उन्नाव में गंगा नदी में डूबे जज के पति आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव (45) का शव मिल गया। वह 31 अगस्त यानी 9 दिन पहले सेल्फी लेने के दौरान नानामऊ घाट पर गंगा में बह गए थे। आदित्यवर्धन सिंह हेल्थ विभाग में डिप्टी डायरेक्टर थे। वाराणसी में पोस्टेड थे। उनकी पत्नी श्रेया मिश्रा महाराष्ट्र के अकोला में जज हैं।
रविवार रात 8 बजे आदित्यवर्धन का शव नानामऊ घाट से 40 किलोमीटर दूर कानपुर के गंगा बैराज गेट नंबर-1 पर फंसा मिला। नवाबगंज थाना पुलिस ने शव मिलने की सूचना बिल्हौर पुलिस को दी। इसके बाद परिजनों को सूचना दी गई। आदित्यवर्धन के दोस्त संतोष पटेल मौके पर पहुंचे। उन्होंने शव की शिनाख्त की।
7 दिन तक 200 जवानों ने चलाया सर्च ऑपरेशन शव पोस्टमॉर्टम के लिए नवाबगंज भेजा गया है। शव को गांव लाया जाएगा। उसी नानामऊ घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा, जहां वे डूब गए थे। हादसे के बाद जज की तलाश के लिए NDRF, SDRF और पीएसी के 200 से ज्यादा जवान सर्च ऑपरेशन चला रहे थे।
करीब 45 किमी गंगा में उनकी तलाश की गई। ड्रोन से भी इलाके को खंगाला गया। हालांकि, 7 दिन तक सर्च ऑपरेशन के दौरान उनका शव नहीं मिला था। इसके बाद गंगा में सर्च ऑपरेशन बंद कर दिया था। हालांकि, हर घाट पर तीन-तीन पुलिस कर्मी के साथ एक दरोगा को तैनात किया गया था।
ओवर कॉफिडेंस में गहरे पानी के अंदर चले गए थे आदित्यवर्धन बांगरमऊ क्षेत्र के कबीरपुर गांव के मूल निवासी थे। वे लखनऊ के इंदिरानगर में रहते थे। 31 अगस्त को आदित्यवर्धन मोहल्ले के 2 दोस्तों प्रदीप तिवारी और योगेश्वर मिश्रा के साथ कार से बिल्हौर (उन्नाव) के नानामऊ घाट पहुंचे थे। पास में ही उनका गांव था। ऐसे में वह घाट पर ही दोस्तों के साथ नहाने लगे। पुलिस ने बताया था कि आदित्यवर्धन सिंह को तैरना आता था। ओवर कॉफिडेंस में वह सेल्फी लेने के लिए गहरे पानी में चले गए थे।
आदित्यवर्धन के चचेरे भाई अनुपम कुमार सीनियर आईएएस हैं। वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सचिव हैं। भाभी प्रतिमा सिंह भी बिहार कैडर की IAS हैं। बहन प्रज्ञा आस्ट्रेलिया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। हादसे के वक्त आदित्यवर्धन के माता-पिता भी आस्ट्रेलिया में थे। बेटे के डूबने की खबर सुनकर वह आनन-फानन में उन्नाव पहुंचे। आदित्यवर्धन की एक बेटी है, जो उनकी पत्नी श्रेया मिश्रा के साथ अकोला में रहती है। श्रेया मिश्रा जिला जज हैं।
घाट पर आस लगाए बैठे रहते थे आस्ट्रेलिया से आए मां-पिता और बहन गंगा में सर्च के दौरान आस्ट्रेलिया से आए आदित्यवर्धन के पिता रमेश चंद्र, मां शशि प्रभा और बहन प्रज्ञा 4 दिन तक घाट किनारे आस लगाए बैठे रहे। हालांकि, सर्च ऑपरेशन के बंद होने के बाद परिवार इंदिरा नगर स्थित घर लौट आया था। मां और पिता ने बातचीत के दौरान कहा था कि उन्हें समझ ही नहीं आ रहा कि क्या करें? जब तक बेटे की लाश नहीं मिल जाएगी, उसे मरा हुआ नहीं मान सकते।
कानपुर से प्रयागराज तक तलाश, तस्वीरें जारी की गईं मामला हाईप्रोफाइल होने के चलते पुलिस-प्रशासन ने आदित्यवर्धन सिंह की तलाश में पूरी सर्चिंग की। डीसीपी वेस्ट राजेश कुमार सिंह ने बताया था कि कानपुर से लेकर प्रयागराज तक गंगा की सीमा से जुड़े सभी थानों पर हादसे की जानकारी दी गई। इससे कि गंगा में कानपुर से प्रयागराज तक कोई भी शव मिले, तो उसकी जांच-पड़ताल हो सके। इसके साथ ही लापता डिप्टी डायरेक्टर के पोस्टर और तस्वीरें भी जारी की गई थीं।
10 हजार के चक्कर में नदी में डूबे दोस्त प्रदीप तिवारी ने आरोप लगाया- घटना के बाद मैंने चिल्लाकर गोताखोर को बुलाया। वह 10 हजार रुपए मांगने लगा। मैं हाथ जोड़ता रहा, लेकिन वह पहले पैसा देने की जिद पर अड़ा रहा। कैश नहीं था, इसलिए मैंने 10 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किए। लेकिन, तब तक आदित्यवर्धन सिंह गंगा में बह गए। पैसे ट्रांसफर हुए तो गोताखोर ने नदी में छलांग लगाई, लेकिन सफलता नहीं मिली।
तैराक शैलेश कश्यप बोला- पैसा वापस कर दिया तैराक शैलेश कश्यप ने बताया- घाट के किनारे मेरी दुकान है। 5-6 गोताखोर मेरी दुकान में बैठे थे। यहां पर उन्होंने डूबने वाले के दोस्तों से बात की। उनके पास नकद पैसा नहीं था, इसलिए ऑनलाइन मेरे अकाउंट में पैसा ट्रांसफर किया गया। बाद में हमने पैसा वापस कर दिया। विधायक जी आए थे, वह नाराज हो रहे थे कि पैसे क्यों लिए?
पंडा ने मना किया तो डिप्टी डायरेक्टर ने कहा- मुझे तैरना आता है आदित्यवर्धन के चचेरे साले अनिकेत सिंह ने बताया- वह नहाने पानी में गए तो मौके पर मौजूद पंडा ने कहा कि आप आगे न जाएं। उन्होंने कहा- मुझे तैरना आता है। इतना कह कर वह नहाने लगे। फिर अचानक डूबने लगे। दोस्तों ने पास में मौजूद लोगों से कहा बचा लो। उन्होंने कहा- जब तक पैसा नहीं मिल जाता, हम नदी में नहीं कूदेंगे। उन्हें पैसा दिया गया। लेकिन तब तक वह डूब चुके थे। हालांकि परिवार ने इस बारे में कोई शिकायत नहीं की है।
144 घंटे, 200 की टीम..नहीं मिले जज के पति:उन्नाव में डिप्टी डायरेक्टर की तलाश बंद; पिता बोले- बेटा जिंदा वापस आएगा
उन्नाव में जज के पति आदित्यवर्धन सिंह की लगातार 6 दिन यानी 144 घंटे तक तलाश की गई। NDRF, SDRF और PAC की 200 लोगों की टीम ने 45 किमी तक का एरिया छान मारा। दो दिन तक ड्रोन से भी तलाश की गई। लेकिन, आदित्यवर्धन का कुछ पता नहीं चला। 4 दिन तक माता-पिता और बहन पूरे-पूरे दिन यह आस लेकर गंगा घाट पर बैठे रहे कि उनका बेटा मिल जाएगा !
डिप्टी डायरेक्टर गंगा में डूबे, गोताखोर ने नहीं बचाया:10 हजार मांगे थे, कैश नहीं था तो ऑनलाइन लिए, पैसा ट्रांसफर होने तक रुका रहा
उन्नाव में जज के पति गंगा में डूब गए। वह दो दोस्तों के साथ नहाने गए थे। घटना के बाद दोस्त ने चिल्लाकर गोताखोर को बुलाया। वह 10 हजार रुपए मांगने लगा। दोस्त हाथ जोड़ता रहा, लेकिन वह पहले पैसा देने की जिद पर अड़ा रहा।