कोलकाता रेप-मर्डर केस, सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई:बेंच पहले ही नेशनल टास्क फोर्स की कार्रवाई से खुश नहीं; आरोपी पर आरोप तय

कोलकाता रेप-मर्डर केस को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। 15 अक्टूबर को हुई पिछली सुनवाई में कोर्ट ने नेशनल टास्क फोर्स (NTF) की वर्किंग को लेकर असंतोष जताया था। साथ ही NTF को 3 हफ्ते के अंदर डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर अपने सुझाव देने के निर्देश दिए थे।

CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच ने कहा था कि NTF को डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रोटोकॉल बनाने की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन ये बहुत धीमी गति से काम कर रहा है।

कोर्ट ने कहा था कि NTF की पहली बैठक 27 अगस्त को हुई थी। हैरानी की बात है कि 9 सितंबर के बाद से कोई बैठक नहीं हुई। कोई प्रोग्रेस क्यों नहीं हुई? इस टास्क फोर्स को अपने काम में तेजी लानी होगी।

वहीं, 4 नबंवर को पश्चिम बंगाल की सियालदह कोर्ट ने आरजी कर मामले के मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ आरोप तय कर दिए। 11 नवंबर से मुकदमे की रोजाना सुनवाई होगी।

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 8 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप और मर्डर किया गया था। 9 अगस्त को विक्टिम की बॉडी मिली थी। इसे लेकर डॉक्टरों ने 42 दिन तक देशभर में प्रदर्शन किया था।

कोलकाता रेप-मर्डर केस में आरोपी पर 87 दिन बाद आरोप तय 4 नवंबर को सियालदह कोर्ट ने आरोपी संजय रॉय के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे। 11 नवंबर से मुकदमे की रोजाना सुनवाई होगी। पेशी के बाद पुलिस जब संजय को बाहर लेकर निकली तो पहली बार वह कैमरे पर कहता नजर आया था कि ममता सरकार उसे फंसा रही है। उसे मुंह न खोलने की धमकी दी गई है।

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने अपनी चार्जशीट में संजय रॉय को मुख्य आरोपी बताया है। इसके अलावा केस को गैंगरेप की बजाय रेप केस बताया है। चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि पीड़ित के शरीर से मिला सीमन सैंपल और खून आरोपी से मैच हो चुका है। वहीं क्राइम सीन पर मिले छोटे बाल भी फोरेंसिक जांच के बाद आरोपी के बालों से मैच हो गए हैं।

CBI की चार्जशीट में 100 गवाहों के बयान, 12 पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट, CCTV फुटेज, फोरेंसिक रिपोर्ट, मोबाइल की कॉल डिटेल और लोकेशन जैसी चीजें शामिल हैं। इसके अलावा वारदात के दिन आरोपी का इयरफोन और मोबाइल ब्लूटूथ से कनेक्ट हो गया था। इसे भी चार्जशीट में अहम सबूत माना गया है।

आरजी की घटना के विरोध में डाक्टरों का आमरण अनशन जारी वहीं, घटना के विरोध में 5 अक्टूबर से जारी डॉक्टरों के आमरण अनशन का जारी है। तबीयत बिगड़ने के कारण कई डॉक्टरों को अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है। 4 नवंबर को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ डॉक्टरों की बैठक हुई, जो बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई थी।

मीटिंग से बाहर आने के बाद पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम के अध्यक्ष डॉ. कौशिक ने कहा था- कुछ नहीं हुआ, रिजल्ट जीरो। 10 दिन हो गए हैं, 4 डॉक्टर ICU में हैं और एक बहुत बीमार है। हमने सरकार से उन प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से बात करने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने कहा कि वे देखेंगे, उन्हें अनुमति की आवश्यकता होगी। वे अहंकारी हो रहे हैं।

वहीं, 26 अक्टूबर को आमरण अनशन में शामिल जूनियर डॉक्टरों के एक समूह ने अलग एसोसिएशन बनाया। उनका आरोप है कि पश्चिम बंगाल जूनियर फ्रंट के डॉक्टरों ने आंदोलन को आरजी कर घटना के लिए न्याय की मूल मांग से दूर कर दिया है और व्यक्तिगत टारगेट पर आ गए हैं। नए डॉक्टर एसोसिएशन ने अपना नाम पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन रखा गया है।

भूख हड़ताल के दौरान क्या-क्या हुआ

13 अक्टूबर

  • चीफ सेक्रेटरी की अपील- डॉक्टर 1 दिन के लिए हड़ताल-प्रोटेस्ट रोकें: बंगाल सरकार चीफ सेक्रेटरी मनोज पंत ने डॉक्टरों को मेल कर कहा है कि 15 अक्टूबर को एक दिन के लिए भूख हड़ताल और प्रोटेस्ट पर रोक लगाएं, क्योंकि इस दिन रानी रोशनी रोड से पूजो कार्निवाल निकलेगा, जिसमें पूरे स्टेट से हजारों लोग हिस्सा लेते हैं।

12 अक्टूबर

  • सरकार बोली- डॉक्टरों के इस्तीफे की वैधता नहीं: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और पश्चिम बंगाल के अन्य अस्पतालों से 200 से ज्यादा डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है। इसे लेकर बंगाल सरकार ने कहा है कि ये सामान्य पत्र हैं, इनकी कोई कानूनी वैल्यू नहीं है। हालांकि, कई डॉक्टर यह साफ कर चुके हैं कि उनका इस्तीफा प्रतीकात्मक था और वे अब भी मरीजों को देख रहे हैं।
  • डॉक्टर बोले- पुलिस दबाव डाल रही: भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों ने कहा कि बंगाल पुलिस हड़ताल खत्म कराने के लिए दबाव डाल रही है। वह हमारे मरीजों के जरिए हम पर हड़ताल खत्म करने का प्रेशर डाल रही है।

11 अक्टूबर

  • मुख्य सचिव की रिपोर्ट: मुख्य सचिव मनोज पंत ने पश्चिम बंगाल में चल रहे हेल्थ इनीशिएटिव की स्टेटस रिपोर्ट भेजी। उन्होंने डॉक्टरों को लिखे मेल में बताया- डॉक्टरों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए मेडिकल कॉलेजों में 7,051 CCTV कैमरे, 893 नए ड्यूटी रूम और 778 वॉशरूम बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा सभी अस्पतालों में अलार्म सिस्टम और बायोमेट्रिक एक्सेस कंट्रोल सिस्टम भी लगाए जा रहे हैं।
  • IMA चीफ डॉक्टरों से मिले: IMA के चीफ डॉक्टर अशोकन ने भूख हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से मुलाकात की। उन्होंने कहा- ये बच्चे अपने लिए नहीं, बल्कि लोगों के हित के लिए लड़ रहे हैं। वे असली हीरो हैं और हम सभी को उन पर गर्व है।

10 अक्टूबर

  • ममता ने 4 डॉक्टर भेजे: भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों के स्वास्थ्य की जानकारी के लिए ममता सरकार ने 4 विशेषज्ञ डॉक्टरों को भूख हड़ताल वाली जगह पर भेजा। उन्होंने डॉक्टरों को तबीयत बिगड़ने से पहले अस्पताल में भर्ती होने का सुझाव दिया।

9 अक्टूबर

  • मुख्य सचिव और हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों की मीटिंग: मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ डॉक्टरों के एक दल ने 9 अक्टूबर को करीब 2 घंटे तक मीटिंग की। साल्ट लेक में स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय में हुई इस बैठक में राज्य भर के मेडिकल कॉलेज के लगभग 20 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला। जूनियर डॉक्टर बोले- राज्य सरकार ने दुर्गा पूजा के बाद मांगों के बारे में सोचने की बात कही है।
  • 100 से ज्यादा डॉक्टरों का इस्तीफा: आरजी कर अस्पताल के 106 डॉक्टरों और फैकल्टी ने इस्तीफा दिया। जलपाईगुड़ी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के 19, सिलीगुड़ी के नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के 42, कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के 35 और कोलकाता के मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के करीब 70 डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं।