* वीर अर्जुन समाचार पत्र के मुख्य संवाददाता श्री कृष्णदेव पाठक को ऑनरेरी पीएचडी की उपाधि देकर किया सम्मानित ।

* यह मेरा नहीं पत्रकारिता का सम्मान है — श्री पाठक

* श्री कृष्णदेव पाठक को पत्रकारिता के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय योगदान के लिए सोक्रेट्स सोशल रिसर्च यूनिवर्सिटी ने ऑनरेरी पीएचडी की उपाधि दी ।

* हाशिए पर पड़े लोगों के लिए मेरी लेखनी कभी रूकेगी नहीं –श्री पाठक

 

सोक्रेटस सोशल रिसर्च यूनिवर्सिटी हर साल शिक्षा , साहित्य , समाजसेवा , व पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित करता है । इस साल का उत्तर भारत में हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने व सदैव जनता के बीच अपनी पहचान बना चुके राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक वीर अर्जुन समाचार पत्र के मुख्य संवाददाता श्री कृष्णदेव पाठक जी को समाजसेवा व पत्रकारिता के क्षेत्र में एक अलग पहचान कायम करने पर यूनिवर्सिटी ने इन्हें ऑनरेरी पीएचडी ( डॉक्टरेट ) की उपाधि देकर सम्मानित किया है । श्री कृष्णदेव पाठक को यह सम्मान यूनिवर्सिटी के कार्यालय दिलशाद गार्डन यूनिवर्सिटी के मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन डॉ. के. योगेश ने दिया । सम्मान में उन्हें यूनिवर्सिटी की ऑनरेरी पीएचडी की उपाधि , शॉल , स्मृति चिन्ह , पटका आदि देकर सम्मानित किया । वर्तमान में श्री कृष्णदेव पाठक राष्ट्रीय दैनिक वीर अर्जुन समाचार पत्र में बतौर मुख्य संवाददाता के रूप में कार्य कर रहे हैं ।

यूनिवर्सिटी के चेयरमैन डॉ. के.योगेश ने पाठक जी का परिचय देते हुए बताया कि श्री कृष्णदेव पाठक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गाँव से प्राप्त की , उसके बाद उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए इन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज से बी.ए. ऑनर्स ( हिन्दी ) किया । इसके पश्चात रामजस कॉलेज से ही स्नातकोत्तर हिन्दी करते हुए हिन्दी पत्रकारिता के प्रति रुझान बढ़ा । पत्रकारिता को आपने व्यवसाय नहीं बल्कि एक मिशन के तौर पर उसे अपनाकर पत्रकारिता में अपना करियर बना लिया । बता दें कि श्री पाठक ने पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में काम किया है । आप पिछले 36 वर्षों से निरंतर समाज के हाशिए पर पड़े लोगों की खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित करने तथा जनता की भावनाओं के अनुरूप लेख प्रकाशित करने पर ही इस बार का सर्वश्रेष्ठ पत्रकारिता सम्मान व पीएचडी ( डॉक्टरेट ) की मानद उपाधि देकर सम्मानित किया गया है । उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई है इसलिए इनको इनकी सेवाओं को देखते हुए सम्मानित किया गया ।

श्री कृष्णदेव पाठक को यह सम्मान यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन डॉ. के.योगेश ने उन्हें शॉल , पटका , स्मृति चिन्ह व पीएचडी की मानद उपाधि देकर सम्मानित किया । इसके बाद उन्हें दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हंसराज सुमन , वरिष्ठ पत्रकार श्री राजीव दुबे , पत्रकार श्री राहुल शर्मा ने श्री कृष्णदेव पाठक को पीएचडी उपाधि मिलने की बधाई दी । श्री कृष्णदेव पाठक ने ऑनरेरी पीएचडी (डॉक्टरेट ) की उपाधि के मिलने पर यूनिवर्सिटी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि इस तरह के सम्मान देने से पत्रकार और पत्रकारिता करने वाले लोगों में लेखन के प्रति रूचि बढ़ेगी और इस क्षेत्र में आने वाले नए पत्रकारों को सम्मान की दृष्टि से देखा जाएगा तथा पत्रकारिता करने वाले लोगों को इस तरह के सम्मान से प्रेरणा मिलेगी । उन्होंने कहा कि स्नातकोत्तर करने के मेरी इच्छा पत्रकारिता में पीएचडी करने की थी लेकिन पारिवारिक स्थितियों को देखते हुए मुझे पत्रकारिता के क्षेत्र में आना पड़ा और इसे ही करियर बना लिया । पिछले 36 सालों से पत्रकारिता को साधना के रूप में स्वीकार करते हुए अपने लेखन के माध्यम से वंचितों , पिछड़ों व समाज के अंतिम व्यक्ति की आवाज बनकर पत्रकारिता के धर्म का निर्वाह कर रहा हूँ ।

ऑनरेरी पीएचडी ( डॉक्टरेट ) की उपाधि मिलने पर श्री कृष्णदेव पाठक ने क्या कहा — श्री पाठक ने ऑनरेरी पीएचडी उपाधि मिलने पर यूनिवर्सिटी के प्रति आभार व्यक्त किया है । इस अवसर पर श्री पाठक ने कहा कि यह मेरा सम्मान नहीं बल्कि निडर व उस साहसी पत्रकारिता का सम्मान है जो हमें उपेक्षित वर्गो की , समाज व राष्ट्र की आवाज बनकर लोगों तक कलम के माध्यम से पहुंचाया है , कलम की ताकत का सदैव सम्मान हुआ है और भविष्य में भी होगा । हाशिए पर पड़े लोगों के लिए मेरी लेखनी कभी रूकेगी नहीं । श्री पाठक ने कहा कि मैंने पत्रकारिता को मिशन के रूप में स्वीकार किया है उसे कदापि व्यवसाय नहीं माना । उन्होंने बताया कि पत्रकारिता के अपने 36 वर्षों के करियर में विभिन्न मीडिया संस्थानों में पत्र-पत्रिकाओं में कार्य किया , उन्हें हर जगह पर लोगों का व संस्थान का प्यार मिला है । उन्होंने कहा कि जिस तरह से आजादी के आंदोलन के समय पत्रकारिता मिशन के तौर पर कार्य कर रही थीं उसी को अपना धैर्य मानकर उसको धारण किया है । उन्होंने बताया कि दैनिक वीर अर्जुन ने बहुत से ऐसे पत्रकार दिए हैं जिन्हें राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली , उदाहरण देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटलबिहारी वाजपेयी भी इस समाचार पत्र के संपादक रह चुके हैं ,इसी तरह खेल संवाददाता के रूप में ख्याति अर्जित कर लोकसभा में विपक्ष के उपनेता रहे डॉ .विजय कुमार मल्होत्रा जी भी वीर अर्जुन में कार्य कर चुके हैं , ऐसे महान व्यक्तित्व ने पत्रकारिता कर उसे मिशन माना । मैंने भी जब यह समाचार पत्र ज्वाइन किया तो दोनों महानुभावों से प्रेरणा पाकर पत्रकारिता को मिशन माना । इस मिशन में हम कामयाब हो रहे है , लोगों द्वारा खूब स्नेह व सहयोग मिल रहा है । दैनिक वीर अर्जुन समाचार पत्र समाज के उपेक्षित वर्गो की आवाज बनकर हर रोज देश विदेश की खबरों को प्राथमिकता से प्रकाशित करता है । उनका कहना है कि यह पत्र नहीं है बल्कि लोगों की आवाज है , लोगों की खबरों को छापता है , छिपाता नहीं , सिर्फ खबरे नहीं , लोगों का हमदर्द भी है ।

समाचार पत्र की प्रसिद्धि बताते हुए श्री पाठक ने बताया कि दिल्ली के अलावा विभिन्न राज्यों के संस्करण निकलते हैं अपने कई संस्करणों के साथ प्रकाशित होता है । यह स्वतंत्र , निर्भीक पत्रकारिता व आम जनता की आवाज को अपनी कलम के माध्यम से उठाने और उनको इस समाचार पत्र में जगह दी जाती है जो अन्य समाचार पत्र में देखने को नहीं मिलेगी । यह पहला समाचार पत्र है जो सबकी आवाज बनकर पैनी नजर से खबर को छापते है , खबर छिपाते नहीं बल्कि लोगों तक पहुंचाते है और खबरों के लिए पहुंचते है । डॉ.के.योगेश ने कहा कि इनके इन कार्यों को देखते हुए श्री कृष्ण देव पाठक जी को ऑनरेरी पीएचडी उपाधि के लिए चुना है और सम्मानित कर यूनिवर्सिटी स्वंय गौरान्वित हुई है । यूनिवर्सिटी ऐसे निडर व कलम के सिपाही को सम्मानित कर इनसे प्रेरणा लेकर भविष्य में कार्य करेगी । उन्होंने बताया कि वे हर साल पाँच ऐसे साहसी पत्रकारों को पत्रकारिता सम्मान देकर सम्मानित करेंगे ।

सोक्रेटस सोशल रिसर्च यूनिवर्सिटी के चेयरमैन डॉ. के. योगेश ने अपने संबोधन में आगे बताया कि यह अवार्ड प्रति वर्ष उन समाजसेवी , शिक्षा , साहित्य , पत्रकारिता व वंचित समुदायों के हितों के लिए कार्य करने वाले महानुभावों को दिया जाता है जो अत्यंत पिछड़े, दलित समुदाय के संविधान प्रदत्त अधिकारों को दिलाने तथा राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं । भारतीय समाज में पूरी तरह उपेक्षित कर दिए गए समूह को मुख्यधारा से जोड़ना का काम करने वालों को सम्मान देना हमारी यूनिवर्सिटी की पहली प्राथमिकता है । डॉ. के. योगेश ने सूचना दी है और बताया है कि यूनिवर्सिटी हर साल की तरह 21 दिसम्बर 2024 को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई दिल्ली में कार्यक्रम कर देश-विदेश की शिक्षा , साहित्य , समाजसेवा , लेखन व पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को सम्मानित करेगा ।