हरियाणा JJP नेता हत्याकांड में एक और मर्डर की डील:पूरे प्रकरण में 11 लोग शामिल, दो शूटर मंत्री और चेयरमैन अभी भी फरार

हरियाणा में जेजेपी नेता रविंद्र सैनी की हत्या मामले में 2 मुख्य शूटर पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। इन शूटरों में मंत्री और चेयरमैन भी शामिल हैं। अपराध की दुनिया में शूटरों को इसी नाम से पुकारा जाता है। हांसी एसटीएफ शूटरों के पीछे लगी है, जल्द ही पुलिस दोनों आरोपियों तक पहुंच सकती है।

10 जुलाई को रविंद्र सैनी की हत्या में 11 लोग शामिल थे। दो गुटों के अपराधियों ने हत्या के लिए साजिश रची थी। इसमें मुख्य साजिशकर्ता विकास नेहरा और मुठभेड़ में घायल हुए तोशाम के पिंजोखरा गांव निवासी विकास उर्फ ​​काशी के बीच डील हुई थी।

काशी की गांव में ही एक गैंग के सदस्य से रंजिश है। काशी उसकी हत्या करवाना चाहता था। बदले में उसने रविंद्र सैनी की हत्या करने की हामी भरी थी। लेकिन रविंद्र सैनी की हत्या के बाद काशी गुट के लिए हत्या करनी थी, लेकिन उससे पहले ही अपराधी पकड़े गए।

पूरी साजिश में 11 लोग शामिल

इस पूरी साजिश में 11 लोग शामिल हैं। इनमें विकास नेहरा, प्रवीण, रमेश उर्फ ​​योगी, प्रवीण, रविंद्र, योगेश उर्फ ​​सुखा, सचिन उर्फ ​​मंगतू, विकास उर्फ ​​काशी, मंत्री और चेयरमैन शामिल हैं जो जेल में बंद हैं। पुलिस की टीमें दोनों मुख्य शूटरों के संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं।

पुलिस ने 3 आरोपियों से की थी मुठभेड़

17 जुलाई को पुलिस ने रविंद्र सैनी की हत्या में शामिल 3 आरोपियों को पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था। योगेश उर्फ ​​सुखा, सचिन उर्फ ​​मंगतू, विकास उर्फ ​​काशी के पैरों में गोली लगी थी। इनमें से एक का पैर फ्रैक्चर होने के कारण हिसार के सरकारी अस्पताल में उपचार चल रहा है, जबकि दो आरोपी हांसी के सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं।

अस्पताल में उपचाराधीन आरोपियों के ठीक होने तक पुलिस ने कड़ी सुरक्षा तैनात कर रखी है। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पुलिस जल्द ही तीनों आरोपियों को जांच में शामिल कर सकती है।

पुलिस ने ऐसे सुलझाया केस

रविन्द्र सैनी हत्याकांड में पुलिस ने सबसे पहले विकास नेहरा को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर पूछताछ की, क्योंकि 7 साल पहले रविन्द्र सैनी की हत्या की कोशिश उसी ने की थी। वारंट पर विकास ने खुलासा किया कि उसने जेल में बैठकर पूरी योजना बनाई थी।

इसके बाद हांसी पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर अलग-अलग टीमें बनाकर आरोपियों तक पहुंचने का काम किया। पुलिस को सुराग मिला कि आरोपी राजस्थान के रास्ते गुजरात भाग गए हैं। पुलिस ने गुजरात से प्रवीण, रमेश उर्फ ​​योगी, प्रवीण, रविन्द्र को गिरफ्तार किया। ये चारों जेजेपी नेता की हत्या के साजिशकर्ता थे। इन आरोपियों ने रविन्द्र सैनी की रेकी करने और शूटरों की मदद करने की पूरी योजना बनाई थी।

इसके बाद पुलिस ने गुजरात से पकड़े गए चारों आरोपियों को 5 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया। इसके बाद पुलिस को मुख्य शूटरों के बारे में सुराग मिला। पुलिस ने रविन्द्र सैनी की हत्या में शामिल 3 आरोपियों को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया। इनमें योगेश उर्फ ​​सुखा, सचिन उर्फ ​​मंटू, विकास उर्फ ​​काशी के पैरों में गोली लगी है।

अपराध की दुनिया में नाम कमाना चाहते थे
JJP नेता रवींद्र सैनी की हत्या में शामिल कई आरोपित ऐसे हैं जो केवल अपराध की दुनिया में अपना नाम कमाना चाहते थे। विकास नेहरा उर्फ विक्की पर पहले से ही कई मामले दर्ज थे। ऐसे में जो अपराधी सैनी की हत्या में शामिल थे वे हत्या की वारदात को अंजाम देकर विक्की और काशी की गुड बुक में शामिल होना चाहते थे।

वे इन दोनों के इशारे पर कोई भी वारदात को अंजाम देने के लिए तैयार थे। पूरी घटनाक्रम में 3 लोग विक्की के संपर्क में पहले से थे वहीं बाकी लोग काशी के संपर्क में थे। सूत्रों के अनुसार योगेश और मंगतु विक्की के संपर्क में पहले से ही थे।

काशी पर पहले भी दर्ज हैं कई मामले
पुलिस के अनुसार काशी पर हत्या प्रयास और हत्या के पहले भी मामले दर्ज थे। काशी पर करीब 19 आपराधिक मामले पहले से दर्ज है। अभी भी इस मामले में दो शूटरों की गिरफ्तारी बाकी है। दोनों शूटर लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे हैं।

दोनों शूटर हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में लगातार अपने ठिकाने बदल रहे हैं। सैनी की हत्या को अंजाम देने के लिए प्लानिंग के तहत 3 टीम बनाई गई थी। जिसमें से एक टीम को हथियार उपलब्ध कराने, फरारी काटने काटने के लिए अलग-अलग प्लानिंग की गई थी। पुलिस के अनुसार जल्द ही दोनों शूटरों की भी गिरफ्तारी हो सकती है।

हत्या के विरोध में हांसी बंद था, सीएम ने दिया था आश्वासन

10 जुलाई को जजपा नेता व हीरो मोटर्स एजेंसी मालिक रविंद्र सैनी की शोरूम के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद 12 जुलाई को व्यापारियों ने हांसी बंद कर दिया था। 12 जुलाई को ही सुबह चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सैनी से प्रतिनिधिमंडल की मीटिंग हुई थी। मामले में मुख्यमंत्री ने परिवार की 3 मांगों पर सहमति जताते हुए शव लेने पर सहमति जताई थी। हत्या के 48 घंटे बाद 12 जुलाई को शाम को शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया था।