलाओं और स्कूली बच्चों को चोट लगी थी। पाकिस्तान पुलिस के वीडियो भी वायरल हुए थे।
- पुलिस की हिंसा के बाद लोगों ने और प्रदर्शनों का ऐलान कर दिया। वो सड़कों पर उतरे। पुलिस ने जब फिर से उन पर प्रदर्शनकारियों पर लाठी चलाना शुरू किया तो वे उग्र हो गए। उन्होंने पलटवार में पुलिस पर हमला कर दिया। इस हमले में 1 पुलिसकर्मी की मौत हो गई, वहीं 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
PoK में प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांगें…
- PoK के लोगों की उत्पादन लागत पर बिजली मिले। पाक सरकार PoK से 2 रुपए प्रति यूनिट में बिजली लेती है और वापस यहां के लोगों को ही महंगे रेट पर देती है।
- पाकिस्तान सरकार ने आटे पर सब्जिडी खत्म कर दी है जबकि UN के निर्देश हैं कि पीओके के लोगों को आटे सहित 30 चीजों पर सब्सिडी मिलनी चाहिए।
- PoK की ब्यूरोक्रेसी और 53 मंत्रियों को मिलने वाली लग्जरी सुविधाओं को खत्म किया जाए। उन्हें मिलने वाली लग्जरी गाड़ियां, महंगे घर और TA-DA को खत्म किया जाए।
- कई अधिकारियों के पास इतनी महंगी गाड़ियां हैं जैसी कई देशों के पीएम इस्तेमाल नहीं करते। उनके असिस्टेंट के पास 10-15 लाख की गाड़ियां होती है।
पाकिस्तान में आटे के दाम 800 रुपए किलो
पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता के बीच देश की आर्थिक हालात खराब हो चुकी। यहां महंगाई दर में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पाकिस्तान की जनता भुखमरी और बेरोजगारी से परेशान है। देश में रोजमर्रा की जरूरत के सामान की कीमतें आसमान छू रही हैं।2024 में पाकिस्तान की GDP महज 2.1% की दर से बढ़ने की संभावना है।
इसी कारण PoK में पिछले महीने भी लोगों ने बढ़ती महंगाई के विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान लोगों ने सड़कों पर उतरकर महंगाई के खिलाफ नारेबाजी की थी। दूसरी तरफ, PoK में खराब स्थिति को लेकर पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने ये बात मानी है कि वहां लगातार मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है।