नोरा फतेही ने हाल ही में काम मिलने को लेकर आईं चुनौतियों के बारे में बात की। नोरा ने कहा, ‘शुरुआत में मुझे काफी रिजेक्शन का सामना करना पड़ा, जो मेरे लिए बिल्कुल आसान नहीं था। लेकिन इसके बाद भी मैंने कभी हार नहीं मानी और मेहनत करती रही। इसी का नतीजा है कि आज मुझे सफलता हाथ लगी है।’
मेलबर्न के इंडियन फेस्टिवल में राजीव मसंद से बात करते हुए नोरा ने कहा, ‘मुझे याद है, मैं एक बार यशराज फिल्म्स के लिए ऑडिशन देने गई थी। मैंने हफ्तों तक अपने डायलॉग्स याद किए। मुझे लगा था मैंने बेहतरीन ऑडिशन दिया। लेकिन उन्होंने मुझे वापस नहीं बुलाया और फीडबैक देते हुए कहा कि मैं इतनी अच्छी नहीं हूं। ये सुनकर मैंने गुस्से में अपना मोबाइल फोन तोड़ दिया।’
नोरा ने कहा, सफलता मिलने का एक सही समय होता है। जब वह समय आता है तो सभी दरवाजे खुल जाते हैं। लेकिन अगर मैं उन दरवाजों को खोलने की कोशिश करूं जो मेरे लिए नहीं हैं, तो इसका कोई फायदा नहीं होगा।’
नोरा ने कहा, जिन प्रोजेक्ट्स के लिए मुझे रिजेक्ट किया गया था। वह ज्यादा सफल नहीं हुए। जब वे फिल्में आईं, तो वे फ्लॉप हो गईं या बहुत बुरी रहीं। उस वक्त मैं सोचती थी कि हे भगवान मैं इन फिल्मों के लिए रोई? मैंने अपना फोन तोड़ा? शायद वो फिल्म मेरे करियर को भी खराब कर सकती थी, इसलिए अब मैंने छोड़ना भी सीख लिया है।’
नोरा ने कहा, अधिकतर लोग जब इंडस्ट्री में आते हैं तो वह सोचते हैं कि मैं बाहर से आया हूं। कैसे मैनेज होगा। लेकिन मेरा मानना है कि आत्मविश्वास और लगन होना बेहद जरूरी है, ताकि आपकी मेहनत उन्हें सोचने पर मजबूर कर दे। आखिर ये लड़की कौन है, ये इतनी आत्मविश्वास से भरी कैसे है? यकीन मनिए यह मेरे लिए बहुत मददगार साबित हुआ।’