अमेरिका की EV मैन्युफैक्चरर टेस्ला के भारत आने की उम्मीद अब कम हो गई है। इलॉन मस्क की कंपनी के अधिकारियों ने भारत सरकार के लोगों से बातचीत बंद कर दी है। इकोनॉमिक्स टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है।
मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि सरकार को यह समझ में आ गया है कि टेस्ला के पास कुछ कैपिटल इश्यू हैं, जिसके चलते निकट भविष्य में वह भारत में कोई नया निवेश नहीं करने जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत के अधिकारियों से टेस्ला के अधिकारियों ने पिछले 3 महीने से कोई बात नहीं की है।
टेस्ला के भारत नहीं आने के 6 संभावित कारण
- पिछले दो क्वार्टर से कंपनी ग्लोबल मार्केट की डिमांड को पूरा नहीं कर सकी है।
- चीनी कंपनियों ने टेस्ला को काफी कड़ा कॉम्पिटिशन दिया है।
- मस्क ने अप्रैल में कर्मचारियों की बड़ी कटौती की घोषणा की थी।
- कई साल की कोशिश के बाद बने साइबरट्रक की ग्रोथ धीमी है।
- कंपनी मैक्सिको में एक नया प्लांट बना रही है, इसमें भी देरी हो रही है।
- कंपनी के साथ भारत में निवेश के लिए कई कैपिटल इश्यू हैं।
इलॉन मस्क का भारत दौरा रद्द होने के बाद नहीं हुआ है संपर्क
इलॉन मस्क का भारत दौरा रद्द होने के बाद कंपनी के अधिकारियों ने भारत के मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज, मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस, कॉमर्स और इंडस्ट्री के लोगों से कोई संपर्क नहीं किया है। इलॉन मस्क इसी साल अप्रैल में 22 से 27 के बीच भारत आने वाले थे, लेकिन अचानक उन्होंने यह दौरा रद्द कर दिया था। इस दौरे में मस्क पीएम मोदी से भी मिलने वाले थे।
सरकार की नई EV पॉलिसी के बाद भारत आ रहे थे मस्क
इलॉन मस्क ने भारत आने का प्लान सरकार की ओर से नई EV पॉलिसी लाने के बाद किया था। नई पॉलिसी के तहत कार बनाने वाली विदेशी कंपनियों को टैक्स में छूट के लिए भारत में कम से कम 497 मिलियन डॉलर (4,150 करोड़ रुपए) का निवेश करना होगा और किसी लोकल फैक्ट्री/मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी से 3 साल के भीतर EV का प्रोडक्शन शुरू कर देना होगा।
2022 में टेस्ला और सरकार के बीच नहीं बनी थी बात
- 2022 में टेस्ला ने भारत आने की इच्छा जताई थी, लेकिन तब कंपनी और सरकार के बीच बात नहीं बन पाई थी। टेस्ला ने सरकार से पूरी तरह से असेंबल गाड़ियों पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को 100% से घटाकर 40% करने की मांग की थी।
- कंपनी चाहती थी कि उसकी गाड़ियों को लग्जरी नहीं बल्कि इलेक्ट्रिक व्हीकल माना जाए, लेकिन सरकार ने कहा था कि दूसरे देशों से इंपोर्ट किए जाने वाले किसी भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर इंपोर्ट ड्यूटी माफ या कम करने का कोई भी इरादा नहीं है।
- सरकार ने कहा था कि अगर टेस्ला भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने का कमिटमेंट करती है तो इंपोर्ट पर छूट देने पर विचार किया जाएगा। हालांकि, मस्क चाहते थे कि पहले भारत में कारों की बिक्री की जाए, इसके बाद प्लांट लगाने पर विचार किया जाए।
- 27 मई 2022 को भी एक ट्वीट में रिप्लाई करते हुए इलॉन मस्क ने कहा था, ‘टेस्ला ऐसे किसी लोकेशन पर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं लगाएगी जहां उसे पहले से कारों को बेचने और सर्विस की परमिशन नहीं है।’