महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर स्थित एक स्कूल में दो बच्चियों से यौन शोषण मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट में गुरुवार (22 अगस्त) को सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि अब 4 साल की बच्चियों को भी नहीं बख्शा जा रहा। यह कैसी स्थिति है।
कोर्ट ने कहा कि अगर स्कूल ही सेफ नहीं है तो शिक्षा के अधिकार और बाकी चीजों की बात करने का क्या मतलब। हाईकोर्ट ने मामले की जानकारी छिपाने के आरोप में स्कूल प्रशासन के खिलाफ पॉक्सो के तहत केस दर्ज करने को कहा है।
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच ने सरकार से केस डायरी और FIR की कॉपी भी मांगी है। एडवोकेट जनरल बीरेंद्र सराफ ने कोर्ट में सरकार का पक्ष रखा। मंगलवार (27 अगस्त) को मामले की अगली सुनवाई होगी।
बदलापुर के आदर्श स्कूल में 12 और 13 अगस्त को 23 साल के सफाई कर्मी अक्षय शिंदे ने किंडरगार्टन में पढ़ने वाली 3 और 4 साल की दो बच्चियों का यौन शोषण किया था। कोर्ट ने बुधवार (21 अगस्त) को मामले पर खुद संज्ञान लिया था।
कोर्ट ने कहा- स्कूल प्रशासन के खिलाफ केस दर्ज क्यों नहीं किया
कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या बच्चियों ने स्कूल प्रशासन से यौन शोषण की शिकायत की थी। सरकार ने कहा- हां। कोर्ट ने पूछा कि क्या पुलिस ने स्कूल के खिलाफ केस दर्ज किया है। पॉक्सो के तहत, घटना की जानकारी छिपाने पर स्कूल प्रशासन को भी आरोपी बनाने का प्रावधान है।
सरकार ने कहा कि SIT का गठन किया गया है। अब केस दर्ज किया जाएगा। कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि बच्ची के पेरेंट ने जैसे ही FIR दर्ज कराई, आपको स्कूल अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए था।
कोर्ट ने कहा कि हम यह जानकर हैरान हैं कि बदलापुर पुलिस ने दूसरी बच्ची के परिवार का बयान भी दर्ज नहीं किया था। हमने संज्ञान लिया तब पुलिस ने दूसरी बच्ची के पिता के बयान दर्ज किए, वह भी आधी रात के बाद। आप आधी रात के बाद बयान कैसे दर्ज कर सकते हैं? इतनी देरी क्यों?
हाईकोर्ट ने कहा कि बच्चियों ने खुद यौन शोषण की जानकारी दी है। इसके बारे में बोलने के लिए बहुत हिम्मत की जरूरत है। कोर्ट ने राज्य सरकार और पुलिस से कहा कि अगर आपने किसी भी तरह मामले को दबाने की कोशिश की, तो हम एक्शन लेने से नहीं हिचकिचाएंगे।
घटना के बाद स्कूल जाने से डर रही थीं बच्चियां
पुलिस के मुताबिक, स्वीपर अक्षय शिंदे ने गर्ल्स टायलेट में बच्चियों से गलत हरकत की थी। घटना के बाद दोनों बच्चियां स्कूल जाने से डर रही थीं। एक बच्ची के माता-पिता को शक हुआ तो उन्होंने बेटी से पूछताछ की। इसके बाद बच्ची ने सारी बात बताई।
फिर उस बच्ची के माता-पिता ने दूसरी बच्ची के पेरेंट से बात की। इसके बाद दोनों बच्चियों का मेडिकल टेस्ट हुआ, जिसमें यौन शोषण का खुलासा हुआ। दोनों परिवार केस दर्ज कराने के लिए थाने पहुंचा।
आरोप है कि सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर शुभदा शितोले ने पॉक्सो एक्ट का मामला होने के बावजूद FIR दर्ज करने में टालमटोल की। पीड़ित परिवारों ने सामाजिक कार्यकर्ताओं से मदद मांगी। दो दिन बाद 16 अगस्त की देर रात पुलिस ने शिकायत दर्ज की।
पुलिस ने 17 अगस्त को आरोपी को गिरफ्तार किया। लोकल कोर्ट ने उसे 26 अगस्त तक पुलिस कस्टडी में भेजा है। घटना के खिलाफ बदलापुर में 20 अगस्त को कई जगह विरोध प्रदर्शन हुए। हिंसा की आशंका को देखते हुए इंटरनेट बंद किया गया है। 21 अगस्त को स्कूल भी बंद रहे।
आरोपी को दादा बोलती थी बच्चियां
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी 1 अगस्त को ही स्कूल में कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त हुआ था। बच्ची उसे दादा (बड़े भाई के लिए मराठी शब्द) पुकारती थी। बच्ची के मुताबिक ‘दादा’ ने उसके कपड़े खोले और गलत तरीके से छुआ। स्कूल में जहां घटना हुई, वहां महिला कर्मचारी नहीं थी।
महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सुसीबेन शाह ने आरोप लगाया कि स्कूल ने बच्चियों के पैरेंट्स की मदद करने के बजाय अपराध को छुपाया। स्कूल समय पर संज्ञान लेकर शिकायत दर्ज करवाता तो अराजक स्थिति से बचा जा सकता था।
विपक्षी पार्टियों ने 24 अगस्त को महाराष्ट्र बंद बुलाया
बदलापुर की घटना पर महाराष्ट्र में विपक्षी दलमहाविकास अघाड़ी ने घटना के विरोध में 24 अगस्त को महाराष्ट्र बंद बुलाया है। गठबंधन के दल कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और एनसीपी (SCP) ने 21 अगस्त को बैठक के बाद यह फैसला किया।
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने 20 अगस्त को हुए विरोध प्रदर्शन को सियासत से प्रेरित बताया। उन्होंने दावा किया कि ज्यादातर प्रदर्शनकारी बाहरी थे।
300 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ FIR, 72 गिरफ्तार
बच्चियों से यौन शोषण की घटना को लेकर 20 अगस्त को हजारों लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। लोगों ने पहले उस स्कूल में तोड़फोड़ की, जिसमें ये घटना घटी। सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक बदलापुर स्टेशन पर भी प्रदर्शन किया। 10 घंटे से ज्यादा लोकल ट्रेनों की आवाजाही रुकी रही।
हंगामे में भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया था। शाम होते-होते पुलिस ने लाठीचार्ज कर रेलवे ट्रैक खाली कराया। राज्य सरकार ने यौन शोषण का केस दर्ज करने से 12 घंटे तक टालते रहे बदलापुर थाने के महिला पुलिस निरीक्षक समेत 3 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया।
हंगामे के दौरान 17 पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलिस ने करीब 300 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की। 72 लोगों को अरेस्ट किया गया। वहीं, मामले की जांच के लिए IG आरती सिंह के नेतृत्व में SIT का गठन किया गया है। मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा और सरकारी वकील उज्ज्वल निकम होंगे।
निकम को सरकारी वकील नियुक्त करने पर उठे सवाल
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने बदलापुर मामले की पैरवी के लिए उज्ज्वल निकम को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करने पर सवाल उठाए हैं। निकम भाजपा से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। वे स्कूल का ही बचाव करेंगे। इसलिए पीड़िता को इंसाफ नहीं मिल सकता।
कोलकाता रेप-मर्डर केस, CBI बोली- क्राइम सीन से छेड़छाड़ हुई
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 9 अगस्त को हुए ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में CBI ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि क्राइम सीन से छेड़छाड़ हुई है। जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा- कोलकाता पुलिस की भूमिका पर संदेह है। जांच में ऐसी लापरवाही अपने 30 साल के करियर में नहीं देखी।
इससे पहले CJI ने कहा- डॉक्टर काम पर लौट आएं। अस्पतालों की स्थिति जानता हूं। मैं खुद एक सरकारी अस्पताल के फर्श पर सोया हूं, जब मेरे परिवार का एक सदस्य बीमार था।हमें बहुत सारे ईमेल मिले हैं, जिसमें डॉक्टरों ने कहा है कि उन पर बहुत ज्यादा दबाव है।