मलेशिया के इस्लामिक वेलफेयर होम्स में यौन शोषण:बच्चों से गलत काम कराए, गर्म चम्मच से दागा; 402 बच्चे आजाद कराए, 171 आरोपी गिरफ्तार

मलेशिया में पुलिस ने बुधवार को 20 इस्लामिक वेलफेयर होम्स पर छापा मारकर 402 बच्चों को आजाद कराया। इनमें 1 से 17 साल तक के 201 लड़के और 201 लड़कियां हैं।

न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक पुलिस का आरोप है कि यहां बच्चों का यौन शोषण होता था। ये वेलफेयर होम्स ग्लोबल इखवान सर्विसेज एंड बिजनेस होल्डिंग्स (GISB) नाम के एक इस्लामिक बिजनेस ग्रुप से जुड़े हैं।

नेशलन पुलिस चीफ ने कहा कि 171 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें 105 महिलाएं भी शामिल हैं। इंस्पेक्टर जनरल रजाउद्दीन हुसैन के मुताबिक, उन्हें सूचना मिली थी कि यहां पर बच्चों के साथ गलत व्यवहार होता है।

हुसैन के मुताबिक, वेलफेयर होम्स में बच्चों को भी दूसरे बच्चों के साथ गलत काम करने का दबाव बनाया जाता था। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया उनमें धार्मिक शिक्षक और कई लोग शामिल हैं। इन पर बच्चों की शिक्षा और उनके देखभाल की जिम्मेदारी थी।

गलती करने पर छोटे बच्चे को गर्म चम्मच से दागा गया इंस्पेक्टर जनरल हुसैन ने बताया कि वेलफेयर होम में जब बच्चे बीमार पड़ते थे तो उनका इलाज नहीं कराया जाता था। गंभीर स्थिति होने पर ही उन्हें हॉस्पिटल ले जाया जाता था। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे में मामले हैं जिनमें 5 साल से भी छोटे बच्चे को गलती करने पर गर्म चम्मच से दागा गया।

पुलिस का मानना ​​है कि ग्लोबल इखवान ने बच्चों का शोषण किया और दान की रकम हासिल करने के लिए धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल किया। पुलिस के मुताबिक प्रारंभिक जांच से पता चला है कि यहां रहने वाले बच्चे ग्लोबल इखवान ग्रुप के कर्मचारियों के थे।

मलेशिया सिटी पोस्ट वेबसाइट के मुताबिक, ग्लोबल इखवान ग्रुप किराना, बेकरी, रेस्तरां, पोल्ट्री फार्म, ट्रैवल समेत कई बिजनेस से जुड़ा है। इसकी 20 देशों में शाखाएं हैं, जिनमें 5 हजार से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं।

धार्मिक नेता अशारी मोहम्मद ने ग्लोबल इखवान की स्थापना की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल इखवान की स्थापना अशारी मोहम्मद ने की थी। अशारी मोहम्मद मलेशिया का एक धार्मिक नेता था। उसने दावा किया था कि अल्लाह ने उसे कई चमत्कारिक शक्तियों से नवाजा है। इसके बाद उसने 1968 में अल-अरकम नाम से एक धार्मिक संप्रदाय शुरू किया।

अशारी बहुविवाह का समर्थक था। उसने खुद 5 शादियां की थीं। अल-अरकम पर सरकार ने 1994 में बैन लगा दिया। इसके बाद अशारी को विर्धमी बताकर गिरफ्तार कर लिया गया। वह 2010 में अपनी मौत तक जेल में ही रहा।

अशारी की मौत के बाद से इस ग्रुप का कई बार अपना नाम बदला गया है। ग्लोबल इखवान ने अपने बचाव में बुधवार को कहा कि वेलफेयर होम्स से उनका कोई संबंध नहीं है। वे बच्चों के शोषण में किसी भी तरह से शामिल नहीं हैं। ग्रुप ने कहा कि वे इस्लामिक कानून से हटकर कोई भी काम नहीं करते हैं।