इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गरुड़ पुराण का श्लोक पढ़ा:मां का आरोप- बेटे-बहू ने पोती को मिले 1 करोड़ हड़पे; कोर्ट बोला- लालच में केस किया गया

आगरा में मां ने बड़े बेटे और बहू के खिलाफ षड्यंत्र रचने और धोखाधड़ी के आरोपों में केस दर्ज कराया। आरोप है कि छोटे बेटे की मौत के बाद उसकी 9 साल की बेटी को बीमा के 1 करोड़ रुपए मिले। इन रुपयों को बड़े बेटे और बहू ने गलत तरीके से हड़प लिया है।

इस पर बेटे विवेक कुमार गोयल ने आगरा CJM कोर्ट में रिवीजन पिटीशन दाखिल की। फिर मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा। मंगलवार को हाईकोर्ट ने विवेक कुमार गोयल को राहत देते हुए षड्यंत्र के आरोप में दर्ज कराए आपराधिक केस में CJM आगरा द्वारा जारी समन आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही बच्ची को मिली एक करोड़ की बीमा राशि को उसके बालिग होने तक सुरक्षित रखने का आदेश दिया।

कोर्ट ने अपने फैसले में गरुड़ पुराण के एक श्लोक को पढ़ा और उसका उदाहरण दिया। कोर्ट ने कहा- लोभमूलानि पापानिसंकटानि तथैव च। लोभात्प्रवर्तते वैरंअतिलोभात्विनश्यति। यानी लोभ पाप और सभी संकटों का मूल कारण है। लोभ शत्रुता को बढ़ाता है। अधिक लोभ करने वाला विनाश को प्राप्त होता है। हाईकोर्ट का यहां कहना था- धन के लालच में आपराधिक केस किया गया।

बहन बोली- मां की सहमति पर भाई ने सुरक्षित पैसे जमा कराए बड़े बेटे और बहू के खिलाफ मां ने केस किया। इस पर बहन ने हाईकोर्ट में पेश होकर बयान दिया। कहा- भाई और भाभी की ओर से कोई धोखाधड़ी नहीं की गई है। भाई ने बच्ची को मिले रुपयों को भविष्य में सुरक्षित करने के लिए बेहतर स्कीम में जमा किए हैं। रुपए शिकायत करने वाली मां की सहमति पर जमा हुए हैं।

आगरा का मामला, जरूरी कदम उठाने निर्देश हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी आगरा और SDM जलेसर को जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया है। साथ ही सभी वादी-प्रतिवादी पक्ष को जिलाधिकारी के सामने पेश होने का आदेश दिया। चार हफ्ते में महानिबंधक को रिपोर्ट पेश करने का भी आदेश दिया है। यह आदेश जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी ने विवेक कुमार गोयल और अन्य की याचिका पर दिया है।

याची विवेक बोले- मेरे खिलाफ झूठा केस किया गया याची विवेक कुमार गोयल का कहना है कि उन्होंने कोई षड्यंत्र या गबन नहीं किया है। एक करोड़ में से बच्चे के भविष्य के लिए 34 लाख रुपए विभिन्न स्कीमों में जमा किया है। शेष राशि खाते में जमा है। उनके खिलाफ झूठा केस दर्ज किया गया है।

मां के नाम खाता खोलवाया पत्नी के अकाउंट में रुपए ट्रांसफर कराए… आरोप गलत बता दें कि मां ने बेटे-बहू पर केस दर्ज कराया तो CJM आगरा ने याचियों यानी जिन पर आरोप लगे, उन्हें समन जारी किया। इसके खिलाफ याची विवेक कुमार गोयल ने रिवीजन पिटीशन दाखिल की। इसे स्वीकार कर अपर सत्र अदालत ने समन रद्द कर मजिस्ट्रेट को फिर से आदेश देने का निर्देश दिया।

इसके बाद मजिस्ट्रेट ने याची विवेक कुमार गोयल को धारा 406 और उनकी पत्नी को धारा 406 और 120 बी के तहत समन जारी किया। आरोप लगाया गया कि विवेक ने मां के नाम खाता खोला और रुपए अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर करवा लिए, लेकिन यह सही नहीं पाया गया।

फिर मामला हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट ने याची विवेक को राहत देते हुए कहा- याची के खिलाफ आपराधिक न्यास भंग और षड्यंत्र का केस नहीं बनता। शिकायतकर्ता मां को GST वसूली के खिलाफ कानून का सहारा लेने को कहा है। लेकिन, बच्ची के हक में मिली एक करोड़ राशि को सुरक्षित कर दिया है।