UP सरकार लिखी गाड़ी लेकर आया था जालसाज देवेंद्र:कमीशन के लालच में अभ्यर्थियों से पैसा वसूल रही थी कॉन्स्टेबल पिंकी, वॉट्सऐप चैट से खुले राज

UP STF ने गोरखपुर से एक लेडी कॉन्स्टेबल और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया है। उसके पास से यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के 5 एडमिट कार्ड मिले। लेडी कॉन्स्टेबल पिंकी सोनकर अपने जिस साथी को दिल्ली का बड़ा नेता मानकर अभ्यर्थियों से परीक्षा पास कराने के लिए रुपए वसूल रही थी, दरअसल वो राष्ट्रवादी युवा अधिकार का राष्ट्रीय सचिव है।

खुद को बड़ा नेता साबित करने के लिए उसने लखनऊ के शिवांश पांडेय से इनोवा कार किराए पर ली थी। जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार का बोर्ड लगने के साथ ही हूटर भी लगा था, ताकि लेडी कॉन्स्टेबल पिंकी सोनकर और अभ्यर्थी उसे बड़ा नेता मानते हुए उसके झांसे में आ जाएं और उसे पैसे दे दें। इसी के कहने पर लेडी कॉन्स्टेबल ने यहां अभ्यर्थियों को 20-20 लाख में पुलिस में भर्ती कराने का लालच दिया था।

फेसबुक पर हुई थी पिंकी और देवेंद्र की दोस्ती

STF के मुताबिक, लेडी कॉन्स्टेबल पिंकी सोनकर फेसबुक के जरिए दिल्ली के संगम विहार के रहने वाले जालसाज देवेंद्र प्रताप सिंह के संपर्क में आई। देवेंद्र ने पिंकी से खुद को दिल्ली का बड़ा नेता बताया और कहा कि उसका बड़े-बड़े अफसरों से संबंध है। ऐसे में वह पुलिस भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों को बड़ी ही आसानी से पास करा देगा।

इसके बाद उसने पिंकी को कमीशन का लालच देकर यूपी पुलिस भर्ती के लिए टास्क दिया। उससे कहा कि एक कैंडिडेट की भर्ती के लिए 20 लाख रुपए लगेंगे। इसमें तुम्हारा कमीशन फिक्स रहेगा।

घर पर बैठकर अभ्यार्थियों से वसूल रही थी रकम

दरअसल, STF को गोपनीय सूचना मिल रही थी कि गोरखपुर के बांसगांव में कुछ लोग पुलिस भर्ती परीक्षा में धांधली कराने की कोशि​श में लगे हैं। इस सूचना पर जब STF टीम बांसगांव पुलिस के साथ पहुंची तो बांसगांव के रहने वाले गब्बू सोनकर की बेटी पिंकी सोनकर अपने सहयोगी देव प्रताप सिंह के साथ अपने घर के बरामदे में बैठकर भर्ती बोर्ड से सेंटिंग कराने के नाम पर अभ्यर्थियों से पैसा इकट्ठा कर रही थी।

इनोवा लेकर पहुंचा था देवेंद्र

कॉन्स्टेबल पिंकी सोनकर के मकान के परिसर में एक इनोवा कार नंबर UP32LH 9703 भी खड़ी थी। जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार लिखा था। लेकिन, जैसे ही पुलिस और STF वहां पहुंची तो वहां से कुछ लड़के दीवार कूदकर भाग निकले। पिंकी के बाएं पैर में फ्रैक्चर होने की वजह से प्लास्टर लगा था, इसलिए वह भाग नहीं सकी और अपने साथी देवेंद्र सिंह के साथ पकड़ी गई।

पिंकी श्रावस्ती जिले के थाना भिनगा में तैनात है

टीम ने जब महिला कॉन्स्टेबल से पूछताछ शुरू की तो उसने बताया कि कुछ दिन पहले सड़क दुर्घटना में उसका पैर फ्रैक्चर हो गया था। टीम दोनों को हिरासत में लेकर बांसगांव थाने ले गई। पूछताछ में उसने बताया कि वह यूपी पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात है और अभी श्रावस्ती जिले के थाना भिनगा कोतवाली में नियुक्त है।

वॉट्सऐप चैट से खुल गए राज

तलाशी के दौरान STF ने उसके मोबाइल फोन को अपने कब्जे में ले लिया। टीम ने जब कॉन्स्टेबल पिंकी का मोबाइल गैलरी को खोलकर देखा तो उसके होश उड़ गए। मोबाइल में तमाम अभ्यर्थियों का पुलिस परीक्षा से संबंधित प्रवेश पत्र का फोटो और वॉट्सऐप चैट से सब कुछ साफ हो गया। ​उसने अपने मोबाइल में अपने साथी का नंबर प्रताप सिंह भइया नाम से सेव किया था।

परीक्षा पास कराने के लिए 40 हजार रुपए एडवांस लिए थे

टीम ने जब उसकी चैटिंग चेक की तो सामने आया कि पुलिस परीक्षा से संबंधित अभ्यर्थियों को भर्ती बोर्ड से सेंटिग कराकर परीक्षा में पास कराने का नेटवर्क चल रहा है। पिंकी सोनकर के मोबाइल में बिजनेस वॉट्सऐप पर सेव मेहताब सिंह CRPF के नाम से सेव नंबर पर परीक्षा से संबंधित चैट भी बरामद हुआ है। इसमें मेहताब से 40 हजार रुपए एडवांस में लेने और परीक्षा में पास कराने की चैट मिली।

देवेंद्र ने भी कई लोगों से किया था चैट

वहीं, पकड़े गए पिंकी के साथी आरोपी देवेंद्र का मोबाइल जब टीम ने चेक किया तो उसके फोन में गुड़िया पुलिस के नाम से और HTM नाम से सेव नंबर पर प्रवेश पत्र और दो लोगों को पुलिस परीक्षा में पास कराने की बात कही गई थी। इसका चेकबुक लेने की बात और 50-50 हजार रुपए एडवांस में लेने की चैट मिली। इसके अलावा देवेंद्र ने अपने मोबाइल फोन से कुछ और लड़कों के 10वीं और 12वीं के मार्कशीट भेजने की चैट मिली।

पैसे लेने पहुंचा था देवेंद्र

पूछताछ में पिंकी सोनकर ने पुलिस को बताया- देवप्रताप सिंह राष्ट्रवादी युवा अधिकार के राष्ट्रीय सचिव हैं। उसका बड़े-बड़े अधिकारियों से मिलना-जुलना होता है। ऐसे में देवेंद्र ने पुलिस भर्ती बोर्ड से सेटिंग कराकर गांव के कुछ लड़कों को सिपाही भर्ती में पास कराने की बात कही थी। इसीलिए आज यहां पैसे इकट्ठा करने के लिए देवप्रताप सिंह आया था।