गौतमबुद्धनगर के जेवर में बनने जा रहे देश के सबसे बड़े नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट नोएडा-ग्रेटर नोएडा के साथ दक्षिण दिल्ली के लोगों के लिए भी खुशियां और राहत लेकर आ रहा है। जेवर में दिल्ली-एनसीआर का दूसरा एयरपोर्ट बनते ही मेट्रो रेल के जरिये यह सीधे दिल्ली एयरपोर्ट से जुड़ जाएगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने के बाद हवाई यात्री ढाई घंटे में दिल्ली एयरपोर्ट तक यात्रा करने की उम्मीद कर सकते हैं। वहीं, प्रस्तावित मेट्रो रेल कॉरिडोर के 2024 तक बनने के बाद दक्षिण दिल्ली से जेवर की यात्रा सिर्फ डेढ़ घंटे में तय हो सकेगी। राइट्स (RITES Limited, a Government of India enterprise) ने पिछले साल दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को जेवर में प्रस्तावित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए 3 अलग-अलग प्रस्ताव जमा किए थे। इनमें मेट्रो रेल कॉरिडोर के जरिये जेवर एयरपोर्ट को जोड़ने की अनुमति मिलती नजर आ रही है।
राइट्स ने दक्षिणी दिल्ली से मेट्रो रेल के जरिये जेवर एयरपोर्ट को जोड़ने का सुझाव दिया है। यह रूट 81.56 किलोमीटर होगा। इसमें 66.6 किलोमीटर एलिवेटेड और 14 किलोमीटर अंडरग्राउंड होगा। इसके तहत एयरो सिटी और तुगलकाबाद के बीच 20 किलोमीटर मेट्रो लाइन का निर्माण का प्रस्ताव है। फिलहाल दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) निर्माण कार्य भी कर रहा है, जिसकी अनुमति कुछ महीने पहले ही मिली थी। दूसरे प्रस्ताव के तहत तुगलकाबाद से नोएडा सेक्टर-142 तक 15 किलोमीटर मेट्रो लाइन का निर्माण शामिल है, जो एक्वा लाइन मेट्रो से जोड़ेगा। तीसरे प्रस्ताव के तहत नॉलेज पार्क से लेकर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक 35.6 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन का निर्माण करना था। इसके तहत यात्रियों को 82 किलोमीटर के लंबे सफर में दो जगहों पर नोएडा-142 और नॉलेज पार्क में मेट्रो बदलनी पड़ती।
जेवर एयरपोर्ट से कम होगी दिल्ली एयरपोर्ट पर भीड़
अधिकारियों की मानें तो जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने से दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों का बोझ कम होगा और मेरठ, बुलंदशहर, मथुरा और आगरा के आसपास के यात्री जेवर जाना पसंद करेंगे। सरकार की ओर से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। अब फंडिंग के पैटर्न पर विचार होना है। इसके बाद काम कब शुरू होगा? यह तय हो जाएगा। YEIDA के अधिकारी की मानें तो इससे न केवल नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लोगों को लाभ मिलेगा, बल्कि इससे दक्षिण दिल्ली के लोग भी लाभान्वित होंगे।
रैपिड रेल से भी जोड़ने का प्रस्ताव
वहीं, जेवर एयरपोर्ट को मेट्रो रेल से भी जोड़ने का प्रस्ताव है। इसके लिए दो रूट सुझाए गए हैं। पहले रूट की लंबाई 88 किलोमीटर होगी। इसमें 62 किलोमीटर एलिवेटेड और 26 किलोमीटर अंडरग्राउंड होगा। इसमें से केवल अंडरग्राउंड बनाना होगा। इसमें 8680 करोड़ रुपये खर्च होंगे।