काशी विश्वनाथ मंदिर के पास दो मकान ढहे:महिला पुलिसकर्मी सहित 9 लोग दबे, 1 की मौत; PM मोदी ने कमिश्नर से बात की

वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के पास मंगलवार सुबह 3 बजे 2 मकान ढह गए। इसमें ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिसकर्मी समेत 9 लोग मलबे में दब गए। 8 को सुरक्षित बाहर निकाला गया। 43 साल की 1 महिला की मौत हो गई। हादसे के वक्त लोग सो रहे थे।

सूचना मिलते ही कई थाने की पुलिस फोर्स पहुंची। NDRF बुलाई गई। 6 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चला। जिस गली में हादसा हुआ, उसकी चौड़ाई महज 8 फीट है। ऐसे में वहां रेस्क्यू का पूरा काम मैनुअली हुआ। NDRF ने मलबे को हाथों से हटाया। इस वजह से रेस्क्यू में वक्त लग गया। दोनों घर मंदिर कॉरिडोर से महज 10 मीटर दूर हैं।

इधर, पीएम मोदी ने कमिश्नर कौशल राज शर्मा से फोन पर बात की। उन्होंने मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी ली। कमिश्नर ने उन्हें बताया कि मृतक महिला और घायलों को मुआवजा दिया जाएगा। घायलों का बेहतर इलाज करवाया जा रहा है।

स्थानीय लोगों ने बताया- मनीष गुप्ता मकान को ठीक करवाना चाहते थे, लेकिन काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र में किसी भी निर्माण के लिए अनुमति लेनी पड़ती है। उन्होंने मंदिर प्रशासन से लेकर नगर निगम से अनुमति मांगी थी कि मकान को जमींदोज कर दिया जाए या मरम्मत कराने के आदेश दिया जाए, लेकिन अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने मकान के मरम्मती के लिए सामान भी मंगा लिया था।

गेट नंबर 4 से श्रद्धालु का प्रवेश बंद
हादसे के बाद मैदागिन और गोदौलिया से मंदिर जाने वाले गेट नंबर 4 से श्रद्धालु के प्रवेश बंद कर दिया गया। श्रद्धालु को गेट नंबर 1 और 2 से मंदिर भेजा जा रहा है। NDRF के DIG मनोज शर्मा ने बताया- हमने सभी लोगों को बाहर निकाल लिया है। अभी फाइनल सर्च ऑपरेशन चल रहा है। डॉग स्क्वायड और टेक्निकल यूनिट सर्च ऑपरेशन चला रही है।

पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया- मकान पुराने थे। इसमें दो परिवार रहते थे। एक रिलेटिव भी आए थे। 2 किराएदार भी रहते थे। हादसे के बाद तत्काल रेक्स्यू ऑपरेशन चलाकर सभी को बाहर निकाला गया। महिला कॉन्स्टेबल के जबड़े में चोट लगी है।

लेडी कॉन्स्टेबल के जबड़े में चोट आई, ट्रॉमा सेंटर रेफर

हादसे में ज्ञानवापी चौकी में तैनात लेडी कॉन्स्टेबल बिंदू देवी (20) घायल हुईं हैं। उनके जबड़े में चोट आई है। बिंदू को BHU ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया है। अन्य घायलों में- आजमगढ़ के अजमगढ़ की सपना गुप्ता (26) पत्नी अशोक गुप्ता, पांचो पांडवा चौक निवासी रमेश गुप्ता (50) पुत्र स्व. लाल चंद्र गुप्ता, कुसमलता गुप्ता (48) पत्नी रमेश गुप्ता, रितिका गुप्ता (23) पुत्री रमेश गुप्ता, ऋषभ गुप्ता (24) पुत्र रमेश गुप्ता, मनीष गुप्ता (39) पुत्र स्व. लाल चंद गुप्ता, पूजा गुप्ता (36) पत्नी मनीष गुप्ता, आर्यन गुप्ता (16) पुत्र मनीष गुप्ता हैं। वहीं, मृतक की पहचान 43 साल की प्रेमलता के रूप में हुई, वह भी आजमगढ़ की रहने वाली थी।

मरम्मती के लिए किसी परमिशन की जरूरत नहीं है
मनीष गुप्ता ने घर की मरम्मती के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) और मंदिर प्रशासन से अनुमति मांगी थी, इस आरोप पर मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया- मंदिर का निर्माण 5 साल पहले चालू हुआ था, जो ढाई साल पहले पूरी तरह से खत्म हो गया है। मंदिर का जो क्षेत्र बनना था, वह पूरी तरह से बन चुका है।

मंदिर की तरफ से अब कोई नई प्रॉपर्टी नहीं खरीदी जा रही है। न ही मंदिर के आसपास के किसी भी मकान में मरम्मत के लिए कोई भी परमिशन की आवश्यकता है। लोगों में यह भ्रांति है, इसे पहले भी दूर किया गया था और अब इस अभियान चला कर दूर किया जाएगा।