सैजिलिटी इंडिया का IPO ओपन हुआ:7 नवंबर तक बिडिंग कर सकते हैं निवेशक, मिनिमम इन्वेस्टमेंट ₹15,000

हेल्थकेयर फोकस्ड सॉल्यूशंस और सर्विसेज मुहैया कराने वाली सैजिलिटी इंडिया का इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO आज ओपन हो गया है। निवेशक इस इश्यू के लिए 7 नवंबर तक बिडिंग कर सकते हैं। 12 नवंबर को कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे।

इस इश्यू के जरिए कंपनी ₹2,106.60 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। इसके लिए सैजिलिटी इंडिया के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए पूरे ₹2,106.60 करोड़ के 702,199,262 शेयर बेच रहे हैं। कंपनी एक भी फ्रेश शेयर इश्यू नहीं कर रही है।

अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं।

मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं?

सैजिलिटी इंडिया ने इस इश्यू का प्राइस बैंड 28 रुपए से 30 रुपए प्रति शेयर तय किया है। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 500 शेयर्स के लिए बोली लगा सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड 30 रुपए के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए 15,000 रुपए लगाने होंगे।

वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 6500 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹195,000 इन्वेस्ट करने होंगे।

इश्यू का 10% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व

कंपनी ने इश्यू का 75% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा 10% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है।

सालाना आधार पर 13% बढ़ा कंपनी का रेवेन्यू

वित्त वर्ष 2023-24 में सैजिलिटी इंडिया का रेवेन्यू सालाना आधार पर 13% बढ़कर 4,781.5 करोड़ रुपए हो गया। एक साल पहले यह 4,236.06 करोड़ रुपए था।

शुद्ध मुनाफा एक साल पहले के मुकाबले 59% बढ़कर 228.27 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2023 में मुनाफा 143.57 करोड़ रुपए था। अप्रैल-जून 2024 तिमाही में रेवेन्यू 1,247.76 करोड़ रुपए और शुद्ध मुनाफा 22.29 करोड़ रुपए दर्ज किया गया।

IPO क्या होता है?

जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।