कानपुर DM ‌आवास के CCTV में नजर आया जिम ट्रेनर:पुलिस की थ्योरी- 45 मिनट में 8 फीट का गड्‌ढा खोदा; 6 सवाल, जिनके जवाब नहीं

कानपुर पुलिस ने कारोबारी की पत्नी की हत्याकांड का रविवार को खुलासा कर दिया। मगर कई सवालों के जवाब नहीं दे सकी। पुलिस का कहना है कि आरोपी जिम ट्रेनर डीएम आवास के CCTV में नजर आया है। हत्या करने के बाद 45 मिनट तक डीएम कंपाउंड में रहा।

इतने ही वक्त में 8 फीट का गड्‌ढा खोदकर लाश को दफना दिया। मगर, एक्सपर्ट का कहना है कि इतने कम वक्त में शव दफनाना संभव ही नहीं है। शव दफनाने के बाद जिम ट्रेनर दोपहर में दोबारा 1:45 बजे डीएम कंपाउंड पहुंचा था। उसने शव के ऊपर की मिट्‌टी पर पानी भी डाला।

पुलिस को जांच के दौरान ही यह सब पता चल गया था। मगर पुलिस डीएम कंपाउंड के भीतर जांच करने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। सिर्फ आरोपी की तलाश में लगी रही। मामले को प्रेम-प्रसंग का मानकर टालती रही। आखिर में खुलासा सिर्फ आरोपी के बयान के आधार पर कर दिया।

पुलिस के पास शव के अलावा कोई साक्ष्य नहीं है। यही नहीं, अफसरों ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए खुलासा करने वाली टीम को 1 लाख रुपए का इनाम घोषित कर दिया।

चलिए, उन 6 सवालों को पढ़ते हैं, जिनके जवाब पुलिस के पास नहीं हैं।

पहला सवाल : 45 मिनट में 8 फीट गड्‌ढा खोदकर शव दफनाया एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने बताया- जिम ट्रेनर विमल सोनी 24 जून को एकता की हत्या करने के बाद 45 मिनट तक डीएम कंपाउंड में रहा। CCTV फुटेज की जांच में यह सामने आया है। लेकिन, महज 45 मिनट में 8 फीट गड्‌ढा खोदना असंभव है।

अगर प्री-प्लानिंग करके मर्डर किया था, तो क्या पहले से ही गड्‌ढा खोदा गया था। इस पर पुलिस कोई जवाब नहीं दे सकी। एडिशनल सीपी का कहना था कि यह जांच का विषय है। आरोपी से 24 घंटे से ज्यादा पुलिस हिरासत में पूछताछ की गई, फिर भी मर्डर की कहानी साफ नहीं हो सकी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही डीसीपी ईस्ट ने बताया कि वृक्षारोपण के लिए गड्‌ढा खोदा गया था। ऐसे में सवाल यह है कि क्या 8 फीट गहरा गड्‌ढा कभी भी पौधा रोपने के लिए खोदा जाता है।

दूसरा सवाल : आरोपी 2 बार डीएम कंपाउंड आया, पुलिस ने जांच नहीं की एडिशनल सीपी ने बताया- विमल सोनी सुबह कार में शव लेकर डीएम कंपाउंड पहुंचा। 45 मिनट में शव को ठिकाने लगाने के बाद वहां से निकल गया। इसके बाद दोपहर में 1:45 बजे दोबारा ऑफिसर्स क्लब पहुंचा। फिर से शव के ऊपर मिट्‌टी पर पानी डाला। ताकि, शव से दुर्गंध बाहर न आ सके।

पुलिस को जांच के दौरान ही यह सब पता चल गया था। इसके बाद भी पुलिस डीएम कंपाउंड के भीतर जांच करने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। सिर्फ आरोपी की तलाश में लगी रही। अगर पुलिस CCTV आधार पर जांच-पड़ताल करती, तो तय था कि महिला का शव बरामद हो जाता। आरोपी को भी पहले अरेस्ट कर लेती, लेकिन पुलिस पूरे मामले को प्रेम-प्रसंग का मानकर टालती रही।

तीसरा सवाल : दुपट्‌टा, टूटा क्लेचर और रस्सी मिली…लेकिन फोरेंसिक जांच नहीं एडिशनल सीपी ने बताया- महिला के लापता होने के अगले दिन ही आरोपी विमल सोनी की बहन के घर से उसकी ‘आई-10’ कार बरामद हुई थी। कार में महिला की चुन्नी, टॉवेज, टूटा हुआ क्लेचर, रस्सी और मोबाइल के सिम ट्रे समेत अन्य साक्ष्य मिले थे।

पुलिस ने इसको गंभीरता से ही नहीं लिया। पुलिस ने कार और अन्य साक्ष्यों की फोरेंसिक जांच नहीं कराई। अगर पुलिस कार की फोरेंसिक जांच कराती तो पहले ही सफलता मिल जाती। फोरेंसिक एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर कार की फोरेंसिक जांच होती तो उसमें बरामद रस्सी और दुपट्टे से पता चल जाता कि उसका उपयोग किसी का गला घोंटने में किया गया है या नहीं।

चौथा सवाल : पुलिस और परिजनों की बात अलग-अलग DCP सिंह ने बताया- पुलिस एक सप्ताह से एकता के भाई और पति को लेकर केस की जांच-पड़ताल कर रही थी। उनके साथ पुलिस की एक-एक इन्वेस्टिगेशन को शेयर किया जाता था। उनके साथ आरोपी की तलाश में पुलिस बाहर भी गई।

इस बारे में परिवार के लोगों का कहना है कि पुलिस एक सप्ताह से उनके संपर्क में नहीं थी। शुक्रवार को पुलिस अफसरों ने फोन करके कोतवाली थाने में बुलाया। तब पता चला कि आरोपी विमल सोनी को अरेस्ट कर लिया है।

इससे पहले पुलिस ने उनसे किसी भी तरह का कोई संपर्क नहीं किया, बल्कि पीड़ित परिवार के अफसरों के दफ्तर के चक्कर काट-काट कर चप्पलें घिस गईं। पुलिस प्रेम-प्रसंग का मामला मानकर इग्नोर करती रही।

5वां सवाल : उस गेट से नहीं घुस सकती कार एडिशनल सीपी ने बताया-हत्यारोपी विमल सोनी ने जहां शव दफनाया, उससे 10 मीटर दूर वाले गेट से कार भीतर लेकर आया था। इसके बाद शव को गड्‌ढे में ठिकाने लगा दिया। तो सामने आया कि ऑफिसर्स क्लब के उस गेट से तो कार भीतर जा ही नहीं सकती।

उसकी चौड़ाई 1667 एमएम है, जबकि कार विदाउट मिरर चौड़ाई 1680 एमएम होती है। मीडिया ने इस बात को लेकर सवाल खड़े किए, तो एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने बताया कि उसके बगल से 10 फीट चौड़े गेट से कार लेकर अंदर गया था।

जबकि गेट के सामने धोबी का काम करने वाले रामू ने बताया कि यह गेट कभी नहीं खोला जाता है। जब सफाई होती है, तो कूड़ा निकालने के लिए खोला जाता है। पुलिस की इस थ्योरी पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

छठा सवाल : डीएम के गेट पर गारद को नहीं लगी दफनाने की भनक डीएम आवास के गेट पर भारी पुलिस फोर्स तैनात रहती है। गेट के ठीक बगल यानी 10 मीटर दूर खुले आसमान के नीचे 8 से 10 फीट गहरा गड्‌ढा खोदा गया। महिला का शव दफना दिया गया। इसके बाद भी वहां मौजूद पुलिस फोर्स को भनक तक नहीं लगी।

परिवार के लोगों का भी कहना है कि विमल सोनी के साथ ही इसमें अन्य आरोपी भी शामिल हो सकते हैं। पुलिस को पूरे केस की गंभीरता से जांच करनी चाहिए। अकेले मर्डर और फिर इतना गहरा गड्‌ढा खोदकर शव को ठिकाने लगाना आसान नहीं है।