गाजियाबाद में ट्रेन से कटकर जान देने वाले प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी आलोक रंजन CBI जांच में घिरे हुए थे। मुंबई के Cज्वैलर्स से 50 लाख रुपए मांगने के मामले में उनका भी नाम सामने आ रहा था। सूत्र बता रहे हैं कि इस मामले में CBI दो बार आलोक रंजन से पूछताछ भी कर चुकी थी। संभवत: इसी वजह से वो तनाव में थे और अपना सिर रेल पटरी पर रखकर खुदकुशी कर ली।
18 अगस्त को गौशाला रेलवे फाटक पर मिली सिर कटी लाश
गाजियाबाद के विजयनगर थाना क्षेत्र में गौशाला रेलवे फाटक है। यहां रेलवे ट्रैक पर 18 अगस्त की शाम 51 वर्षीय व्यक्ति की सिर कटी लाश बरामद हुई। जेब में ड्राइविंग लाइसेंस रखा मिला। इस पर काली बाड़ी दिल्ली का एड्रेस लिखा हुआ था। पुलिस वहां पहुंची तो पता चला कि वे गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन स्थित SN ग्रांड सोसाइटी में रहते हैं। परिजनों ने आकर शव की पहचान कर ली। 19 अगस्त को शव का पोस्टमार्टम हुआ और वे शव को लेकर चले गए। उन्होंने आलोक रंजन प्रोफाइल पुलिस को नहीं बताई। 21 अगस्त की शाम पता चला कि मरने वाले आलोक रंजन ED में अधिकारी थे। आलोक रंजन मूलत: बिहार में भागलपुर जिले के कस्बा कहलगांव के रहने वाले थे। वो ED में प्रतिनियुक्ति पर आए थे और दिल्ली में तैनात थे।
गाजियाबाद के विजयनगर थाना क्षेत्र में गौशाला रेलवे फाटक है। यहां रेलवे ट्रैक पर 18 अगस्त की शाम 51 वर्षीय व्यक्ति की सिर कटी लाश बरामद हुई। जेब में ड्राइविंग लाइसेंस रखा मिला। इस पर काली बाड़ी दिल्ली का एड्रेस लिखा हुआ था। पुलिस वहां पहुंची तो पता चला कि वे गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन स्थित SN ग्रांड सोसाइटी में रहते हैं। परिजनों ने आकर शव की पहचान कर ली। 19 अगस्त को शव का पोस्टमार्टम हुआ और वे शव को लेकर चले गए। उन्होंने आलोक रंजन प्रोफाइल पुलिस को नहीं बताई। 21 अगस्त की शाम पता चला कि मरने वाले आलोक रंजन ED में अधिकारी थे। आलोक रंजन मूलत: बिहार में भागलपुर जिले के कस्बा कहलगांव के रहने वाले थे। वो ED में प्रतिनियुक्ति पर आए थे और दिल्ली में तैनात थे।
बेटा रिपोर्ट लिखाने थाने पहुंचा, इतने में आई मौत की खबर
परिजनों ने पुलिस को बताया- आलोक रंजन 18 अगस्त की सुबह घर से बिना बताए निकल गए थे। उनके लापता होने पर बेटे अपूर्वम झा गाजियाबाद के थाना नंदग्राम में मिसिंग कंप्लेंट दर्ज कराने के लिए पहुंचे। पुलिस कागजी कार्रवाई पूरी कर रही थी कि इसी बीच एक डेडबॉडी गौशाला रेलवे फाटक पर मिलने की खबर आ गई। परिजन जब सीधे पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे तो शव की पहचान आलोक रंजन के रूप में हुई।
परिजनों ने पुलिस को बताया- आलोक रंजन 18 अगस्त की सुबह घर से बिना बताए निकल गए थे। उनके लापता होने पर बेटे अपूर्वम झा गाजियाबाद के थाना नंदग्राम में मिसिंग कंप्लेंट दर्ज कराने के लिए पहुंचे। पुलिस कागजी कार्रवाई पूरी कर रही थी कि इसी बीच एक डेडबॉडी गौशाला रेलवे फाटक पर मिलने की खबर आ गई। परिजन जब सीधे पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे तो शव की पहचान आलोक रंजन के रूप में हुई।