हरियाणा में स्थापित होगी सिद्धू मूसेवाला की प्रतिमा:डबवाली से चुनाव जीतने के लिए दिग्विजय चौटाला का दांव, सितंबर में होगा अनावरण

जन नायक जनता पार्टी (जेजेपी) के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला सिरसा की डबवाली सीट से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। वे इन दिनों डबवाली हलके में काफी सक्रिय हैं और लोगों के सुख-दुख बांट रहे हैं। दिग्विजय चौटाला ने यह कहकर सबको चौंका दिया है कि वे डबवाली में सिद्धू मूसेवाला की प्रतिमा स्थापित करेंगे।

दिग्विजय चौटाला का कहना है कि यह प्रतिमा अगले 2 महीने में बनकर तैयार हो जाएगी। इसके लिए डबवाली में जगह देखी जा रही है। दिग्विजय ने बताया कि प्रतिमा स्थापित करने के लिए उन्होंने सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह से अनुमति ले ली है। प्रतिमा स्थापित होने के बाद बलकौर सिंह खुद आकर अपने हाथों से सिद्धू मूसेवाला की प्रतिमा का अनावरण करेंगे।

उन्होंने ने कहा कि एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले सिद्धू मूसेवाला ने बहुत कम उम्र में अपनी मेहनत के दम पर पूरे देश और दुनिया में नाम कमाया, जो सभी युवाओं के लिए एक मिसाल है। दिग्विजय चौटाला का कहना है कि डबवाली में मूसेवाला की प्रतिमा युवाओं को प्रेरणा देगी।

प्रतिमा लगाने के पीछे ये हैं 3 कारण

1. डबवाली में पंजाबी वोटरों की अच्छी खासी तादाद है। ये वोटर लोकसभा में कांग्रेस के साथ दिखे थे। सुखबीर बादल ओपी चौटाला की पार्टी इनेलो का समर्थन कर रहे हैं। जब जेजेपी और इनेलो साथ थे, तब ये पंजाब के वोट इनेलो को जाते थे और बागड़ी के वोट भी लगभग एक ही जगह पड़ते थे। लेकिन पार्टी में फूट के बाद हालात बदल गए।

2. इसके अलावा जेजेपी डबवाली के नजदीक कालावाली, रानिया, सिरसा, फतेहाबाद, रतिया और टोहाना में पंजाबी वोटरों को लुभाने की कोशिश कर रही है। ये इलाका कभी चौटाला परिवार का गढ़ माना जाता था, लेकिन लोकसभा चुनाव में इन इलाकों की हालत खराब रही। जेजेपी और इनेलो सिरसा लोकसभा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई।

3. दिग्विजय चौटाला अब तक एक भी चुनाव नहीं जीत पाए हैं, पिछले दो चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। उन्होंने सोनीपत सीट से भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन वे हार गए। इसके अलावा उन्होंने जींद उपचुनाव में भी किस्मत आजमाई लेकिन यहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने कोई चुनाव नहीं लड़ा लेकिन अब वह चौटाला परिवार की परंपरागत सीट से चुनाव लड़ना और जीतना चाहते हैं।

इस बार डबवाली विधानसभा में देवीलाल का परिवार आमने-सामने होगा

हरियाणा में लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी चौटाला परिवार एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ सकता है। इतना ही नहीं, यह पहला मौका होगा जब देवीलाल का परिवार अलग-अलग पार्टियों से आमने-सामने होगा। इस बार हरियाणा की डबवाली विधानसभा में राजस्थान और पंजाब को छूते हुए नए समीकरण बन रहे हैं।

यहां मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। चौटाला परिवार जहां अपनी परंपरागत सीट को वापस पाने के लिए संघर्ष कर रहा है, वहीं देवीलाल के परिवार से आने वाले अमित सिहाग कांग्रेस के टिकट पर दूसरी बार विधानसभा जाने की तैयारी कर रहे हैं। डबवाली विधानसभा में सबसे ज्यादा पकड़ इनेलो की रही है।

इस बार इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला की पत्नी कांता चौटाला यहां से चुनाव लड़ सकती हैं। इसके अलावा दुष्यंत चौटाला के भाई दिग्विजय चौटाला जेजेपी से और आदित्य चौटाला बीजेपी से चुनाव लड़ सकते हैं। यह पहला मौका होगा जब 4 पार्टियों के परिवार आपस में भिड़ेंगे।

चौटाला गांव से ज्यादा विधायक

डबवाली में पंजाबी और बागड़ी दोनों ही बेल्ट शामिल हैं। बागड़ी बेल्ट राजस्थान से सटे इलाके में ज्यादा है और पंजाबी वोटर पंजाब से सटे इलाके में ज्यादा हैं। दोनों ही बेल्ट में चौटाला परिवार की पकड़ मजबूत मानी जाती है। चौटाला, गंगा, कालूआना, बनवाली और ओढ़ा गांव यहां के बड़े गांव हैं। इस बार चार उम्मीदवार एक ही गांव चौटाला से हो सकते हैं। हालांकि इस गांव से ज्यादा विधायक चुने गए हैं।

ताऊ देवीलाल के परिवार के हैं ये सब लोग
दिग्विजय चौटाला अजय चौटाला के छोटे बेटे हैं और देवीलाल की पड़ पौत्र हैं। वहीं आदित्य चौटाला ताऊ देवीलाल के पौत्र हैं। डॉ. केवी सिंह देवीलाल के भतीजे हैं और इनका बेटा अमित सिहाग मौजूदा विधायक हैं। कांता चौटाला देवीलाल की पौत्र बहू है। ऐसे में चारों ही दावेदारों की नजदीकी रिश्तेदारियां हैं।

कांता चौटाला दिग्विजय चौटाला की चाची और आदित्य चौटाला की भाभी हैं। डॉ. केवी सिंह कांता चौटाला के ससुर हैं। डॉ. केवी सिंह और आदित्य का चाचा-भतीजे का नाता है। ऐसे में हरियाणा में शायद डबवाली ही ऐसी इकलौती सीट होगी, जहां इस पर प्रदेश के एक बड़े सियासी घराने के सदस्य आमने-सामने होंगे।