अयोध्या में विजिलेंस की टीम ने शिक्षा विभाग के बाबू को 1 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। टीम ने शुक्रवार को जाल बिछाया। बाबू ने जैसे ही पैसे लिए, टीम ने दौड़ाकर उसे पकड़ा।
बाबू के हाथ में 500 की 2 गड्डी थी। सड़क पर ही उसका सैंपल टेस्ट किया गया। हाथ को पानी में डुबोया तो रंग छोड़ने लगा।
बीएसए संतोष राय ने बताया- मामले की जांच की जा रही है। शनिवार शाम तक आगे की कार्रवाई होगी। वह विभाग में आउटसोर्सिंग का कर्मचारी है।
ABSA मसौधा में आउटसोर्सिंग पर बाबू अमरेंद्र प्रताप सिंह तैनात है। मसौधा के भदोखर प्राथमिक विद्यालय में तैनात प्रिंसिपल यासमीन फातिमा की नौकरी के दौरान मौत हो गई थी। उन्होंने अपने पति इरफानुल हक को GPF अकाउंट में नॉमिनी बनाया था।
हसनू कटरा के रहने वाले इरफानुल ने बताया- उन्होंने विभाग में GPF से पैसा निकालने के लिए आवेदन किया था। लेकिन पैसा निकालने के लिए विभाग में तैनात बाबू अमरेंद्र प्रताप सिंह ने एक लाख रुपए मांगे। मैंने उनसे कहा कि मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं। जब मैं विभाग पहुंचता तो वह हर बार कुछ न कुछ काम में अड़ंगा लगाकर मुझे टरका देता। बाबू ने मुझसे कहा- जब तक रुपए नहीं दोगे काम नहीं होगा।
मैंने विजिलेंस विभाग में सूचना दे दी। फिर टीम मुझे शुक्रवार को लेकर बीएसए कार्यालय पहुंची थी। इस दौरान उन्होंने बाबू को फंसाने का जाल बिछाया। मैंने विभाग के बाबू को कार्यालय के बाहर चाय पिलाने के लिए बुलाया।
बाबू ने चाय की दुकान से हटकर बुलाया, पैसे मांगे
मैंने बाबू से कहा- मेरे काम करा दो, मैं रुपए लाया हूं। उसने कहा- पहले चाय पीते हैं फिर देखता हूं। चाय पीने के बाद उसने मुझे दुकान से हटकर आने को कहा। वहां मैंने 500 रुपए की दो गड्डी उसके हाथ में दे दी। तब उसने कहा- जाइए आपका काम हो जाएगा। तभी विजिलेंस की टीम ने उसे दौड़ाकर रंगे हाथों पकड़ लिया।
सड़क पर ही सैंपल टेस्ट हुआ। बाबू के हाथ को पानी में डुबोकर देखा गया तो रंग छोड़ने लगा। जिससे कंफर्म हो गया कि उसने वही नोट लिए थे, जिस पर केमिकल लगाया गया था। विजिलेंस की टीम उसे पकड़कर ले गई और उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश सर्तकता अधिष्ठान सेक्टर अयोध्या में केस दर्ज किया गया है।