जेल में बंद पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ी राहत मिली है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को इमरान खान और उनकी सरकार में विदेश मंत्री रहे शाह महमूद कुरैशी को सबूतों के अभाव में साइफर केस (सीक्रेट लेटर चोरी) में बरी कर दिया है।
सीक्रेट लेटर चोरी केस में इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी पिछले साल दोषी पाए गए थे। स्पेशल कोर्ट ने उन्हें देश की गोपनीयता भंग करने के आरोप में 10-10 साल की सजा सुनाई थी। इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी ने इस सजा को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
सोमवार को इमरान खान और कुरैशी की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश आमिर फारुख और न्यायामूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब ने फैसला सुनाया। अदालत ने उनकी सजा पर रोक लगाते हुए कहा कि अगर उन्हें किसी अन्य मामले में हिरासत में नहीं रखा गया है, तो रिहा किया जाए।
कई रैलियों में यह सीक्रेट लेटर दिखा चुके थे इमरान
इमरान खान को 29 अगस्त को साइफर गेट स्कैंडल में हिरासत में लिया गया था। इस केस की चार्जशीट में पूर्व प्रधानमंत्री के पास यह सीक्रेट लेटर यानी साइफर होने की बात कही गई है और आरोप लगाया गया है कि उन्होंने देश की गोपनीय जानकारी का गलत इस्तेमाल किया।
यह साइफर पिछले साल मार्च में अमेरिका में तैनात पाकिस्तानी एम्बेसेडर असद मजीद खान ने विदेश मंत्रालय को भेजा था। खान ने इसे पढ़ने के बहाने अपने पास रख लिया और बाद में कहा कि यह लेटर खो गया है। हालांकि, वो साइफर को कई रैलियों में खुलेआम लहरा चुके हैं।
क्या है साइफर गेट स्कैंडल या सीक्रेट लेटर चोरी केस
- अप्रैल 2022 में सरकार गिरने के बाद इमरान की तरफ से लगातार दावा किया गया कि यह लेटर (डिप्लोमैटिक टर्म में सायफर) अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट यानी फॉरेन मिनिस्ट्री की तरफ से पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को भेजा गया। इमरान का दावा रहा कि बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन उनको प्रधानमंत्री की कुर्सी पर नहीं देखना चाहती थी और अमेरिका के इशारे पर ही उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था।
- कुछ वक्त पहले तक ‘साइफर गेट या केबल गेट या नेशनल सीक्रेट गेट’ केस में इमरान का फंसना तय माना जा रहा था। इसकी वजह यह है कि जब वे प्रधानमंत्री थे, तब आजम खान उनके चीफ सेक्रेटरी थे। आजम से जॉइंट इन्वेस्टिगेशन टीम (JIT) दो बार पूछताछ कर चुकी थी। आजम ने साफ कहा था कि उन्होंने यह साइफर इमरान को दिया था। आजम ने अपना बयान जांच एजेंसी और मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराया था। इसकी कॉपी पर सिग्नेचर भी किए थे।
- आजम ने बताया कि जब उन्होंने यह लेटर खान से वापस मांगा तो उन्होंने कहा कि यह तो कहीं गुम हो गया है। हैरानी की बात है कि खान ने बाद में यही साइफर कई रैलियों में खुलेआम लहराया। खान ने कहा- ये वो सबूत है जो यह साबित करता है कि मेरी सरकार अमेरिका के इशारे पर फौज ने गिराई।
- इसके अलावा खान का एक ऑडियो टेप भी वायरल हुआ था। इसमें इमरान, उस वक्त के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और आजम खान की आवाजें थीं। फॉरेंसिक जांच में यह साबित हो गया था कि यह ऑडियो सही है, इससे कोई छेड़छाड़ नहीं की गई थी। टेप में इमरान खान, कुरैशी और आजम से कहते हैं- अब हम इस साइफर को रैलियों में दिखाकर इससे खेलेंगे।