क्या ट्रम्प पर दोबारा हमले की साजिश:पार्टी प्रोग्राम के बाहर AK-47 के साथ युवक गिरफ्तार, चाकू लेकर पहुंचा शख्स भी मारा गया

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर 13 जुलाई को जानलेवा हमला हुआ था। उन पर फिर से हमले का खतरा मंडरा रहा है। मंगलवार को अमेरिका के मिलवॉकी शहर में उनकी रिपब्लिकन पार्टी के कन्वेंशन के बाहर पुलिस ने 21 साल के एक युवक को AK-47 के साथ गिरफ्तार किया है।

इसके कुछ ही समय बाद 43 साल का सैमुएल शार्प दोनों हाथ में चाकू लिए नजर आया। उसने एक व्यक्ति पर हमला भी किया। इसके बाद पुलिस ने तुरंत उस पर फायरिंग कर दी, जिसमें सैमुएल की मौत हो गई।

इन दोनों घटनाओं के बाद अमेरिका की पुलिस अलर्ट पर है। जिस कन्वेंशन वेन्यू के बाहर ये दोनों वारदात सामने आईं, वहीं सोमवार को ट्रम्प को आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था।

हमलावर ट्रम्प की पार्टी का ही समर्थक था
दरअसल, 13 जुलाई को पेन्सिल्वेनिया के बटलर शहर में एक रैली को संबोधित करते वक्त ट्रम्प पर हमला हुआ था। इस दौरान एक गोली ट्रम्प के कान को छूते हुए निकल गई थी। हमलावर की पहचान 20 साल के युवक थॉमस क्रूक्स के तौर पर हुई थी।

उसने AR-15 राइफल से 8 गोलियां चलाई थीं। फायरिंग के तुरंत बाद सीक्रेट सर्विस के अफसरों ने हमलावर को मार गिराया था। वह रिपब्लिकन पार्टी का ही समर्थक था।

ट्रम्प को मारने की साजिश ईरान से रची जा रही थी
ट्रम्प पर हमले की जांच में सामने आया है कि अमेरिकी अधिकारियों को कई हफ्ते पहले ईरान से ट्रम्प को मारने के लिए रची जा रही साजिश की जानकारी मिली थी। अमेरिकी मीडिया CNN के मुताबिक, सीक्रेट सर्विस ने इंटेलिजेंस मिलते ही ट्रम्प की सिक्योरिटी बढ़ा दी थी। हालांकि, ट्रम्प पर हमला करने वाला थॉमस इसी साजिश का हिस्सा था या नहीं इसकी कोई जानकारी नहीं मिली है।

अमेरिकी सीक्रेट सर्विस ने दावा किया है कि ट्रम्प पर हमले की साजिश से जुड़ी जानकारी मिलने के बाद उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी को लगातार रैलियों और अलग-अलग राज्यों में चुनाव कैंपेन चलाने को लेकर चेतावनी भी दी थी।

इंटेलिजेंस के बाद भी सीक्रेट सर्विस नहीं कर पाई सुरक्षा
ट्रम्प के लिए चुनाव कैंपेन चला रहे लोगों ने इस मामले पर बात करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वे ट्रम्प की सिक्योरिटी डीटेल्स या उनकी चुनावी प्लानिंग पर चर्चा नहीं कर सकते। ईरान से हमले की साजिश की बात सामने आने के बाद से अमेरिका की सीक्रेट सर्विस कटघरे में आ गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स में सवाल उठाए जा रहे हैं कि जब पहले से ही हमले का डर था, तब भी ट्रम्प की सुरक्षा में चूक कैसे हो गई। इससे पहले मंगलवार को CNN ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि हमलावर ने जिस इमारत की छत से ट्रम्प पर हमला किया, उसकी दूसरी मंजिल पर ही सर्विस यूनिट के स्नाइपर्स तैनात थे।

पिता के नाम से रजिस्टर्ड बंदूक से हमला किया
पेन्सिल्वेनिया के पुलिस रिकॉर्ड से पता चला है कि हमलावर क्रूक्स ने ट्रम्प पर अटैक करने के लिए जिस AR-15 असॉल्ट राइफल का इस्तेमाल किया था, वो उसके पिता के नाम पर खरीदी गई थी। उनके नाम पर 20 से ज्यादा बंदूकें रजिस्टर्ड हैं, जो घर पर मौजूद थीं।

CNN ने रविवार और सोमवार को थॉमस के पिता से बात करने की कोशिश की, हालांकि उन्होंने सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया। फिलहाल थॉमस के माता-पिता जांच में मदद कर रहे हैं। उन्होंने एजेंसियों को बताया कि थॉमस का कोई दोस्त नहीं था और न ही उसका किसी पार्टी की तरफ झुकाव था।

थॉमस के फोन, कंप्यूटर, सर्च हिस्ट्री और बेडरूम की जांच करने के बाद भी उसके मकसद का पता नहीं लगाया जा सका है। उसके परिवार और दोस्तों से भी इस बारे में पूछताछ की जा चुकी है, लेकिन एजेंट्स के हाथ कोई सबूत नहीं लग पाया है। उसकी ऑनलाइन एक्टिविटीज से पता चला है कि उसे कंप्यूटर कोडिंग और गेमिंग में रुचि थी।