लेबनान में हवाई हमले के बाद अब इजराइल जमीनी लड़ाई की तैयारी में जुट गया है। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल के मिलिट्री चीफ हर्जई हालेवी ने बुधवार को कहा कि लेबनान में उनके हवाई हमलों का मकसद हिजबुल्लाह के बुनियादी ढांचे को नष्ट करना और जमीनी घुसपैठ का रास्ता तलाशना है।
हालेवी ने कहा कि इजराइली सेना, हिजबुल्लाह के इलाके में घुसेगी और उनकी सैन्य चौकियों को बर्बाद करेगी। तब उन्हें पता चलेगा कि इजराइली सेना का सामना करने का क्या मतलब होता है। उन्होंने कहा कि हिजबुल्लाह के हमलों के कारण इजराइल के उत्तरी इलाकों में रहने हजारों लोग घर छोड़कर दक्षिणी इलाके में चले गए थे। अब वे अपने घर लौट पाएंगे।
इस बीच, अमेरिका और फ्रांस ने इजराइल-लेबनान जंग को कुछ समय तक रोकने के लिए बुधवार को 21 दिन के सीजफायर की मांग की। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में इस जंग को लेकर एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई थी।
ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, सऊदी अरब, UAE, कतर समेत कई यूरोपीय देशों ने सीजफायर की मांग का समर्थन किया। बैठक में फ्रांस ने कहा कि लेबनान में हो रही जंग को रोकना जरूरी है, वर्ना इससे मिडिल ईस्ट में जंग और बढ़ सकती है। कूटनीति से इसे रोका जा सकता है।
बाइडेन बोले- लोगों की सुरक्षा के लिए सीजफायर जरूरी
इजराइल-लेबनान के बीच सीजफायर को लेकर राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि इसका वक्त आ गया है। लोगों के सुरक्षित घर लौटने के लिए यह जरूरी है। उन्होंने सीजफायर के लिए इजराइल और लेबनान सरकार का समर्थन मांगा। हालांकि, अब तक हिजबुल्लाह, लेबनान या फिर इजराइल ने सीजफायर पर कोई जवाब नहीं दिया है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारियों को उम्मीद है कि हिजबुल्लाह और इजराइल के बीच अगर जंग रुकती है तो गाजा में चल रही लड़ाई पर भी इसका असर पड़ेगा। गाजा में करीब एक साल से लड़ाई चल रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन पर मिडिल ईस्ट में जंग को रोकने का बहुत दबाव है। वे अब सिर्फ 116 दिन तक ही राष्ट्रपति पद पर हैं। बाइडेन काफी समय से बातचीत के जरिए जंग को रोकने की कोशिश में जुटे हुए हैं, लेकिन अब तक असफल रहे हैं। अगर उनकी कोशिश सफल होती है तो इससे उनकी इमेज बेहतर होगी।
इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच 18 सालों में सबसे बड़ी जंग छिड़ी
पिछले हफ्ते इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच 2006 के बाद सबसे भयानक लड़ाई छिड़ गई थी। 17 सितंबर को लेबनान पर पेजर अटैक हुआ था। इसके ठीक एक दिन बाद पेजर और वॉकी-टॉकी में भी विस्फोट हुए थे। हिजबुल्लाह और लेबनान ने इजराइल को इन हमलों का जिम्मेदार माना था।
इजराइल बीते 7 दिनों लेबनान में मिसाइल हमले कर रहा है। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइली मिसाइल हमलों की वजह से लेबनान में 700 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। इसके अलावा 5 लाख से ज्यादा लोगों को अपना घर छोड़कर जाना पड़ा है। इजराइल ने लेबनान में चलाए जा रहे ऑपरेशन को “नॉर्दर्न एरोज” नाम दिया है।
इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने 23 सितंबर को लेबनान पर सबसे बड़ा हमला किया था। IDF ने हिजबुल्लाह के 1600 ठिकानों को निशाना बनाते हुए एयर स्ट्राइक की थी। इनमें 10 हजार रॉकेट बर्बाद करने का दावा किया गया। इस हमले में 569 लोगों की मौत हुई। इजराइल का ये हमला बुधवार को भी जारी रहा। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इजराइली हमलों में कम से कम 72 लोग मारे गए।ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजशकियान ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ईरान, लेबनान में इजराइल के हमलों का अभी जवाब नहीं देगा। इससे इलाके में तनाव बढ़ सकता है।