महायुति का विजन महाराष्ट्र 2029, शिंदे की 10 गारंटी:किसानों का लोन माफ, हर महीने 25 लाख नौकरियां, छात्रों को 10 हजार रुपए महीने का वादा

महाराष्ट्र के सीएम ने महायुति गठबंधन के घोषणा पत्र के 10 प्रमुख वादों का ऐलान किया। मंगलवार को कोल्हापुर में जनसभा के दौरान उन्होंने कहा कि विजन महाराष्ट्र 2029 के लिए सरकार बनने के 100 दिनों के भीतर इन वादों को पूरा किया जाएगा।

शिंदे ने कहा कि महायुति का पूरा घोषणा पत्र आने वाले दिनों में सार्वजनिक किया जाएगा। इस दौरान महाराष्ट्र के दोनों डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी मौजूद थे। महाराष्ट्र में सिंगल फेज में 20 नवंबर को वोटिंग है और 23 नवंबर को रिजल्ट घोषित होगा।

प्रमुख वादों में लाड़ली बहन योजना की राशि 1500 से बढ़ाकर 2100 करना, बिजली बिलों में 30% तक की कमी, वृद्धावस्था पेंशन की राशि 1500 से 2100 रुपए करना, हर महीने 25 लाख नौकरियां देने का वादा शामिल है।

शिंदे बोले- कांग्रेस खटाखट करती रही, एक रुपया नहीं दिया, हमने पटापट पैसे डाले 2 नवंबर को एकनाथ शिंदे ने न्यूज एजेंसी ANI को इंटरव्यू दिया था। उन्होंने कहा था- मेरी लाडली बहना से पूछिए कि क्या उन्हें 1500 रुपए से फायदा हो रहा है। मैं एक गरीब किसान परिवार से हूं। मैंने गरीबी देखी है। मैं सोचता था कि जब भी सत्ता मिलेगी, माताओं- बहनों और किसानों के लिए कुछ करूंगा।

शिंदे ने फ्रीबीज के मुद्दे को लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग खटाखट-खटाखट करते रह गए, लेकिन उन्होंने एक भी रुपया नहीं दिया। हमारी सरकार पटापट-पटापट पैसे डालती है।

उन्होंने कहा था कि विपक्षी मुझे केंद्र सरकार की कठपुतली समझते हैं। सत्ता मिलते ही मैंने दोनों डिप्टी CM को बताया कि माताओं और बहनों के लिए क्या करना है।

जिस इलाके की फैक्ट्री में कभी मछलियां छीलीं, वहीं के 4 बार विधायक बने एकनाथ शिंदे एकनाथ शिंदे का जन्म 9 फरवरी 1964 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के पहाड़ी जवाली तालुका में हुआ था। शिंदे के पिता संभाजी शिंदे एक किसान थे। बचपन में ही वो अपने परिवार के साथ ठाणे की एक मराठी बस्ती किसन नगर की चॉल में रहने चले आए थे। पिता ने शिंदे का दाखिला म्युनिसिपैलिटी के स्कूल में करवाया, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से उन्हें स्कूल छोड़ना पड़ा।

शिंदे ने बचपन से ही मजदूरी शुरू कर दी। फैक्ट्री में कई छोटे-मोटे काम किए। फिशरी फार्म में उन्होंने मछलियां छीलने से लेकर सुपरवाइजर तक का काम किया। जब मजदूरी रास नहीं आई तो वो ठाणे में ऑटो चलाने लगे। 18 साल की उम्र में वो RSS की शाखा से जुड़ गए।