मुंबई टेस्ट में पहले दिन से टर्न देखने को मिलेगा:भारतीय टीम ऐसी ही पिच चाहती है; 1 नवंबर से तीसरा मैच

मुंबई टेस्ट में पहले दिन से स्पिनर्स का दबदबा देखने को मिलेगा। भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के आखिरी मुकाबले के लिए रैंक-टर्नर (पहले दिन से स्पिनर्स के लिए मददगार) पिच की मांग की है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में दावा किया है कि भारतीय टीम मैनेजमेंट आजमाए हुए फॉर्मूले पर चलना चाहता है। बता दें कि भारतीय टीम ने पुणे टेस्ट के लिए भी स्पिन फ्रेंडली पिच बनवाई थी, लेकिन टीम इंडिया को 113 रन की पराजय झेलनी पड़ी थी। टीम इंडिया 3 मैचों की सीरीज में 2-0 से पिछड़ रही है।

कैसा बिहेव करेगी वानखेड़े की पिच…

  • पुणे में रैंक टर्नर नहीं, स्लो टर्निंग पिच बनी थी एक सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘यह रैंक टर्नर पिच होगी। टीम प्रबंधन ने ऐसी पिच तैयार करने का अनुरोध किया है, जो पहले दिन से ही स्पिनर्स की मदद कर सके। ऐसा लगता है कि टीम आजमाए हुए फॉर्मूले पर चलना चाहती है।’
  • वानखेड़े में बैटिंग करना कठिन होगा वानखेड़े की पिच पर बल्लेबाजी करना कठिन होगा। क्योंकि लाल मिट्‌टी से बनी इस पिच पर स्पिन और उछाल का मिश्रण देखने को मिलेगा। असामान्य उछाल बल्लेबाजों को परेशान कर सकता है।
  • समुद्री हवाएं मूवमेंट में मददगार 29 अक्टूबर तक पिच में घास नहीं थी। यहां ग्राउंड स्टाफ नियमित रूप से स्प्रिंकलर से पानी छोड़ रहा है। साथ ही पिच को सुखाने के लिए खुला छोड़ा गया है। मुकाबले के पहले सेशन में स्पिनर्स को टर्न मिल सकता है। तेज गेंदबाजों को भी थोड़ा मूवमेंट मिलेगा।

पुणे में स्लो टर्निंग ट्रैक था, असमान्य उछाल ने भी परेशान किया पुणे टेस्ट में रैंक टर्नर पिच नहीं थी। यह एक स्लो टर्निंग पिच थी। हालांकि, मैच आगे बढ़ने के साथ पिच में असमान्य उछाल मिलने लगा, जिसने भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया था। इस मुकाबले में भारतीय टीम के 20 में से 19 बल्लेबाजों को कीवी स्पिनर्स ने आउट किया, इनमें से 13 विकेट अकेले मिचेल सैंटनर ने लिए थे। मुकाबले में भारतीय स्पिनर्स ने भी 19 विकेट झटके थे। एक बल्लेबाज रनआउट हुआ था।

भारतीय स्पिनर्स हावी रह सकते है वानखेड़े की पिच में भारतीय स्पिनर्स हावी रह सकते हैं। यहां रविचंद्रन अश्विन ने 18.42 की औसत से 38 विकेट झटके हैं। वहीं, रवींद्र जडेजा ने अपने एक मात्र टेस्ट में 6 विकेट झटके थे।