एक्ट्रेस रोज सरदाना ने टेलीविजन से करियर की शुरुआत की, लेकिन उन्हें सक्सेस नहीं मिली। तंग आकार एक्ट्रेस ने टीवी छोड़, फिल्मों के लिए कोशिश शुरू की। ‘दृश्यम 2’ और ‘वाइल्ड वाइल्ड पंजाब’ जैसी फिल्मों में काम कर चुकी रोज सरदाना की फिल्म ‘भूल भुलैया 3’ रिलीज हुई है। पिछले दिनों एक्ट्रेस ने दैनिक भास्कर से बातचीत की। पेश है कुछ खास अंश…
करियर की शुरुआत से लेकर ‘भूल भुलैया 3’ तक का सफर कैसा रहा ?
अब तक बहुत ही अनुभव भरा सफर रहा है। मुंबई जैसे शहर में बहुत ही उतार-चढ़ाव रहे हैं। मैंने फिल्मों के बारे में कभी नहीं सोचा था। मुझे लगता था कि फिल्मों की दुनिया बहुत ही अलग है। इसलिए मैं टेलीविजन में ही करियर बनाना चाह रही है, लेकिन टेलीविजन में कभी सफल नहीं रही। मुझे या तो शो से निकाल दिया जाता था, या फिर रिप्लेस कर दिया जाता था।
टेलीविजन पर पहला मौका कब मिला, कैसे अनुभव रहें?
मुंबई आने के दो महीने के बाद ही मुझे बालाजी टेलीफिल्म्स के शो ‘मेरी आशिकी तुमसे ही’ में मौका मिला। मैं बहुत खुश थी, लेकिन मुझे यह नहीं पता था कि शूटिंग कैसे होती है? पहला शॉट देते वक्त बहुत नर्वस थी। उस शो को अनिल सर (अनिल वी कुमार) डायरेक्ट कर रहे थे। वो इतना डांटने लगे कि मैं रोने लगी थी। दो महीने के बाद मुझे शो से निकाल दिया गया।
जब आपको शो से निकाल दिया गया तो खुद को कैसे संभाला?
उस समय मुझे बिल्कुल भी बुरा नहीं लगा था। मैं ठीक से परफॉर्म नहीं कर पा रही थी। कोई भी प्रोडक्शन हाउस अपना नुकसान क्यों चाहेगा? उसके बाद भी टेलीविजन की मेरी जर्नी बहुत ही दुख भरी रही है। मैंने जितने शो किए, उनमें से मुझे निकाल दिया गया या फिर रिप्लेस कर दिया गया। कई शो तो बंद हो गए। टीवी में जहां भी कोशिश करती थी, मेरे साथ ऐसा होता था। मैंने सब टीवी के लिए एक शो ‘हम आपके घर में रहते हैं’ किया था। इसमें मेरी लीड भूमिका थी। मुझे लगा कि अब तो लाइफ सेट है। चार महीने के बाद प्रोडक्शन से फोन आया कि आपको रिप्लेस किया जा रहा है। चैनल आपके काम से खुश नहीं है।
तंग आकार मैंने डिसाइड किया कि अब टीवी नहीं करना है। मैंने ओटीटी और फिल्मों के लिए कोशिश करनी शुरू कर दी। वहां से मुझे रिस्पॉन्स मिलने लगा। मुझे ‘दृश्यम 2’ में काम करने का मौका मिला। इसमें छोटा सा ही किरदार था, लेकिन उस किरदार को लोगों ने नोटिस किया। इसके बाद मैंने लव रंजन की फिल्म ‘वाइल्ड वाइल्ड पंजाब में काम किया। सबसे अच्छी बात यह थी कि इस फिल्म की शूटिंग मेरे होम टाउन चंडीगढ़ में हुई थी। यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी। इसके बाद मुझे ‘भूल भुलैया 3’ में मौका मिला।
‘भूल भुलैया 3’ में कैसे मौका मिला?
यह फिल्म मुझे ऑडिशन से मिली थी। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान मेरे लिए सबसे यादगार क्षण माधुरी मैम (माधुरी दीक्षित) से मिलना था। मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि माधुरी मैम के साथ परफॉर्म करूंगी। इस फिल्म मैंने तृप्ति डिमरी की बहन का किरदार निभाया है। जब यह फिल्म कर रही थी तो इसके बारे में किसी को भी नहीं बताया था। इतना रिजेक्शन झेल चुकी थी कि मुझे डर लग रहा था कि पता नहीं क्या होगा? मेरे पेरेंट्स को रिजेक्शन सुनने की आदत लग गई थी। वो यही सोचते थे कि पता नहीं इसका क्या होगा?
जब आपने शुरू में पेरेंट्स को एक्टिंग प्रोफेशन के बारे में बताया होगा तब उनकी क्या प्रतिक्रिया थी?
मम्मी को जब बताया तो उनको लगा कि पागल हो गई हूं। पापा बिल्कुल भी तैयार नहीं थे। मैं बेंगलुरु में जॉब कर रही थीं। पापा चाह रहे थे कि जॉब ही करूं। मैं जॉब से खुश नहीं थी। सात महीने के दौरान ही पूरी तरह से डिप्रेशन में चली गई थी। उन दिनों मेरा छोटा भाई मुंबई में रहता था। उससे मिलने के बहाने मुंबई आ गई थी। उस समय भईया नहीं होते तो मेरे लिए मुश्किल हो जाता।
मुंबई में किस तरह से सरवाइव किया आपने ?
पिछले दस साल से कॉन्सर्ट में एंकरिंग कर रही हूं। इससे मुझे आर्थिक रूप से बहुत हेल्प मिली। पेरेंट्स भी इस वजह से शांत रहते थे कि कुछ तो कमा रही है। वर्ना उनको बहुत चिंता रहती थी कि मुंबई में क्या कर रही होगी? रिश्तेदारों की बातें भी बहुत चुभती थीं। एक बार पेरेंट्स को मुंबई बुलाया। तब एक छोटे से कमरे में रहती थी। उनको इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा कि छोटे से कमरे में रहती हूं। वो मुंबई का माहौल देखकर बहुत खुश थे। मुंबई ऐसा शहर हैं, जहां पर लड़कियां रात के दो बजे भी बिना डरे घूम सकती हैं।
आपके पेरेंट्स से रिश्तेदार क्या कहते थे?
रिश्तेदार फोन करके पेरेंट्स को बहुत परेशान करते थे। पूछते थे कि कल टीवी पर देखा था आज नहीं देखा। मुंबई में क्या कर रही होगी। कहते थे कि मुंबई में अपनी लाइफ खराब कर रही है। उसकी शादी करवा दो। उनकी बातें सुनकर पेरेंट्स भी कॉल करके बहुत तंग करते थे। जब वो मुंबई आए तब उनको समझ में आया कि क्या कर रही हूं।
शाहरुख खान, माधुरी दीक्षित और जूही चावला की फिल्में देख कर लगता था कि यह कैसी दुनिया है। उस समय सब सपने जैसा लगता था। चंडीगढ़ जैसे शहर में फिल्मों के बारे में सोचना बहुत बड़ी बात थी। मैंने सिर्फ टीवी के बारे में सोचा था। खुद को खुशकिस्मत मानती हूं कि ‘भूल भुलैया 3’ जैसी फिल्म में काम करने का मौका मिला।