ट्रम्प पर 64 दिन बाद फिर जानलेवा हमले की कोशिश:फ्लोरिडा गोल्फ क्लब में AK-47 जैसी राइफल से फायरिंग; सीक्रेट सर्विस बोली- ट्रम्प सुरक्षित

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर 64 दिन बाद एक बार फिर से जानलेवा हमला हुआ है। CNN के मुताबिक ट्रम्प फ्लोरिडा में पाम बीच काउंटी के इंटरनेशनल गोल्फ क्लब में खेल रहे थे, तभी उन पर हमला हुआ। सीक्रेट सर्विस ने जानकारी दी है कि ट्रम्प सुरक्षित हैं।

घटना के जांच की जिम्मेदारी FBI को दी गई है। FBI ने कहा कि वे इस घटना को हत्या की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि संदिग्ध के पास एक नली वाली AK-47 जैसी राइफल और एक गोप्रो कैमरा था।

रिपोर्ट के मुताबिक जब ट्रम्प 5वें होल के पास खेल रहे थे, तभी सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स को झाड़ियों में एक राइफल की नली दिखाई दी, इसके बाद एजेंट ने उस पर गोली चलाई।

तब ट्रम्प और हमलावर की बीच की दूरी करीब 300 से 500 मीटर के बीच थी। सीक्रेट सर्विस के मुताबिक अभी तक पता नहीं चल पाया है कि ट्रम्प पर गोली चली थी या नहीं। संदिग्ध की पहचान 58 साल के रयान रॉथ के तौर पर हुई है।

इसी साल 13 जुलाई को अमेरिकी राज्य पेंसिल्वेनिया के बटलर शहर में चुनावी रैली के दौरान ट्रम्प पर फायरिंग हुई थी, इसमें एक गोली उनके कान को छूते हुए निकल गई थी।

बंदूकधारी ट्रम्प से लगभग 300-500 मीटर की दूरी पर था, हाइवे पर पकड़ा गया पाम बीच काउंटी के शेरिफ रिक ब्रैडशॉ के मुताबिक एजेंट्स के गोली चलाने के बाद संदिग्ध झाड़ियों से निकला और अपनी काली रंग की SUV कार से भाग गया। तभी एक चश्मदीद ने नंबर प्लेट के साथ गाड़ी की तस्वीर खींच ली। बाद में इस कार को क्लब के उत्तरी हिस्से मार्टिन काउंटी में घेरकर रोक लिया गया। ट्रम्प पर हमला करने की घटना भारतीय समय के मुताबिक रविवार रात 11:30 बजे की है, उस वक्त अमेरिका में दोपहर के 2 बज रहे थे।

ट्रम्प बोले- मैं सुरक्षित हूं, कभी हार नहीं मानूंगा ​​​​इस घटना के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने समर्थकों को संदेश जारी करते हुए कहा, “मैं सुरक्षित हूं। मैंने अपने आसपास गोलियों की आवाज सुनी थी, लेकिन इससे पहले घटना को लेकर कोई भी अफवाह फैले, मैं यह साफ करना चाहता हूं कि मैं ठीक हूं।”

ट्रम्प ने आगे कहा, “मुझे कोई भी चुनाव प्रचार से पीछे नहीं हटा पाएगा। मैं कभी सरेंडर नहीं करूंगा।” इस घटना के बाद ट्रम्प अपने घर मार-ए-लागो चले गए। व्हाइट हाउस ने बताया कि प्रेसिडेंट जो बाइडेन और वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस को इस घटना की जानकारी दे दी गई है। दोनों ने इस बात पर राहत जताई है कि ट्रम्प सुरक्षित हैं।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक ट्रम्प घटना के कुछ घंटे बाद सामान्य दिखे। वे दोस्तों के साथ मजाक भी कर रहे थे। उन्होंने एक दोस्त से मजाक में कहा कि उन्हें अफसोस है कि वे अपना खेल पूरा नहीं कर पाए।

ट्रम्प ने एक और पोस्ट में सीक्रेट सर्विस को उनकी हिफाजत करने के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा- “जिस तरह से उनका बचाव किया गया वह बिल्कुल शानदार था। वे इसके लिए यूएस सीक्रेट सर्विस, शेरिफ रिक ब्रैडशॉ और बाकी सभी के लिए आभारी हैं। “

बाइडेन-कमला हैरिस बोले- अमेरिका में हिंसा की कोई जगह नहीं जो बाइडेन ने कहा, ”मुझे राहत मिली है कि ट्रम्प को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। मैं पहले भी कई बार कह चुका हूं कि राजनीतिक हिंसा या किसी भी तरह की हिंसा की देश में कोई जगह नहीं है।”

कमला हैरिस ने सोशल मीडिया पर कहा-

मुझे फ्लोरिडा में पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प और उनकी प्रॉपर्टी के पास गोली चलने की खबरों के बारे में जानकारी दी गई है। मैं खुश हूं कि वे सुरक्षित हैं। अमेरिका में हिंसा की कोई जगह नहीं है।

कौन है ट्रम्प पर हमला करने वाला रॉथ, पहले भी कई बार गिरफ्तार हुआ संदिग्ध राउथ मूल रूप से उत्तरी कैरोलिना का रहने वाला है। पहले भी ड्रग रखने, बिना लाइसेंस और बिना बीमा के गाड़ी चलाने के मामलों में गिरफ्तार हो चुका है। राउथ 2017 में हवाई चला गया था। वह एक शेड-बिल्डिंग कंपनी चलाता है जो बेघर लोगों के लिए सिंपल हाउसिंग स्ट्रक्चर तैयार करती है।

डेली मेल के मुताबिक इस साल की शुरुआत में जब रिपब्लिकन पार्टी में प्राइमरी चुनाव हो रहे थे तब रॉथ ने ट्रम्प के खिलाफ लड़ रहे उम्मीदवार विवेक रामास्वामी और निक्की हेली का समर्थन किया था।

रॉथ के पकड़े जाने के बाद उसका फेसबुक और एक्स अकाउंट बंद कर दिया गया है। उसने सोशल मीडिया पर ट्रम्प के खिलाफ कई पोस्ट किए थे। इसके अलावा उसने डेमोक्रेटिक पार्टी को समर्थन दिया था।

रॉथ यूक्रेन के लिए फंड जुटाने वाले कार्यक्रम में शामिल था। वह साल 2022 में यूक्रेन भी गया था। उसने इससे जुड़ी चीजें सोशल मीडिया पर शेयर भी की थीं। उसने कहा था कि वह यूक्रेन के लिए लड़ने और मरने को तैयार है।

रॉथ ने पिछले साल न्यूयॉर्क टाइम्स को इंटरव्यू दिया था। उसने कहा था कि उसने यूक्रेन में तालिबान से भागकर आए अफगान लड़ाकों की सेना में भर्ती करने की कोशिश की थी। उसने वहां पर कई महीने बिताए थे।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक रॉथ के सोशल मीडिया से पता चला कि उसने 2016 में ट्रम्प को वोट दिया था। हालांकि बाद में वह ट्रम्प से निराश हो गया था। उसने कोरोना कॉन्सपिरेसी से जुड़ी कई पोस्ट की थीं। अखबार ने लिखा है कि वह किसी मानसिक बीमारी से जूझ रहा था।

रॉथ के सबसे बड़े बेटे ओरान ने CNN से कहा, “उसके पिता एक प्यारे और मेहनती इंसान हैं। उसे नहीं पता फ्लोरिडा में क्या हुआ है, लेकिन उसे यकीन है कि इस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है। वे ऐसा पागलपन वाला काम नहीं कर सकते हैं।”

सीक्रेट सर्विस एजेंट की मुस्तैदी से बची ट्रम्प की जान शेरिफ ब्राडशॉ ने BBC से कहा कि गोल्फ कोर्स में मौजूद सीक्रेट सर्विस के एजेंट ने कमाल का काम किया। उन्होंने कहा, ”सीक्रेट सर्विस के पास एक ऐसा एजेंट होता है जो ट्रम्प को जहां जाना होता है, वहां पहले पहुंच जाता है। इस वजह से वो राइफल को देख पाया और उस पर फौरन कार्रवाई कर पाया।”

ब्रैडशॉ ने कहा कि ट्रम्प अभी राष्ट्रपति नहीं हैं इसलिए सिक्योरिटी उतनी टाइट नहीं थी जितनी एक राष्ट्रपति के लिए होती है। उन्होंने कहा कि अगर सिक्योरिटी में ज्यादा एजेंट्स होते तो हम हमलवार को गोल्फ कोर्स से बाहर ही नहीं निकलने देते। उसे वहीं घेरकर पकड़ लेते।

वीकेंड पर फ्लोरिडा आए थे ट्रम्प, खेलना पहले से तय नहीं था ट्रम्प वेस्ट कोस्ट का दौरा करने के बाद इस वीकेंड फ्लोरिडा वापस आए थे। यहां पाम बीच पर उनका घर मार-ए-लागो है। CNN ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि ट्रम्प का गोल्फ खेलना पहले से तय नहीं था। आखिरी वक्त में इसकी टाइमिंग जोड़ी गई। जब गोलियां चलीं, तब वे रिपब्लिकन पार्टी के एक डोनर स्टीव विटकॉफ के साथ गोल्फ खेल रहे थे।

फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस ने कहा कि उनका राज्य अलग से ट्रम्प पर हत्या की जांच करेगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि लोगों को सच्चाई जानने का हक है। आखिर कैसे एक हमलावर पूर्व राष्ट्रपति और राष्ट्रपति उम्मीदवार पर हमला करने के लिए इतने करीब पहुंच गया।

13 जुलाई को हुआ था ट्रम्प पर जानलेवा हमला 13 जुलाई को पेन्सिल्वेनिया के बटलर शहर में एक रैली को संबोधित करते वक्त ट्रम्प पर हमला हुआ था। इस दौरान एक गोली ट्रम्प के कान को छूते हुए निकल गई थी। हमलावर की पहचान 20 साल के युवक थॉमस क्रूक्स के तौर पर हुई थी। उसने AR-15 राइफल से 8 गोलियां चलाई थीं। फायरिंग के तुरंत बाद सीक्रेट सर्विस के अफसरों ने हमलावर को मार गिराया था।