आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) में प्रसादम (लड्डुओं) में जानवरों की चर्बी मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच 5 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
इनमें से दो मुख्य याचिकाएं भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के पूर्व अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी की तरफ से लगाई गई हैं। एक अन्य याचिका एडवोकेट सत्यम सिंह की तरफ से लगाई गई। कोर्ट सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगा।
TTD के पूर्व अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी की तरफ से याचिका में कहा गया कि, चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी ने जानबूझकर दस्तावेज जारी किए ताकि भक्तों में भ्रम फैले। याचिका में मंदिर की परंपराओं की रक्षा के महत्व पर जोर दिया गया है, क्योंकि प्रसाद के रूप में लड्डू बनाना भारतीय संविधान के आर्टिकल 25 के तहत संरक्षित एक धार्मिक प्रथा है।
याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने याचिका में पूछे 5 सवाल…
- भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की तरफ से लगाई गई याचिका में स्वामी ने पांच सवाल पूछे हैं।
- क्या घी का सैंपल प्रसाद में इस्तेमाल किए गए घी से लिया गया था या रिजेक्ट किए गए घी के लॉट से?
- प्रसाद के लिए घी किसने भिजवाया। मिलावटी घी की खरीद से कौन सा आपूर्तिकर्ता जुड़ा था?
- क्या जांच रिपोर्ट में किसी तरह के गलत तथ्य पेश किए गए। क्या गड़बड़ी की गुंजाइश है?
- मंदिर कमेटी के क्या घी की जांच की। अगर की तो उसके बाद घी कब खरीदा गया?
- मंदिर के प्रसाद में गड़बड़ी से जुड़ी रिपोर्ट मंदिर कमेटी को जारी करनी चाहिए। पॉलिटिकल पार्टी को क्या परमिशन है?
डिप्टी CM का 11 दिन का प्रायश्चित, पूर्व CM जगन को मंदिर जाने की इजाजत नहीं
तिरुपति मंदिर के प्रसाद में एनीमल फैट की बात सामने आने के बाद से लगातार राजनीति हो रही है। डिप्टी CM पवन कल्याण ने रविवार (22 सितंबर) से 11 दिनों की प्रायश्चित दीक्षा की शुरुआत की। इस दौरान वह उपवास करेंगे। पवन ने कहा- मुझे अफसोस है कि मैं मिलावट के बारे में पहले क्यों नहीं पता लगा पाया। मुझे दुख हो रहा है। इसके लिए प्रायश्चित करूंगा।
वहीं आंध्र प्रदेश के पूर्व CM जगन मोहन रेड्डी को मंदिर जाने की इजाजत नहीं दी गई। जगन 28 सितंबर को तिरुपति के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में विशेष अनुष्ठान करने वाले थे। एक दिन पहले ही उन्हें नोटिस जारी किया गया। नोटिस में कहा गया है कि YSRCP पार्टी के कार्यकर्ताओं को तिरुमाला मंदिर जाने की इजाजत नहीं है
पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ केस दर्ज आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उन पर श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर की पवित्रता को नुकसान पहुंचाने और प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू प्रसादम में इस्तेमाल किए जाने वाले घी में मिलावट के आरोपों के बाद हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। हैदराबाद के सैदाबाद पुलिस स्टेशन में एक वकील ने यह शिकायत दर्ज कराई है।
हिंदुओं की भावनाएं आहत हुईं हैं। इसे माफ नहीं किया जा सकता। दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उनकी सारी संपत्ति जब्त कर ली जानी चाहिए और जो भी इस प्रक्रिया में दूर-दूर तक शामिल है, उन्हें जेल में डाल दिया जाए।
श्री श्री रविशंकर, आध्यात्मिक गुरु
यह विवाद कैसे सामने आया… कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) पिछले 50 साल से रियायती दरों पर ट्रस्ट को घी दे रहा था। तिरुपति मंदिर में हर छह महीने में 1400 टन घी लगता है। जुलाई 2023 में कंपनी ने कम रेट में सप्लाई देने से मना कर दिया, जिसके बाद जगन सरकार (YSRCP) ने 5 फर्म को सप्लाई का काम दिया था। इनमें से एक तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स भी है। इसके प्रोडक्ट में इसी साल जुलाई में गड़बड़ी मिली थी।
TDP सरकार आई, जुलाई में सैंपल की जांच, चर्बी की पुष्टि TDP सरकार ने जून 2024 में सीनियर IAS अधिकारी जे श्यामला राव को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) का नया एक्जीक्यूटिव ऑफिसर अपॉइंट किया था।
उन्होंने प्रसादम (लड्डू) की क्वॉलिटी जांच का आदेश दिया। इसके लिए एक कमेटी बनाई। प्रसाद के टेस्ट और क्वॉलिटी को बेहतर बनाने के लिए कमेटी ने कई सुझाव दिए। साथ ही घी की जांच के लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB), गुजरात में सैंपल भेजे। जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में फैट का जिक्र था।
इसके बाद TTD ने तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स की तरफ से भेजे गए घी के स्टॉक को वापस कर दिया और ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। इसके बाद TTD ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से घी खरीदना शुरू कर दिया।
पुराने सप्लायर से घी 320 रुपए प्रति किलोग्राम के रेट से खरीदा जाता था। अब तिरुपति ट्रस्ट कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) से 475 रुपए प्रति किलोग्राम के रेट से घी खरीद रहा है।
घी की शुद्धता का परीक्षण करने वाली प्रयोगशाला NDDB CALF (आणंद, गुजरात) ने तिरुपति को घी की शुद्धता की जांच करने के लिए एक मशीन दान करने पर सहमति दी है। इसकी लागत 75 लाख रुपए है।
CM नायडू ने लैब रिपोर्ट सार्वजनिक की, विवाद बढ़ा जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में लड्डुओं में चर्बी की पुष्टि हो गई थी। हालांकि, टीडीपी ने दो महीने बाद रिपोर्ट सार्वजनिक की। CM नायडू ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि पूर्व जगन सरकार में तिरुपति मंदिर के लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी में जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल मिलाया गया था। TDP ने एक लैब रिपोर्ट दिखाकर अपने आरोपों की पुष्टि का दावा भी किया।
नायडू ने कहा, जब बाजार में 500 रुपए किलो घी मिल रहा था, तब जगन सरकार ने 320 रु. किलो घी खरीदा। ऐसे में घी में सप्लायर की ओर से मिलावट होनी ही थी। जगन सरकार द्वारा कम दाम वाले घी को खरीदने की जांच हाेगी। पशु चर्बी वाले घी से बने लड्डुओं से तिरुपति मंदिर की पवित्रता पर दाग लगाया है।
300 साल पुराना किचन, ब्राह्मण ही बनाते हैं 3.5 लाख लड्डू
तिरुपति मंदिर दुनिया के सबसे लोकप्रिय और अमीर धर्मस्थलों में से है। यहां हर दिन करीब 70 हजार श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करते हैं। इसका प्रशासन तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम (TTD) संभालता है।
मंदिर परिसर में बनी 300 साल पुराने किचन ‘पोटू’ में शुद्ध देसी घी के रोज 3.50 लाख लड्डू बनते हैं। यह मंदिर का मुख्य प्रसाद है, जिसे करीब 200 ब्राह्मण बनाते हैं।
लड्डू में शुद्ध बेसन, बूंदी, चीनी, काजू और शुद्ध घी होता है। ट्रस्ट ने करीब एक लाख लड्डू राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के वक्त अयोध्या भेजे थे।