गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के मोदी पर दिए बयान पर निशाना साधा। शाह ने कहा- “कांग्रेस अध्यक्ष अपने पार्टी नेताओं से ज्यादा शर्मनाक बयान देते हैं। हमारी प्रार्थना है कि वे अनेक वर्षों तक जीवित रहें और 2047 तक विकसित भारत का निर्माण होते देखें।”
दरअसल, कठुआ में एक रैली के दौरान 83 साल के कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की तबीयत बिगड़ गई थी। बाद में लौटकर उन्होंने कहा था कि जब तक वे मोदी को हटाएंगे नहीं, जिंदा रहेंगे।
शाह ने सोशल मीडिया पर खड़गे को जवाब दिया शाह ने लिखा- “कल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी ने अपने भाषण में खुद, अपने नेताओं और अपनी पार्टी से भी ज्यादा घटिया और शर्मनाक बात कही। उन्होंने अपनी कटुता का परिचय देते हुए बेवजह पीएम मोदी को अपने निजी स्वास्थ्य के मामले में घसीटा और कहा कि वे पीएम मोदी को सत्ता से हटाकर ही दम लेंगे। इससे पता चलता है कि इन कांग्रेसियों में पीएम मोदी के प्रति कितनी नफरत और डर है कि वे हर समय उनके बारे में सोचते रहते हैं। जहां तक श्री खड़गे जी के स्वास्थ्य की बात है, मोदी जी प्रार्थना करते हैं, मैं प्रार्थना करता हूं और हम सभी प्रार्थना करते हैं कि वे दीर्घायु और स्वस्थ रहें। वे अनेक वर्षों तक जीवित रहें और 2047 तक विकसित भारत का निर्माण होते देखें।”
खड़गे कल जम्मू में भाषण के दौरान बेहोश हुए, कहा- मोदी को हटाए बिना मरूंगा नहीं 29 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए मंच पर बेहोश हो गए थे। खड़गे 28 सितंबर को कठुआ में मारे गए कॉन्स्टेबल को श्रद्धांजलि दे रहे थे, तभी उनकी तबीयत बिगड़ गई।
भाषण देते हुए खड़गे की आवाज धीमी होती चली गई और अचानक वे बेसुध हो गए। इसके चलते भीड़ में अफरा-तफरी मच गई। मंच पर खड़े लोगों ने उन्हें सहारा देकर बैठाया। इसके बाद उनके भाषण को रोक दिया गया।
तबीयत ठीक होने के बाद खड़गे वापस मंच पर आए और कहा- “मैं 83 साल का हो गया हूं, लेकिन इतना जल्दी मरने वाला नहीं हूं। जब तक मोदी को हटाएंगे नहीं, मैं जिंदा रहूंगा। आपकी बात सुनता रहूंगा। जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए बात रखता रहूंगा।”
जम्मू-कश्मीर में कल वोटिंग का आखिरी दिन जम्मू-कश्मीर में कल वोटिंग का आखिरी दिन है। थर्ड फेज में 7 जिलों की 40 विधानसभा सीटों पर मंगलवार को वोटिंग होगी। इसमें 39.18 लाख वोटर्स शामिल होंगे। आखिरी फेज की 40 सीटों में 24 जम्मू डिवीजन और 16 कश्मीर घाटी की हैं।
जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन फेज में वोटिंग हो रही है। बहुमत का आंकड़ा 46 है। नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। 2014 चुनाव में PDP ने सबसे ज्यादा 28 और भाजपा ने 25 सीटें जीती थीं। दोनों पार्टियों ने मिलकर सरकार बनाई थी।
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। 2019 में आर्टिकल-370 हटाने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें 7 अनुसूचित जातियों के लिए और 9 अनुसूचित जनजातियों के लिए रिजर्व हैं।
18 सितंबर को पहले फेज और 25 सितंबर को दूसरे फेज की वोटिंग हो चुकी है। 1 अक्टूबर को तीसरे फेज की वोटिंग होगी। 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग के मुताबिक यहां 88.06 लाख वोटर हैं।
2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने 28 सीटें, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं।
कांग्रेस 90 में से 32 सीटों पर चुनाव लड़ रही जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस के सीट शेयरिंग कर रहे हैं। केंद्र शासित प्रदेश की 90 सीटों में से 51 पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और 32 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है। 5 सीटों पर फ्रेंडली फाइट होगी। 2 सीटें CPI (M) और पेंथर्स पार्टी को मिली हैं।