पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन की सेनाएं पीछे हटना शुरू:गलवान जैसी झड़प टालने के लिए अलग-अलग दिन पेट्रोलिंग, एक-दूसरे को सूचना भी देंगी

4 दिन पहले हुए नए पेट्रोलिंग समझौते के बाद भारत और चीन की सेनाएं पूर्वी लद्दाख सीमा से पीछे हटना शुरू हो गई हैं। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग पॉइंट में सेनाओं ने अपने अस्थायी टेंट और शेड हटाना शुरू कर दिए हैं। सैनिक गाड़ियां और मिलिट्री उपकरण भी पीछे ले जा रहे हैं।

इस प्रॉसेस के पूरा होने के बाद डेमचोक और देपसांग में दोनों सेनाएं पेट्रोलिंग कर सकेंगी। भारत और चीन के कोर कमांडर्स ने 21 अक्टूबर की सुबह 4:30 बजे नए पेट्रोलिंग समझौते पर दस्तखत दिए थे।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस समझौते की जानकारी दी थी। समझौते का मकसद मई 2020 में हुई गलवान झड़प से पहले की स्थिति वापस लाना और देपसांग-डेमचोक में पेट्रोलिंग शुरू करना है।

  1. दोनों सेनाओं के बीच 2020 में गलवान में झड़प हुई थी। ऐसा टकराव दोबारा ना हो इसलिए दोनों देशों ने नया पेट्रोलिंग समझौता किया है। यह समझौता डेमचोक और देपसांग के लिए है। यहां भारत-चीन के बीच 2020 से टकराव के हालात बने हुए थे।
  2. भारतीय सेना ने उम्मीद जताई है कि सैनिक अब देपसांग में पेट्रोलिंग पॉइंट 10, 11, 11-A, 12 और 13 तक जा सकेंगे। नॉर्थ में दौलत बेग ओल्डी और काराकोरम दर्रे की तरफ 16 हजार फीट की ऊंचाई पर टेबल टॉप पठार भी शामिल है।
  3. साउथ में डेमचोक के पास चारडिंग निंगलुंग नाला ट्रैक जंक्शन से भी सैनिक हट रहे हैं। यह वही इलाका है जहां चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने भारतीय इलाके में कुछ टेंट लगाए हैं।
    1. रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय सैनिक इस क्षेत्र में चीनी पेट्रोलिंग टीम को भी नहीं रोकेंगे। पैंगॉन्ग त्सो के उत्तरी छोर पर फिंगर 8 तक गश्त बहाल होगी, यहां भारतीय सेना फिंगर 4 पॉइंट तक नहीं जा पा रही थी। यहां भारतीय सेना चीन को भी पेट्रोलिंग से नहीं रोकेगी।
    2. आमने-सामने टकराव से बचने के लिए दोनों सेनाएं अलग-अलग दिन पेट्रोलिंग करेंगी। एक-दूसरे को अपनी पेट्रोलिंग की तारीख और समय के बारे में पहले से खबर करेंगी। मकसद यह है कि सैनिकों के बीच कोई झड़प और हिंसा न हो।

      1. पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर अप्रैल 2020 की स्थिति बहाल करने के लिए चीन और भारत राजी हुए। यानी अब चीन की आर्मी उन इलाकों से हटेगी, जहां उसने अतिक्रमण किया था।

      2. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विक्रम मिस्री ने सोमवार को बताया था कि भारत-चीन के सीमावर्ती इलाकों में पेट्रोलिंग के साथ 2020 के बाद उठे मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रस्ताव तैयार हुआ है। इस पर दोनों देश कदम उठाएंगे।

      3. अप्रैल 2020 में एक सैन्य अभ्यास के बाद चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में कम से कम 6 इलाकों में अतिक्रमण किया था, लेकिन दो साल बाद चीन की PLA 4 स्थानों से पीछे हट गई थी। दौलत बेग ओल्डी और डेमचोक के फ्रिक्शन पॉइंट्स पर गश्त को लेकर सहमति नहीं बनी थी और भारतीय सेना को कई इलाकों में रोका जा रहा था।

      2 दिन पहले PM नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति के बीच BRICS समिट से इतर द्विपक्षीय बा​​​​तचीत हुई। इसमें भारत ने दोनों देशों के बीच विवादों और मतभेदों को ठीक से सुलझाने पर जोर दिया था। PM मोदी ने कहा था कि सीमा पर किसी भी सूरत में शांति भंग नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि स्थिर और मैत्रीपूर्ण संबंधों का सकारात्मक असर बाकी के मुद्दों पर भी पड़ेगा।