सुपरस्टार रजनीकांत को 30 सितंबर की देर रात चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्हें पेट दर्द की शिकायत बताई जा रही है। उधर अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि आज रजनीकांत की दिल से जुड़ी सर्जरी की जाएगी। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है।
रजनीकांत की सेहत के बारे में जानकारी देते हुए उनकी पत्नी लता ने एक मीडिया चैनल से कहा , सब ठीक है। पिछले कई सालों में रजनीकांत की तबियत कई बार खराब हुई है। रजनीकांत का 2016 में अमेरिका में किडनी ट्रांसप्लांट भी हुआ था।
रजनीकांत के परिवार को शुरुआत में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। ऐसे में रजनीकांत कुली बनकर काम करने लगे। आमदनी कम थी, तो वो छोटे-मोटे कई और काम भी किया करते थे। कुछ समय बाद हुनर की बदौलत इन्हें बैंगलोर ट्रांसपोर्ट कंपनी में बस कंडक्टर की नौकरी मिल गई।
रजनीकांत अपनी दमदार आवाज में लोगों को बड़ी ही स्टाइल में टिकट दिया करते थे, जिसे देखने के लिए हर पैसेंजर की नजरें उन्हीं पर टिकी होती थीं। दूसरे बस कंडक्टर और ड्राइवर रजनीकांत को काफी पसंद किया करते थे।
एक दिन प्लेराइटर टोपी मुनिप्पा बस में सफर कर रहे थे, तभी उनकी नजर बस कंडक्टर रजनीकांत पर पड़ी। उन्हें रजनी की स्टाइल काफी पसंद आई। उन्होंने झट से रजनी को अपने प्ले का हिस्सा बनने का प्रस्ताव दे दिया। रजनी भी मान गए और कंडक्टर का काम करने के साथ-साथ प्ले भी करने लगे।
मेडिकल स्टूडेंट से हुआ था प्यार, गर्लफ्रेंड ने कहा था- आपको हीरो बनना चाहिए बस कंडक्टर की नौकरी करते हुए रजनीकांत की दोस्ती बैंगलोर में ही पढ़ने वाली मेडिकल स्टूडेंट निर्मला से हो गई। कुछ समय बाद दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे और फिर दोनों को प्यार हो गया। एक दिन रजनीकांत ने अपनी गर्लफ्रेंड को प्ले देखने बुलाया।
रजनीकांत का अभिनय इतना दमदार था कि उनकी गर्लफ्रेंड ने कहा- आपको हीरो बनना चाहिए। रजनीकांत खुद भी एक्टिंग सीखने की इच्छा रखते थे, तो एक दिन निर्मला ने उनका मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट में एडमिशन के लिए फॉर्म भर दिया, जिसकी बदौलत रजनीकांत का दाखिला हुआ था।
परिवार ने साथ नहीं दिया तो कंडक्टर दोस्त ने की मदद रजनी का गरीब परिवार उनके इस फैसले के खिलाफ था, लेकिन दोस्त और को-वर्कर राज बहादुर ने जब फाइनेंशियल मदद की तो रजनीकांत ने यहां एडमिशन ले लिया। एक्टिंग कोर्स के दौरान ही एक दिन रजनीकांत पर मशहूर साउथ डायरेक्टर के. बालाचंदर की नजर पड़ी।
बालाचंदर ने उनसे कहा कि अगर वो तमिल भाषा सीख जाएंगे, तो वो उन्हें अपनी फिल्म में लेंगे। रजनीकांत ने चंद दिनों में ही तमिल भाषा पर मजबूत पकड़ बना ली और उन्हें फिल्म अपूर्वा रांगागल (1975) मिल गई।
25 साल के रजनीकांत ने फिल्म में एक्टर कमल हासन और श्रीविद्या के साथ साइड रोल निभाया था, हालांकि पहली ही फिल्म से अपने हुनर से उन्होंने हर किसी का ध्यान खींच लिया।
इस फिल्म को 3 नेशनल अवॉर्ड मिले थे। शुरुआती करियर में रजनीकांत को कथा संगम, बालू जेनू, आवारगल, 16 वयाधिनिली जैसी फिल्मों में विलेन के रोल ही दिए जाते थे।
13 साल की श्रीदेवी को दी जाती थी रजनीकांत से ज्यादा फीस कई फिल्मों में छोटे-मोटे रोल करने के बाद रजनीकांत को 1976 की फिल्म मूंदरू मुदिचू में बड़ा रोल मिला। फिल्म में लीड रोल में कमल हासन थे और इसी फिल्म में पहली बार 13 साल की श्रीदेवी बतौर लीड नजर आई थीं।
उस समय कमल हासन बड़े एक्टर माने जाते थे, उनकी फीस 30 हजार थी, जबकि रजनीकांत की महज 2 हजार रुपए। बतौर लीड पहली फिल्म कर रहीं श्रीदेवी को भी रजनीकांत से 5 हजार रुपए ज्यादा फीस दी गई थी।
फिल्म में स्टाइल से सिगरेट फ्लिप करते हुए रजनीकांत को दर्शकों ने काफी सराहा और लोग उनके स्टाइल की कॉपी करने लगे।
1977 में पहली बार मिला था लीड रोल 1977 की फिल्म चिलाकम्मा चेप्पिंदी में पहली बार रजनीकांत को बतौर हीरो फिल्म में लिया गया। दमदार अभिनय से रजनीकांत ने फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर का नॉमिनेशन हासिल किया। रजनीकांत की जिंदगी बदलने वाला साल 1978 था, जब उन्हें फिल्म बैरवी में सोलो लीड कास्ट किया गया। फिल्म रिलीज से रातोंरात रजनीकांत सुपरस्टार बन गए और उन्हें सुपरस्टार कहा जाने लगा।