प्रयागराज में महाबोधि एक्सप्रेस पर पथराव:कई यात्री घायल; कांच तोड़कर AC कोच के अंदर आए पत्थर यात्रियों को लगे

नई दिल्ली से गया (बिहार) जा रही महाबोधि एक्सप्रेस ट्रेन पर सोमवार रात प्रयागराज में पथराव हुआ। इसमें कई यात्री घायल हो गए। ट्रेन को मिर्जापुर स्टेशन पर रोककर घायलों का इलाज कराया गया। आरपीएफ की टीम ने 3 संदिग्धों को हिरासत में लिया है।

महाबोधि एक्सप्रेस सोमवार रात 8.33 बजे प्रयागराज जंक्शन पहुंची। 9.06 मिनट पर रवाना हुई। रात करीब 9.16 बजे यमुना ब्रिज से पहले उस पर पथराव शुरू हो गया। ट्रेन पर करीब 50 से 60 पत्थर फेंके गए थे। कुछ पत्थर एस-3 कोच में विंडो तोड़कर अंदर आए और यात्रियों को लगे।

पथराव की सूचना मिलते ही लोको पायलट ने ट्रेन रोक दी। सूचना पर आरपीएफ की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक ट्रेन रवाना हो चुकी थी।

अभी 2 दिन पहले रविवार को कानपुर में ट्रेन को पलटने की साजिश की गई थी। प्रेमपुर स्टेशन के पास ट्रैक पर एक छोटा सिलेंडर रखा मिला। शुक्र था कि ड्राइवर की पहले ही नजर पड़ गई। उसने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए। ठीक 10 फीट पहले गुड्स ट्रेन रुक गई। घटना सुबह 5.50 बजे की कानपुर से 35 किमी दूर प्रेमपुर रेलवे स्टेशन की है।

प्रेमपुर दिल्ली-हावड़ा रूट पर कानपुर और प्रयागराज के बीच है। मालगाड़ी कानपुर से प्रयागराज जा रही थी। प्रेमपुर में गुड्स ट्रेन का स्टाप था। ट्रेन की स्पीड धीमी थी। लोको पायलट ने ट्रैक पर सिलेंडर रखा देखा तो घबरा गया। तुरंत इमरजेंसी ब्रेक मारे। ट्रेन रुकते-रुकते सिलेंडर के करीब तक पहुंच गई।

ड्र्राइवर ने उतरकर देखा तो 5 KG का गैस सिलेंडर को पटरी पर सटाकर रखा गया था। उसने तुरंत सीनियर ऑफिसर को सूचना दी। सिलेंडर रखे होने की खबर मिलते ही रेलवे में हड़कंप मच गया।

वहीं, इसी रूट पर जम्मू मेल दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बची। जम्मू मेल कानपुर से प्रयागराज की ओर जा रही थी। प्रेमपुर स्टेशन के पास अचानक एक बोगी के पहिए में लगे शॉकर का नट-बोल्ट खुल गया। हालांकि, ट्रैक की निगरानी कर रहे पाइंट मैन की नजर पड़ गई। इससे बड़ा हादसा होने से टल गया।

38 दिनों में 5वीं साजिश यूपी में 38 दिनों में ट्रेन पलटाने की यह 5वीं साजिश थी। इससे पहले कानपुर में ही 8 सितंबर को कासगंज रूट पर भरा सिलेंडर रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश रची गई थी। ट्रैक के पास बोतल में पेट्रोल और बारूद रखा मिला था।