राहुल के खिलाफ भाजपा की चुनाव आयोग से शिकायत:कहा- राहुल बोलते हैं कि भाजपा संविधान को कुचलना चाहती है, यह आरोप बेबुनियाद

महाराष्ट्र चुनाव की वोटिंग से 9 दिन पहले भाजपा ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की है।

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोमवार को कहा- राहुल गांधी महाराष्ट्र की रैलियों में भाजपा के खिलाफ झूठा प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल ने 6 नवंबर की रैली में कहा था कि भाजपा संविधान को कुचलना चाहती है। यह आरोप बेबुनियाद है। राहुल राज्यों को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने संविधान की धज्जियां उड़ाईं।

हमने चुनाव आयोग से कहा है कि इसे रोका जाना चाहिए। राहुल गांधी ऐसे बेबुनियाद आरोप लगाने के आदी हैं। चेतावनी और नोटिस के बावजूद वे ऐसा करने से बाज नहीं आ रहे हैं। राहुल के खिलाफ बीएनएस की धारा 353 के तहत FIR दर्ज की जानी चाहिए।

राहुल के 4 और बयान…जिनके खिलाफ भाजपा चुनाव आयोग पहुंची

  1. तमाम उद्योगों और नौकरियों में देखें तो वहां पर एससी- एसटी समुदाय के लोग और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग नजर नहीं आते हैं। गरीब तबके से आने वाले लोगों को भी जगह नहीं मिलती है।
  2. अगर आपको कहीं नौकरी पानी है तो RSS की मेंबरशिप ले लीजिए। इस मेंबरशिप से आपको कहीं पर भी नौकरी मिल जाएगी। वहां पर यह भी नहीं देखा जाएगा की आपकी योग्यता क्या है या फिर आपको क्या कुछ आता है।
  3. जिन फैक्ट्री में युवाओं को रोजगार मिलना चाहिए था वह आपसे छीन लिए गए, आपकी जमीन है आपसे छीनी जा रही है।
  4. ईडी, सीबीआई और चुनाव आयोग केंद्र सरकार के इशारे पर काम करता है। भाजपा इन संस्थाओं का इस्तेमाल करके विपक्षियों की सरकार गिराती है।

कांग्रेस की भी चुनाव आयोग से शिकायत

कांग्रेस के भी एक प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों को लेकर सोमवार को चुनाव आयोग को भाजपा के खिलाफ 8 शिकायतें दीं।

इनमें भाजपा पर सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाली तस्वीर शेयर करने का आरोप लगया गया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भाजपा के ‘एक्स’ हैंडल पर पोस्ट की गई तस्वीर का हवाला दिया।

जयराम रमेश ने कहा- तस्वीर में गलत तरीके से एक व्यक्ति को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को रिक्शे से बाहर निकालते हुए और एक धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्ति को उसमें बैठाते हुए दिखाया गया है।

जयराम रमेश ने कहा- इस तस्वीर के कैप्शन में लिखा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली एमवीए का तुष्टिकरण का खेल जारी है। यह तस्वीर लोगों को एक विशेष धर्म के खिलाफ भड़काती है। चुनाव आयोग ने हमारी शिकायतों को वैध माना है।

महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण पर एक नजर…

लोकसभा चुनाव में भाजपा 23 से 9 सीटों पर सिमटी लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से INDIA गठबंधन को 30 और NDA को 17 सीटें मिलीं।। इनमें भाजपा को 9, शिवसेना को 7 और NCP को सिर्फ 1 सीट मिली थी। भाजपा को 23 सीटों का नुकसान हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव से NDA को 41 जबकि 2014 में 42 सीटें मिली थीं।

लोकसभा चुनाव के हिसाब से भाजपा को नुकसान का अनुमान महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भी अगर लोकसभा चुनाव जैसा ट्रेंड रहा तो भाजपा को नुकसान होगा। भाजपा 60 सीटों के आसपास सिमटकर रह जाएगी। वहीं, विपक्षी गठबंधन के सर्वे में MVA को 160 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। भाजपा के लिए मराठा आंदोलन सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा शिवसेना और NCP में तोड़फोड़ के बाद उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ लोगों की सिम्पैथी है।

विधानसभा चुनाव- 2019

  • 2019 में BJP-शिवसेना गठबंधन था। BJP ने 105 सीटें और शिवसेना ने 56 सीटें जीतीं। गठबंधन से NCP को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं। भाजपा-शिवसेना आसानी से सत्ता में आ जाती, पर मनमुटाव के कारण गठबंधन टूट।
  • 23 नवंबर 2019 को फड़नवीस ने मुख्यमंत्री और अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, बहुमत परीक्षण से पहले 26 नवंबर को ही दोनों ने इस्तीफा दे दिया।
  • 28 नवंबर को शिवसेना (अविभाजित), NCP (अविभाजित) और कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी सत्ता में आई।
  • इसके बाद शिवसेना (अविभाजित) और NCP (अविभाजित) में फूट पड़ गई और ये दो पार्टियां चार धड़ों में बंट गई। फिर भी लोकसभा चुनाव में शरद पवार और उद्धव ठाकरे को फायदा हुआ। अब इसी पृष्ठभूमि पर विधानसभा चुनाव भी हो रहा है।