डिफ्यूजन इंजीनियर्स का IPO दो दिन में 27.74 गुना भरा:रिटेल कैटेगरी में 34.85 गुना सब्सक्राइब, आज बोली लगाने का आखिरी दिन

डिफ्यूजन इंजीनियर्स लिमिटेड के इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO के लिए बोली लगाने का आज आखिरी दिन है। यह इश्यू 26 सितंबर को ओपन हुआ था। पिछले दो कारोबारी दिन में डिफ्यूजन इंजीनियर्स का IPO टोटल 27.74 गुना सब्सक्राइब हुआ। रिटेल कैटेगरी में यह इश्यू 34.85 गुना, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) में 0.28 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) कैटगरी में 47.39 गुना सब्सक्राइब हुआ।

4 अक्टूबर को कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे। डिफ्यूजन इंजीनियर्स लिमिटेड इस इश्यू के जरिए टोटल ₹158 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। इसके लिए कंपनी पूरे ₹158 करोड़ के 9,405,000 फ्रेश शेयर इश्यू कर रही है। कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए एक भी शेयर नहीं बेच रहे हैं।

मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं? डिफ्यूजन इंजीनियर्स लिमिटेड ने IPO का प्राइस बैंड ₹159 से ₹168 तय किया है। रिटेल निवेशक कम से कम एक लॉट यानी 88 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइस बैंड ₹168 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए ₹14,784 इन्वेस्ट करने होंगे।

वहीं, रिटेल निवेशक मैक्सिमम 13 लॉट यानी 1144 शेयर्स के लिए अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹192,192 इन्वेस्ट करने होंगे।

इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व कंपनी ने इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है।

1982 में डिफ्यूजन इंजीनियर्स की स्थापना हुई थी डिफ्यूजन इंजीनियर्स लिमिटेड की स्थापना 1982 में हुई थी। कंपनी वेल्डिंग से जुड़ी कई तरह की सर्विस देती है और भारी उपकरण बनाती है। डिफ्यूजन इंजीनियर्स 20 से ज्यादा देशों में अपनी सर्विस प्रोवाइड करने के साथ अपने प्रोडक्ट भी एक्सपोर्ट करती है। 29 फरवरी 2024 तक कंपनी के पास 130 से ज्यादा योग्य इंजीनियरों की एक टीम थी।

IPO क्या होता है? जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।