बदले योगी…संगठन और सरकार को एक टेबल पर लाए:उपचुनाव के लिए सभी को काम बांटा; अफसरों पर कसी नकेल

यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को 2027 का सेमीफाइनल माना जा रहा है। भाजपा जीत के लिए पूरा जोर लगा रही है। सीएम योगी अपने काम करने के तरीके में बदलाव ला रहे हैं। संगठन और सरकार के बीच चल रही खींचतान की बात के बीच दोनों को एक टेबल पर ले आए हैं।

लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद प्रदेश सरकार के मंत्रियों और सहयोगी पार्टी के नेताओं ने सीएम योगी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। ऐसे में योगी ग्राउंड लेवल पर जीत की रणनीति तैयार कर रहे हैं।

संगठन को सरकार के करीब लाने में लगे : लोकसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद से न सिर्फ पार्टी के नेता, सहयोगी दल भी सीएम योगी पर निशाना साध रहे थे। कभी ‘सरकार और संगठन’ का मुद्दा, तो कभी आरक्षण को लेकर योगी सरकार को कटघरे में खड़ा किया जा रहा था।

हालात को देखते हुए योगी ने भी हार की समीक्षा की और उपचुनाव की तैयारियों में जुट गए। वह अलग-अलग जिलों में भाजपा के संगठन से जुड़े नेताओं के साथ बैठक कर उत्साह भरते नजर आ रहे हैं। ताकि सरकार और संगठन मिलकर इस उपचुनाव में जीत हासिल कर सकें।

सीएम योगी का फोकस पन्ना प्रमुख पर सबसे ज्यादा है। उनका कहना है, पन्ना प्रमुख चुनावी रणनीति को कामयाब बनाते हैं। यही मतदाताओं को बूथ तक ले आते हैं। इसलिए इनकी तैनाती जल्द से जल्द की जाए। उन्होंने पन्ना प्रमुखों के प्रशिक्षण की बेहतर व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। कहा, जनप्रतिनिधि और पार्टी पदाधिकारी कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद बनाएं। कार्यकर्ताओं को लाभार्थियों से भी लगातार संपर्क स्थापित करते रहने के लिए प्रेरित करें।

सीनियर जर्नलिस्ट रतनमणि लाल कहते हैं- लोकसभा की सीटें कम होने के बाद भाजपा में तमाम तरह की एक्सरसाइज शुरू हुई। पहले पार्टी ने अपनी तरफ से टीम भेजी। फिर बीएल संतोष आए, जेपी नड्‌डा आए। तमाम बैठकों से निकलकर आया कि पार्टी के नेताओं और जनता से इंटरैक्शन होना चाहिए। दरअसल, योगी की छवि ऐसी बनती जा रही थी, जो काम तो बहुत अच्छा कर लेते हैं, लेकिन उनका लोगों से सीधा संवाद कम है। इसीलिए अब योगी के काम करने में बदलाव आया है।

सरकार के लेवल पर उपचुनाव की बन रही रणनीति
सीएम योगी आदित्यनाथ उपचुनाव को लेकर मंत्रियों के लेवल पर भी समीक्षा बैठक कर रहे हैं। 10 विधानसभा सीटों पर 30 मंत्रियों की टीम को उतारा गया है। ये मंत्री ग्राउंड लेवल पर गए। क्षेत्र में दो दिन तक रुके। पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी से मुलाकात की। जमीनी हकीकत का पता लगाया। उसके आधार पर इन 10 विधानसभा सीटों पर जीत दिलाने की जिम्मेदारी सीएम ने अपने साथ ही दोनों डिप्टी सीएम और प्रदेश के वरिष्ठ मंत्रियों को दी है।

5 अगस्त को योगी ने सरकार और संगठन की बैठक की। उन्होंने अयोध्या की मिल्कीपुर और अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट की जिम्मेदारी अपने पास रखी। दोनों डिप्टी सीएम को भी दो-दो सीट का जिम्मा दिया। केशव प्रसाद मौर्य फूलपुर और मंजुबा की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। ब्रजेश पाठक को कानपुर की सीसामऊ और मैनपुरी की करहल सीट की जिम्मेदारी दी गई।

मुख्यमंत्री योगी ने चार सीट की जिम्मेदारी संगठन को भी दी है। दो सीटों की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को दी। दो का जिम्मा संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह संभाल रहे हैं। भूपेंद्र चौधरी को मुजफ्फरनगर की मीरापुर और मुरादाबाद की जिम्मेदारी मिली है। धर्मपाल सिंह को अलीगढ़ की खैर और गाजियाबाद की सदर सीट की जिम्मेदारी दी गई है।