चंडीगढ़ में जल्द मिलेगी हरियाणा विधानसभा को जमीन:इको सेंसिटिव जोन के नियमों में बदलाव, केंद्र सरकार जारी करेगी अधिसूचना

चंडीगढ़ में हरियाणा के अलग विधानसभा को दी जाने वाली जमीन को लेकर अब जल्द फैसला हो सकता है। क्योंकि हरियाणा सरकार की तरफ से जो 10 एकड़ जमीन पंचकूला में चंडीगढ़ में दी जानी थी, उसमें इको सेंसेटिव जोन के कारण दिक्कत आ रही थी।

हरियाणा सरकार ने इसके लिए केंद्र के पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव मंत्रालय को कुछ बदलाव करने की सिफारिश की थी। इस पर मंत्रालय ने बदलाव कर लोगों से सुझाव और आपत्ति मांगी थी। इसे अब 2 महीने पूरे हो गए हैं। केंद्र सरकार की तरफ से अब इसके लिए अंतिम अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।

डीसी के नेतृत्व में किया गया था कमेटी का गठन

चंडीगढ़ के डीसी विनय प्रताप सिंह के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी की कई बार हरियाणा के प्रशासन के साथ बातचीत भी हुई है। पहले हरियाणा सरकार विधानसभा की जमीन के लिए करीब 500 करोड रुपए देने के लिए तैयार था। लेकिन चंडीगढ़ के मार्केट रेट के हिसाब से इस जमीन की कीमत लगभग 600 करोड़ बनती थी।

बाद में चंडीगढ़ और हरियाणा प्रशासन के बीच में फैसला हुआ की जमीन के बदले में जमीन दी जाए। इसके लिए हरियाणा सरकार की तरफ से पंचकूला में जमीन दी जानी थी। लेकिन वहां पर इको सेंसेटिव जोन होने के कारण यह मामला लटक गया था।

काफी समय से चल रही है अलग विधानसभा की मांग

हरियाणा सरकार की तरफ से काफी लंबे समय से अपनी अलग विधानसभा बनाने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन से जमीन की मांग की जा रही है। लेकिन यह मामला अभी तक उलझा हुआ है। हरियाणा विधानसभा में इस समय 90 विधायक हैं।

सरकार का कहना है कि इन 90 विधायकों के बैठने के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं है। पुरानी विधानसभा का विस्तार भी नहीं किया जा सकता है। क्योंकि यह हेरिटेज बिल्डिंग है। वहीं वर्ष 2026 में हरियाणा में नया परिसीमन होना है। नए परिसीमन में हरियाणा की जनसंख्या के अनुसार करीब 126 विधायक होने की संभावना है।