अमेरिका में छह जनवरी को संसद (कैपिटल हिल) में हुई हिंसा के मामले में खुफिया एजेंसी एफबीआइ सवालों के घेरे में है। हिंसा के बाद पहली बार एजेंसी के मुखिया क्रिस रे को सीनेट की न्यायपालिका समिति के सवालों का जवाब देना होगा। कैपिटल हिंसा के मामले में जांच चल रही है। इसके साथ ही यह भी बड़ा सवाल उठ रहा है कि इतनी व्यापक हिंसा के मामले में तत्काल नियंत्रण की कोशिशों में कहां कमी रह गई। ये स्थितियां उस समय हैं, जब सभी सुरक्षा एजेंसियां सिंतबर 2001 के हमले के बाद से निरंतर अपने को अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से लड़ने के खिलाफ पूरी तरह से मजबूत होने का दावा कर रही थीं।
सीनेट की न्याय पालिका समिति के सामने एफबीआइ प्रमुख क्रिस रे को जवाब देना होगा कि चूक किस स्तर पर हुई। क्या एफबीआइ को इतने व्यापक पैमाने पर हिंसा की पहले से ही जानकारी हो सकी। ये जानकारियां मिलने के बाद अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय के स्तर पर क्या कमियां रहीं, उसके लिए कौन जिम्मेदार है। समिति ये भी सवाल कर सकती है कि क्या एफबीआइ राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरों का सामना करने के लिए तैयार है, उसके पास संसाधनों की क्या स्थिति है। एफबीआइ प्रमुख से अमेरिका में रूस के हैकरों द्वारा की गई घटनाओं के संबंध में भी सवाल पूछे जा सकते हैं।
बता दें कि गत छह जनवरी को उपद्रवियों ने अमेरिकी संसद पर हमला बोल दिया था। इस दौरान संसद में राष्ट्रपति जो बाइडन की जीत पर मुहर लगाने की कार्यवाही चल रही थी। इस उपद्रव में पांच लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य लोग घायल हुए थे। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर अपने समर्थकों को उकसाने का आरोप लगा था, जिसके कारण यह घटना हुई। ट्रंप पर इसके लिए महाभियोग भी चलाया गया। बाद में वह इससे बरी भी हो गए।