मिनी संसद के रूप में अहम भूमिका निभाने वाली संसदीय समितियों में इस बार महिला सदस्यों का बोलबाला है। 4 संसदीय पैनल ऐसे हैं, जिनमें 9 महिलाएं हैं। 4 ऐसे हैं, जिनमें 5-7 महिलाएं और पांच ऐसे हैं, जिनमें 1-2 महिला सदस्य हैं।
दो समितियों की अध्यक्षता कद्दावर महिला सदस्य कर रही हैं। तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन कॉमर्स और द्रमुक की कनीमोझी करुणानिधि उपभोक्ता मामलों की कमेटी की अध्यक्षता कर रही हैं। हर समिति में 20-30% महिला प्रतिनिधित्व है। बता दें कि महिलाओें को आगे लाने की यह पहल सभी दलों की ओर से ही है। संसदीय समितियों में सदस्यों के नाम विभिन्न पार्टियां ही देती हैं।
मिनी संसद के रूप में अहम भूमिका निभाने वाली संसदीय समितियों में इस बार महिला सदस्यों का बोलबाला है। 4 संसदीय पैनल ऐसे हैं, जिनमें 9 महिलाएं हैं। 4 ऐसे हैं, जिनमें 5-7 महिलाएं और पांच ऐसे हैं, जिनमें 1-2 महिला सदस्य हैं।
दो समितियों की अध्यक्षता कद्दावर महिला सदस्य कर रही हैं। तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन कॉमर्स और द्रमुक की कनीमोझी करुणानिधि उपभोक्ता मामलों की कमेटी की अध्यक्षता कर रही हैं। हर समिति में 20-30% महिला प्रतिनिधित्व है। बता दें कि महिलाओें को आगे लाने की यह पहल सभी दलों की ओर से ही है। संसदीय समितियों में सदस्यों के नाम विभिन्न पार्टियां ही देती हैं।
कंगना रनौत संचार एवं सूचना टेक्नोलॉजी कमेटी में हैं। निशिकांत दुबे इस कमेटी की अगुवाई कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा भी इसी कमेटी में हैं, पर निशिकांत से उनकी नहीं बनती। ऐसे में पार्टी चाहती है महुआ को इससे हटाया जाए। इस कमेटी में कंगना रनौत व शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी भी हैं। जया बच्चन अब लेबर कमेटी में चली गई हैं।