भाजपा-RSS में नए पार्टी अध्यक्ष के लिए 5 घंटे मंथन:देवेंद्र फडणवीस या अनुराग ठाकुर को जिम्मेदारी मिल सकती है; बांग्लादेश पर भी चर्चा हुई

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर रविवार देर रात भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेताओं की बैठक हुई। करीब पांच घंटे चली बैठक में भाजपा के नए अध्यक्ष पर मंथन किया गया।

सूत्रों के मुताबिक, नए अध्यक्ष के लिए महाराष्ट्र के डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस और सांसद अनुराग ठाकुर के नाम पर चर्चा हुई। इसकी आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।

देवेंद्र फडणवीस को RSS का पसंद बताया जा रहा है, वहीं भाजपा के दिग्गज नेता अनुराग ठाकुर के हाथ में कमान देना चाहते हैं।

बैठक में राजनाथ के अलावा अमित शाह और भाजपा महासचिव (संगठन) बीएल संतोष, RSS महासचिव दत्तात्रेय होसबले, संयुक्त महासचिव अरुण कुमार मौजूद थे।

31 अगस्त से 2 सितंबर तक केरल के पलक्कड़ में RSS की एक महत्वपूर्ण बैठक होनी है। इससे पहले भाजपा अध्यक्ष तय होने की उम्मीद है।

नड्‌डा के मंत्री बनने की वजह से बदला जाना है अध्यक्ष

जेपी नड्डा जून 2019 में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बने थे। इसके बाद 20 जनवरी 2020 को पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाए गए। इसी साल फरवरी में उनका कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ाया गया था।

लोकसभा चुनाव के बाद मोदी सरकार 3.0 में उन्हें स्वाथ्य मंत्री बनाया गया था। भाजपा में एक व्यक्ति एक पद का नियम है। इसलिए नड्‌डा को अध्यक्ष पद छोड़ना है।

RSS की पसंद फडणवीस
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और वर्तमान डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पसंद माने जा रहे हैं। फडणवीस नागपुर से हैं और संघ का मुख्यालय भी वही हैं। वह संघ प्रमुख और अन्य नेताओं के करीबी भी माने जाते हैं। विवादों से दूर रहने वाले फडणवीस की जितनी नजदीकी संघ प्रमुख से है, उतनी ही मोदी-शाह से भी है। मोदी-शाह के कहने पर वह सीएम रहने के बाद महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बनने को तैयार हुए थे। ऐसे में उनकी दावेदारी मजबूत है।

अनुराग ठाकुर विपक्ष पर हमलावर, यह नई जिम्मेदारी का संकेत
अनुराग ठाकुर मोदी सरकार 2.0 में खेल मंत्री थे। पहलवानों के विवाद समेत अन्य मामलों में वह चर्चा में रहे। इस बार उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया है। लेकिन, जिस तरह वह संसद में विपक्ष के हमलों के पलटवार का जिम्मा संभाल रहे हैं, उससे उनकी नई भूमिका के कयास लगाए जा रहे हैं। संसद में राहुल गांधी के आरोपों का जो जवाब ठाकुर ने दिया था, पीएम मोदी ने उसका वीडियो X पर शेयर किया था। ऐसे में पार्टी सूत्रों का दावा है कि ठाकुर भी अगले अध्यक्ष हो सकते हैं।

भाजपा में अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया
भारतीय जनता पार्टी (BJP) में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए पार्टी के संविधान में स्पष्ट निर्देश हैं। पार्टी के संविधान की धारा-19 के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की व्यवस्था की गई है। धारा-19 के मुताबिक, पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाएगा। इसमें राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषदों के सदस्य होंगे। पार्टी के संविधान में कहा गया है कि यह चुनाव राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा निर्धारित नियमों के मुताबिक किया जाएगा।

अध्यक्ष चुने जाने के लिए यह जरूरी है कि व्यक्ति कम से कम 15 साल तक पार्टी का प्राथमिक सदस्य रहा हो। धारा-19 के पेज में ही यह लिखा गया है कि निर्वाचक मंडल में से कुल 20 सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की योग्यता रखने वाले व्यक्ति के नाम का प्रस्ताव रखेंगे।

यह संयुक्त प्रस्ताव कम से कम 5 ऐसे प्रदेशों से भी आना जरूरी है, जहां राष्ट्रीय परिषद के चुनाव संपन्न हो चुके हों। इसके अलावा इस तरह के चुनाव के लिए नामांकन पत्र पर उम्मीदवार की स्वीकृति भी जरूरी है।

भाजपा के संविधान के मुताबिक कम से कम 50% यानी आधे राज्यों में संगठन चुनाव के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जा सकता है। इस लिहाज से देश के 29 राज्यों में से 15 राज्यों में संगठन के चुनाव के बाद ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता है।

क्या है राष्ट्रीय परिषद
इसमें पार्टी के संसद सदस्यों में से 10 प्रतिशत सदस्य चुने जाते हैं, जिनकी संख्या दस से कम न हो। यदि संसद सदस्यों की कुल संख्या दस से कम हो तो सभी चुने जाएंगे। परिषद में पार्टी के सभी भूतपूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेशों के अध्यक्ष, लोकसभा, राज्यसभा में पार्टी के नेता, सभी प्रदेशों की विधानसभाओं और विधान परिषदों में पार्टी नेता सदस्य होंगे।

इसके अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से अधिक से अधिक 40 सदस्य नामांकित किए जा सकते हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभी सदस्य भी इसमें शामिल होते हैं। विभिन्न मोर्चों और प्रकोष्ठों के अध्यक्ष और संयोजक भी सदस्य होते हैं। सभी को 100 रुपए का सदस्यता शुल्क देना पड़ता है।

कोई एक चेहरा कितने टर्म तक अध्यक्ष रह सकता है?
भाजपा की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, पार्टी के संविधान की धारा 21 के मुताबिक, कोई भी सदस्य 3-3 वर्ष के लगातार 2 कार्यकाल तक ही अध्यक्ष रह सकता है। प्रत्येक कार्यकारिणी, परिषद, समिति और उसके पदाधिकारियों और सदस्यों के लिए भी 3 साल की अवधि तय की गई है। पार्टी के संविधान के मुताबिक, बीजेपी का सदस्य बनने के लिए मुख्य शर्त यह भी है कि व्‍यक्ति 18 साल या उससे अधिक उम्र का होना चाहिए। साथ ही उसका किसी अन्‍य दल से जुड़ाव नहीं हो।