जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सेना ने भारी मात्रा में गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद किया। इसमें एके 47 के 100 से ज्यादा कारतूस, 20 हैंड ग्रेनेड और 10 छोटे रॉकेट मिले हैं। वहीं IED एक्सप्लोसिव से जुड़ी सामग्री भी जब्त की है।
इंटेलीजेंस इनपुट के आधार पर, कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन चलाया। सेना को यह खुफिया जानकारी जम्मू-कश्मीर में तैनात एक विशेष इलेक्शन ऑब्जर्वेजर से मिली थी।
वहीं सेना ने कुलगाम के पास आतंकियों के एक ठिकाने को ढूंढ निकाला है। जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर 3 फेज में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे।
चुनाव नजदीक आते ही आतंकी गतिविधियां बढ़ी, 4 दिन में 4 आतंकी ढेर जम्मू-कश्मीर में पहले फेज की वोटिंग में सिर्फ 6 दिन बचे हैं। ऐसे में आतंकी गतिविधियां भी बढ़ गई हैं। सेना ने पिछले चार दिनों में 4 आतंकी ढेर किए हैं। इस बीच पाक रेंजर्स की तरफ से भी गोलीबारी की घटना हुई। सेना के मुताबिक, ये घटनाएं चुनाव प्रभावित करने के लिए की जा रही हैं।
8 सितंबर: सेना ने राजौरी में घुसपैठ कर रहे 2 आतंकी ढेर किए जम्मू-कश्मीर के राजौरी में लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकवादियों को सेना ने 8 सितंबर की देर रात मार गिराया था। व्हाइट नाइट कॉर्प्स के मुताबिक सेना की तलाशी अभियान में एक और M4 राइफल बरामद हुआ है। सर्च ऑपरेशन में अब तक 2 एके-47, 1 एम-4 राइफल, 1 पिस्तौल, 8 ग्रेनेड, गोला-बारूद, समेत की सामान बरामद किया जा चुका है।
11 सितंबर: उधमपुर में 2 आतंकी ढेर, पाक रेंजर्स ने भी गोलीबारी की जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में 11 सितंबर को सुरक्षाबलों से एनकाउंटर में 2 आतंकी मारे गए। सेना ने बताया कि आर्मी के फर्स्ट पैरा के जवानों को बुधवार सुबह उधमपुर के खंडरा टॉप के जंगलों में 2-3 आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। वहीं जम्मू-कश्मीर के अखनूर में 10-11 सितंबर की दरमियानी रात 2:35 बजे पाकिस्तानी जवानों ने बॉर्डर पर सीजफायर का उल्लंघन किया।
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होंगे जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे। तब BJP और PDP ने गठबंधन सरकार बनाई थी। 2018 में गठबंधन टूटने के बाद सरकार गिर गई थी। इसके बाद राज्य में 6 महीने तक राज्यपाल शासन (उस समय जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुसार) रहा। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।
राष्ट्रपति शासन के बीच ही 2019 के लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें BJP भारी बहुमत के साथ केंद्र में लौटी। इसके बाद 5 अगस्त 2019 को BJP सरकार ने आर्टिकल-370 खत्म करके राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। इस तरह जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।
नई सरकार का कार्यकाल 6 साल की जगह 5 साल का होगा सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर 2024 तक जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने का आदेश दिया था। राज्य से अनुच्छेद 370 हटने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव होगा। चुनाव के बाद नई सरकार का कार्यकाल 6 साल की जगह 5 साल का होगा।
जम्मू-कश्मीर की 90 सीटें, परिसीमन में 7 जुड़ीं जम्मू-कश्मीर में 2014 के विधानसभा चुनाव में 87 सीटें थीं। जिनमें से 4 लद्दाख की थीं। लद्दाख के अलग होने पर 83 सीटें बचीं थीं। बाद में परिसीमन के बाद 7 नई सीटें जोड़ी गईं। उनमें 6 जम्मू और 1 कश्मीर में है। अब कुल 90 सीटों पर चुनाव होगा। इनमें 43 जम्मू, 47 कश्मीर संभाग में हैं। 7 सीटें SC (अनुसूचित जाति) और 9 सीटें ST (अनुसूचित जनजाति) के लिए रिजर्व हैं।